कुक्षी : सिर्वी समाज ने आराध्य कुलदेवी आई माताजी के 604वां प्रकटोत्सव पर नगर मे निकाली शोभायात्रा
सिर्वी समाज की आराध्य देवी माँ जगत जननी माँ श्री आईमाताजी के 604 वा अवतरण दिवस ( भादवी बीज) के पावन पर्व पर मध्यप्रदेश का निमाड़ क्षेत्र का छोटा बिलाड़ा कहे जाने वाले क्षत्रिय सिर्वी समाज में माँ आईजी का 604 वा अवतरण दिवस बड़ी धूम धाम से मनाया गया
माता-बहनो और युवाओ में इस पर्व की उमंग दिन भर देखने को मिली,श्री आईमाताजी मंदिर में सात दिवसीय श्री मद्भागवत कथा वाचक आचार्य श्री मधुसूदन जी राजस्थान के मुखारबिंद से प्रतिदिन समाजिक बंधुओ को सुनाई गई,जिसका आज अंतिम दिन समापन हुआ,
श्री मद्भभागवत कथा के मुख्य यजमान श्री रमेश भानाजी काग चल समारोह श्री मद्भभागवत कथा अपने सर पर धारण कर शोभायात्रा में चल समारोह के साथ निकले
शौभायात्रा श्री आईमाताजी मंदिर से सिर्वी समाज की छोटी हताई,सोनी मोहल्ला,पुरानी धानमंडी, घंटाघर मार्ग,सराफा बाजार, सिर्वी समाज की बड़ी हताई से श्री आईमाताजी मंदिर में सम्पन्न हुआ
जिसमें श्री आईमाताजी व अखण्ड ज्योति धर्म रथ पर सवार हुई और सभी श्रद्धालुओ को दर्शन लाभ मिला,
श्री मद्भागवत गीता जी के साथ राजस्थान से पधारे आचार्य पंडित श्री मधुसूदन जी का समारोह में उपस्थित रहना भी जन-जन के लिए आशीर्वाद रहा,युवाओ के दुआरा डांडिया नृत्य आकर्षण का केंद्र रहा।
शौभायात्रा में समाज सकल पंच समिति अध्यक्ष व सकल पंच समिति के सदस्य व समाजजन शामिल हुए
चल समारोह सम्पन्न होने के बाद श्री आईमाताजी की महाआरती और महाप्रसादी का आयोजन का लाभ सभी समाजिक भाई बंधुओ से महाप्रसादी का लाभ लिया!
माँ आईजी की कुछ शानदार पंक्तियाँ….
माँ आईजी की अखण्ड ज्योति की महिमा प्यारी,
माँ आईजी की महिमा है न्यारी।
माँ आईजी का दर्शन है न्यारा,
जिस-जिस ने माँ आईजी को पुकारा,
उस-उस ने सारी खुशिया पाईजी-पाईजी।
जय श्री आईजी नमः
श्री आईपंथ के सभी नियमो को अपने अंदर धारण करे और संकल्प ले की हम सदा माँ आईजी के बताये हुए ग्यारह नियमों को पालन करेंगे और सदा नेकी और ईमानदारी के राह पर चल कर हमेशा जरूरत मन्द की मदद करे
आयोजक
श्री क्षत्रिय सिर्वी समाज,कुक्षी