सीरवी समाज के प्रथम आई एफ इस अफसर उमाराम जी सीरवी सानपुरा द्वारा स्वयं ने ये गाना लिखा व गाया

जोधपुर – पर्यावरण को स्वस्थ एवं सुरक्षित रखने के लिए हर एक की भागीदारी व जन जागृति की आवश्यकता है! यह विचार महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय,बीकानेर के पूर्व कुलपति प्रोफेसर (डॉ.)गंगाराम जाखड़ ने शुष्क वन अनुसंधान संस्थान (आफ री),सभागार में व्यक्त किए! बतौर मुख्य अतिथि डॉक्टर जाखड़ ने वर्षा जल संरक्षण एवं भूमिगत जल के पुनः रिचार्ज करने, सही तरह से वनीकरण कार्यक्रमों की रूपरेखा बनाने व शोध कार्यों को प्रयोगशाला से भूमि तक पहुंचाने पर जोर दिया!आफ री निदेशक एमआर बालोच ने पश्चिम बंगाल में चल रहे सबूज श्री (हरियाली श्री) कार्यक्रम की तर्ज पर छोटे बच्चों की माताओं को पौधे वितरित करते हुए बताया कि पश्चिम बंगाल में इस कार्यक्रम के तहत लगभग 50 लाख पौधे वितरित किए जा चुके हैं! इससे पूर्व आफ री के विस्तार प्रभाग के प्रभागाध्यक्ष उमा राम चौधरी ने पारंपरिक किसान की वेशभूषा में *“चेतो रे चेतो रे भाया,कुदरत ने सवारो”* नामक कविता नृत्य के साथ प्रस्तुत की!कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर संगीता सिंह ने किया धन्यवाद ज्ञापन रमेश मालपानी ने दिया!

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