बेंगलुरु . सीरवी समाज के आई माता मन्दिर में चल रहे चातुर्मास में शीतल संत राजाराम ने कहा की भक्ति करने के लित्ये सतगुरु की शरण में जाना पड़ता है. उन्होंने कहा जिस प्रकार बृज गोपियों की प्रत्येक श्वास में भगवान् श्रीकृष्ण सपा गए थे, उससे यह सिद्ध होता है की जिनके भगवान् की प्राप्ति हो जाती है , ईश्वर की शक्ति सामर्थ्य एवं ऐश्वर्य का पता चल जाता है. उम्हें सांसारिक सभी पद प्रतिष्ठा एवं ऐश्वर्य तुच्छ लगते हैं. वस्तुत भगवान् कभी-कभी अपनी लीलाओं के रस को बनाए रखने के लिए ईश्वरत्व को अपनी माया से ढंक देते है. उन्होंने कहा जो अपने है वे सांसारिक माया अविद्ध्य से प्रभावित रहते है तथा जहाँ अपने आराध्य को प्रसन्न के लिए प्रेम करते है. सीरवी समाज के अध्यक्ष हेमाराम पंवार, उपाध्यक्ष दलाराम लचेटा, सचिव ओमप्रकाश बर्फा ने सभा को संबोधित किया. इस मोके पर बड़ी संख्या में समाज के लोग मोजूद थे .