श्री सिद्धी शक्तिपीठ श्री आईमाताजी धाम बिठुड़ा पीरान मुंबई के मालाड में ऐतिहासिक भव्य और दिव्य बधावणा

मुंबई, 22 मार्च 2025 – मुंबई की पावन धरती पर श्री सिद्धी शक्तिपीठ श्री आईमाताजी धाम, बिठुड़ा पीरान के गादीपति परम पूज्य धर्मगुरुजी पिरोसा श्रीमान गोपालसिंहजी परमार साहब के आगमन पर सीरवी समाज, मुंबई द्वारा भव्य और दिव्य बधावणा, विशाल धर्मसभा एवं भजन संध्या का दिव्य और ऐतिहासिक आयोजन संपन्न हुआ।
इस आयोजन ने समाज की एकजुटता, श्रद्धा और भक्ति का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया, जिसमें समाजबंधुओं की अपार श्रद्धा और समर्पण स्पष्ट रूप से दिखाई दिया। पूज्य धर्मगुरुजी के सान्निध्य में यह आयोजन न केवल एक आध्यात्मिक महोत्सव बना, बल्कि समाजसेवा और धार्मिक आस्था का भी अद्भुत संगम रहा।

गुरुवार, 20 मार्च 2025, प्रातः 11 बजे, परम पूज्य पिरोसा श्रीमान गोपालसिंहजी परमार साहब को रथ की बोली के लाभार्थी परिवार द्वारा भव्य रथ पर विराजमान कराया गया और पिरोसा के बधावणा की बोली के लाभार्थी परिवार द्वारा पूरे जोश व श्रद्धा के साथ भव्य बधावणा का शुभारंभ किया गया।

गगनभेदी जयघोष और मंगल गीतों के साथ वडेर परिसर गूंज उठा। रंग-बिरंगी मारवाड़ी वेशभूषा में पारंपरिक गेर नृत्य, फूलों की वर्षा और ढोल-नगाड़ों की गूंज से शोभायात्रा पूरे इलाके में भक्ति की धारा बहा रही थी। श्री आईमाताजी मंदिर परिसर तक लाल और सफेद रेज़ों पर धर्मगुरुजी का स्वागत किया गया, जहां माताओं और बहनों ने पुष्पवर्षा कर मंगलकामना व्यक्त की।
मुख्य मंदिर में मां श्री आईजी की आरती के पश्चात धर्मसभा का शुभारंभ किया गया।

मंच संचालक प्रेम सीरवी(नवा गुड़ा) द्वारा धर्मसभा की शुरुआत की गई, जिसमें श्रद्धालु समाजबंधुओं ने धर्मगुरुजी के सान्निध्य में आध्यात्मिक संदेशों का श्रवण किया।
धर्मगुरुजी ने अपने संबोधन में कहा: “राजस्थान में पहले से सीरवी समाज के 3 धाम (बिलाड़ा धाम , नारलाई धाम और डायलाना धाम) स्थापित हैं, और अब बिठुड़ा पीरान में बन रहा यह चौथा धाम(श्री सिद्धी शक्तिपीठ श्री आईमाताजी धाम, बिठुडा पीरान), पूरे भारतवर्ष के सीरवी समाज के लिए आस्था का केंद्र बनेगा। समाज का प्रत्येक परिवार इस निर्माण में सहभागिता निभाए, भले ही वह एक ईंट ही क्यों न हो। यह धाम, मात्र एक मंदिर नहीं, बल्कि हमारी आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक बनेगा।”

श्रीमान मांगीलालजी चौहान (सचिव, श्री आईमाता धाम बिठुड़ा पीरान) ने धाम का ऐतिहासिक महत्व बताते हुए समाजबंधुओं को इस महायज्ञ में अधिक से अधिक सहयोग देने का आव्हान किया।
इस भव्य आयोजन के दौरान समाज के अनेक भामाशाहों ने “डायमंड/पर्सनल शिलालेख, गोल्ड शिलालेख व सिल्वर शिलालेख” में अपने परिवार का नाम दर्ज कराकर योगदान दिया।
कई समाजसेवियों ने “ट्रस्टी सदस्यता” ग्रहण कर धाम निर्माण में अपनी सहभागिता सुनिश्चित की। सीरवी विकास मंडल, मालाड वेस्ट कमेटी ने धर्मगुरुजी को भव्य एवं दिव्य मां आईजी की प्रतिमा एवं तस्वीर भेंट कर ऐतिहासिक स्वागत किया।

श्री ओमजी सीरवी एवं प्रकाशजी सीरवी द्वारा प्रस्तुत देशी भजन एवं भक्ति गीतों ने श्रद्धालुओं को भक्ति के रंग में सराबोर कर दिया। माताओं और बालिकाओं द्वारा प्रस्तुत भक्ति नृत्य ने वातावरण को और अधिक भक्तिमय बना दिया। उनकी ऊर्जावान प्रस्तुति से श्रद्धालुओं के हृदय में भक्ति की ज्योत जल उठी।
हजारों श्रद्धालु पूरे दिन भजनों पर झूमते और नाचते रहे।
इस दिव्य आयोजन के दौरान समाजबंधुओं के लिए महाप्रसादी का आयोजन किया गया, जिसमें लगभग 3000 से ज्यादा आईभक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया।
भामाशाहों एवं समाजसेवियों का सम्मान माल्यार्पण एवं साफा पहनाकर किया गया।महाप्रसादी, पिरोसा के बधावणा की बोली, टेंट व्यवस्था की बोली, जल सेवा व्यवस्था की बोली, मंदिर सजावट, रथ व्यवस्था एवं पार्किंग की शानदार व्यवस्थाओं के लिए सभी भामाशाहों की सराहना की गई।
इस दिव्य आयोजन को सफल बनाने में सीरवी समाज मुंबई की पूरी टीम जिसमें कांदिवली वडेर की पूरी टीम, सीरवी समाज प्रवासी युवा टीम-चाणोद, मालाड ईस्ट वडेर की पूरी टीम, बोरीवली-दहिसर वडेर की पूरी टीम,वेस्टर्न क्रिकेट कमेटी की पूरी टीम, गोरेगांव वडेर की पूरी टीम, घाटकोपर वडेर, मीरा-भाईंदर वडेर, सीरवी विकास मंडल मालाड वेस्ट, एवं समस्त सीरवी समाज, मुंबई की भूमिका अत्यंत सराहनीय रही।
मुख्य अतिथि गण श्रीमान मांगीलालजी चौहान (सचिव, श्री आईमाता धाम बिठुड़ा पीरान एवं सचिव, सीरवी विकास संस्थान परगना सुमेरपुर), तगारामजी सोलंकी(उपाध्यक्ष,श्री आईमाता धाम,बिठुड़ा पीरान), उदयचंदजी, भुरारामजी बर्फा (उपाध्यक्ष,श्री आईमाता धाम,बिठुड़ा पीरान एवं कोषाध्यक्ष, सीरवी छात्रावास ट्रस्ट,जयपुर) दिनेशजी गेहलोत (महासभा प्रांतीय अध्यक्ष, महाराष्ट्र), कल्याण, पालघर, बोईसर, विरार, नालासोपारा, वसई वडेर अध्यक्ष एवं नवी मुंबई के समस्त वडेर पदाधिकारीगण।
धर्मगुरुजी पिरोसा श्रीमान गोपालसिंहजी परमार ने आयोजन की भव्य सफलता एवं समाजबंधुओं की अपार श्रद्धा को देख सभी समाजसेवियों एवं श्रद्धालुओं का आभार प्रकट किया और यह संकल्प दिलाया कि सीरवी समाज हमेशा एकजुट रहकर धर्म और संस्कृति के उत्थान में अपना योगदान देगा।
यह आयोजन सीरवी समाज, मुंबई के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बनेगा।
इस भव्य और ऐतिहासिक आयोजन की पूरी जानकारी रमेश कोटवाल (मीडिया प्रभारी, श्री आईमाता धाम,बिठुड़ा पीरान) द्वारा न्यूज में साझा की गई।

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