सिर्वी समाज बडवानी के पंचों द्वारा स्व श्री तेजाजी परमार के उत्त्तराधिकारी कैलाश परमार का तिलक वंदन कर पगड़ी परंपरा से परिचय
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तलवाड़ा बुजुर्ग (बड़वानी जिला) स्वर्गीय तेजाजी परमार के पगड़ी रस्म कार्यक्रम में जाना हुआ कार्यक्रम में जिला संगठन बड़वानी एवं सिर्वी समाज सकल पंच तलवाड़ा बुजुर्ग में विलुप्त होती परंपरा को पुनः प्रारम्भ की पहल की।
उठावना कार्यक्रम में पगड़ी रस्म के बाद श्रद्धांजलि कार्यक्रम के पश्चात हम अन्नदान भोजन प्रसादी के लिए प्रस्थान करते हैं तलवाड़ा बुजुर्ग में मुझे एक नई परंपरा दिखाई दी …! पगड़ी रसम कार्यक्रम में जिले में शोकाकुल परिवार को पंचों द्वारा एक पौधा स्मृति स्वरूप भेट करने के साथ तलवाड़ा बुजुर्ग के सिर्वी समाज पंचो द्वारा प्रथम प्रयास में विगत 7 माह एक नई परंपरा का निर्वाह करते हुए देवगत व्यक्ति के उत्तराधिकारी को तिलक वंदन कर पगड़ी बंधवाकर परिवार का उत्तराधिकारी बनने का सभी सगा संबंधी रिश्तेदारी एवं समाज जनों के बीच परिचय करने की पहल की है इस नई पहल के लिए सिर्वी समाज जिला संगठन बड़वानी एवं तलवाड़ा बुजुर्ग सिर्वी समाज के संकल पंच बधाई के पात्र है हम सभी के लिए प्रेरणा देने वाला संदेश है..✍🏻 🙏
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🔸 पगड़ी रसम क्या होती है..?
रसम पगड़ी एक सामाजिक समारोह है, जिसमें परिवार के सबसे बड़े पुरुष सदस्य के निधन पर पगड़ी बांधी जाती है. यह समारोह,हिंदुओं में प्रचलित है.
🔸 रसम पगड़ी की रीति :- 😊
यह रस्म, परिवार के मुखिया से लेकर सबसे बड़े बेटे तक जिम्मेदारियों के हस्तांतरण का प्रतीक है.
यह रस्म, अंतिम संस्कार के चौथे दिन या फिर तेहरवीं को आयोजित की जाती है.
इस रस्म में, परिवार का सबसे बड़ा जीवित पुरुष सदस्य, विस्तारित परिवार या समाज जनों की उपस्थिति में, अपने बड़े व्यक्ति के सिर पर पगड़ी बांधता है.
🔸 रसम पगड़ी का महत्व :-😊
यह रस्म, परिवार के मान-सम्मान और कल्याण की ज़िम्मेदारी अब इस पुरुष के कन्धों पर है, यह दर्शाती है.
यह रस्म, परिवार के नए मुखिया को सम्मान देने और नई ज़िम्मेदारी सौंपने का प्रतीक है.. ✍🏻
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विजय राठौर (स्वदेश)सिघाना
सहयोगी सदस्य:-सीरवी समाज संपूर्ण bharat.com
तहसील मीडिया प्रभारी :-मनावर✍🏻
सिर्वी समाज बडवानी के पंचों द्वारा स्व श्री तेजाजी परमार के उत्त्तराधिकारी कैलाश परमार का तिलक वंदन कर पगड़ी परंपरा से परिचय
