जरूर एक बार पढ़े।
आप सभी भाई – बहनों ओर माताओ ओर पिता समान सभी किसान भाइयों को मेरा सादर प्रणाम..। में आप सब लोगो तक एक सन्देश पहुचाना चाहता हूं.की आज हमारे किसान भाई दिन-रात मेहनत करते है लेकिन उनको उनकी मेहनत का फल नही मिल पाता है आज हमारे समाज के भाई देश-विदेश में कारोबार करते है.. पैसा भी कमाते है.. लेकिन किसान भाई वही का वही .. ओर भूमि भी बंजर होती जा रही है। यहाँ तक हम भी स्वस्थ नही है .. ओर हमारा परिवार ,हमारा समाज, हमारा गाव, व देश भी अस्वस्थ है.. देश न जाने कितने तरह की बिमारिया फैल गयी है .. सबसे ज्यादा किसान भाई मेहनत करने पर भी आत्म हत्या कर रहे है, कर्ज माफी के लिए आंदोलन कर रहे है…इसका कारण क्या है आज तक हमने ये सोचा नही.. आज में आपको इस हक़ीक़त से रूबरू करवाता हु.. भारत एक कृषि प्रधान देश है.. पूरे विश्व का भारत मे 10% पैदावार होती है.. फिर भी भारत के किसान गरीब है । सन 1956 में भारत मे भीषण अकाल पड़ा था। जब भारत से इंग्लैंड में महंगे मसाला भेजे जाते थे। अकाल पड़ने पर वहा से गेहूं मंगवाया जाते थे। इंग्लैंड से ऐसे लाल गेंहू भेजे जाते थे जो वहा के घोंड़े खाते थे… जब भारत सरकार ने भारत में सन1960 में हरित क्रांति लायी गयी । हरित क्रांति के3 उद्देश्य थे .. (1) संकर बीजो का निर्माण , (2) रासायनिक खादों का प्रयोग , (3) जल सरक्षण । रासायनिक खाद का प्रयोग 1 एकड़ में 7 किलो था ..(नाइट्रोजन -4किलो, फास्फोरस -2 किलो, पोटास -1 किलो ..) डाला था। जब रासायनिक खाद का प्रयोग किया तो बहुत अच्छी पैदावार हुई.. । हमारे किसान भाइयो ने सोचा कि 7 किलो की जगह इसकी मात्रा बढ़ा दी जाए और उन्होंने एक एकड़ में ओर ज्यादा रासायनिक खाद डाला तो ओर भी अच्छी फसल हुई..। ऐसे करके मात्रा इतनी बढ़ा दी कि आज एकड़ में जहा 7 किलो खाद होनी चाहिए वो आज 200-300 किलो हो गयी .. जिससे हमारी धरती माँ बंजर होती जा रही है.। रासायनिक खाद ( केमिकल) डालने से हमारी जमीन के अंदर केमिकल की परत बन गयी .. जिससे फसल बोते तो ठीक से फसल की जो प्रोटीन मिलना चाहिए तो वो मिल नही पाता । ओर फसल सही से नही उगती । ओर जो फसल होती है वो पूरी केमिकल वाली होती है.. ऐसी फसल खाने न जाने देश मे कितने तरह की बीमारियां आ गयी. । पूरे विश्व में 206 देशो में एक दिन में हृदय की बीमारी से 10 लोगो की मृत्यु होती है जिसमे 205 देश मे 1 मृत्यु ओर अकेले भारत मे 9 लोगो की मृत्यु होती है .. ये एक गंभीर चिंता का भी विषय है.. । ओर तो ओर हमारे देश मे जो भी कंपनी सामान बनाती है उसकी कीमत खुद कंपनी वाले लगाते है लेकिन किसान भाई जब खुद फसल की पैदावार करते है तो वो खुद अपनी फसल की किंमत क्यू नही लगाते है.. । आज आपने बहुत जगह रेलवे स्टेशनों पर देखा होगा कि गेहूं सड़ रहे है..। आज भारत से जो गरीब देश है वो ही केमिकल वाली सब्जिया , फल , ओर धान खरीदता है.. ओर जो भारत से अमीर देश है वो कभी केमिकल नही खरीदता .. जिससे भारत मे किसानों को उनकी फसल का दाम सही से नही मिल पाता ..। यहा तक हमारा पड़ोशी देश नेपाल भी नही खरीदता है ..। क्यू की केमिकल से लोग पूरी तरह से बड़ी बड़ी बीमारियों से ग्रस्त हो गए । आज सही दाम नही मिलने का एक ही कारण है कि अनाज में केमिकल होना। आज से कुछ साल पहले जब फसल में पानी देते तो पानी 8-9 दिन नही सकता था लेकिन आज 2-3 दिन में सुख जाता है । केमिकल की वजह से पानी अंदर तक नही जाता और बाढ़ आना भी इसका ही कारण है । भारत एक ऐसा राज्य सिकिम जो 12 साल से जैविक खेती करता है..। ओर वहा केमिकल की एंट्री तक नही करने देते है..।आज वहा के गेंहू विदेशो में निर्यात होते है .. ओर 50-60/- किलो गेंहू बिकते है । आज से 12 साल पहले जो पैदावार होती थी आज जैविक खेती करने से उनकी पैदावार 3 गुना बढ़ गयी है ।क्या हम मिल कर अपनी अपनी भूमि , अपना गांव, अपना जिला को केमिकल से नही बचा सकते । क्या हम एक क़दम आगे आकर हम अपने परिवार और समाज ओर गाव को बीमारियों से मुक्ति नही दिला सकते .। हम सब मिल कर अगर अपनी अपनी भूमि में अगर जैविक खेती करेंगे तो आने वाला 3-4 साल बाद हमारा भारत देश वापस एक सोने की चिड़िया बन जायेगा .. ओर हमारे किसान भाइयो को आंदोलन करने की जरूरत नही पड़ेगी . फिर से हमारी भूमि उपजाऊ भूमि बन जाएगी और देश से बिमारिया खत्म हो जाएगी .. । हमारे जवान देश की सीमा पर हमारी रक्षा कर रहे है .. हम क्यू नहीं हमारी भारत माता की अंदर से रक्षा करे ..। मेरी अगर कभी भी आप लोगो को मदद लगे तो आप मेरे से संपर्क कर सकते हो.. देश ओर किसान भाइयों के लिए हमेशा तैयार रहूंगा ..।
जय जवान जय किसान।
किसान मित्र रामलाल सीरवी
तह. सोजत , जिला पाली ,
राजस्थान 7021151606
प्रेषक समाचार:- दुर्गाराम सीरवी तमिलनाडु