तहसील मुख्यालय पाली से 25 किमी दूर केनपुरा, सोनाईमांजी,गुड़ा नारकान,सोडावास, सापूनी, गिरधारी जी का गुड़ा, हिंगोला, खैरवा एवं बडेरावास के मध्य ग्राम पंचायत बडेरावास का ग्राम है- *सपरा (शिवपुरा)।*
छत्तीस कौम के मात्र 150 घर की बस्ती में सर्वाधिक सीरवी समाज का बाहुल्य है अन्य जातियों में देवासी, मेघवाल,खारोल, गोस्वामी, कुम्हार, सरगरा और वैष्णव यहां पर बसे हुए हैं।
सीरवी समाज के यहां 80 परिवार है जिनमें परमार, गहलोत, चोयल, देवड़ा,भायल, हाम्बड़, आगलेचा और मुलेवा गौत्र के सीरवी यहां निवास करते हैं।
सीरवी समाज सपरा ने हिम्मत दिखाई और श्री आई माताजी मंदिर का निर्माण कार्य शुरू करवाया तब बहुत कम समय में मंदिर निर्माण हो गया लेकिन अब मंदिर निर्माण के बाद पांच वर्ष के लम्बे समय बाद भी प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त नहीं आया है। मंदिर बहुत शानदार बनाया गया है पर प्राण प्रतिष्ठा नहीं हो पाने से कच्चे मकान में पाट रखना सम्भव नहीं हुआ तब नव निर्मित मंदिर के रंग मंडप में आग्नेय कोण में श्री आई माताजी के पाट की स्थापना कर पूजा अर्चना की जा रही है।
सीरवी समाज सपरा के ट्रस्ट के *अध्यक्ष खूमाराम जी रुगाराम जी परमार मुम्बई, सचिव श्री चौथाराम जी चेनाराम जी गहलोत तथा कोषाध्यक्ष पद पर श्री मोटाराम जी पीराजी चोयल आसीन है*। अब आपसे श्री आई माताजी मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह सम्पूर्ण करवाने की बड़ी आशा है। मंदिर निर्माण में स्वर्गीय श्री नत्थाराम जी तुलसाराम जी मुलेवा का अमूल्य योगदान रहा है उनका निधन सीरवी समाज सपरा के लिए अपूरणीय क्षति है।
वर्तमान में यहां पर *कोटवाल श्री भानाराम जी पंवार (परमार), जमादारी श्री अमराराम जी देवड़ा* और मात्र औपचारिकता पूरी करने के लिए पुजारी श्री गोविन्द पुरी गोस्वामी हैं।
स्थानीय ग्राम से सरकारी नौकरी में किसी ने खाता ही नहीं खोला है सभी युवा पढ़ लिख कर दक्षिण भारत प्रस्थान कर गए हैं।अब कुछ प्रतिभाओं ने फार्मेसी आदि में रुचि दिखाई है।
राजनीति में *स्वर्गीय नत्थाराम जी पीराजी गहलोत बहुत पहले खैरवा पंचायत से सरपंच* रहे थे।
व्यापार व्यवसाय में यहां से दक्षिण भारत में अंकलेश्वर, मुम्बई, पूना, बंगलौर, हैदराबाद और चिकमंगलूर में अपनी सफलता के झंडे गाड़े हैं।
सपरा से सर्वप्रथम दक्षिण भारत जाने वालों में स्वर्गीय नत्थाराम जी तुलसाराम जी मुलेवा मुंबई, आदाराम जी मगाजी परमार बंगलौर और भेराराम जी अचलारामजी आगलेचा ने हैदराबाद में अपने गांव का नाम रोशन किया।
ग्राम विकास के कार्य में श्री नत्थाराम जी पीराजी गहलोत ने नारलाई धाम में हाॅल निर्माण में सहयोग किया, स्वर्गीय नत्थाराम जी तुलसाराम जी मुलेवा ने खैरवा मार्ग पर अवाला निर्माण करवाया।
दक्षिण भारत में बडेर संगठनों के पदाधिकारी रूप में *श्री आदाराम जी मगाजी परमार* चिकमंगलूर कर्नाटक के 15 वर्ष तक अध्यक्ष पद पर आसीन रहे।
यह पढ़कर आश्चर्य होगा कि सपरा (शिवपुरा) में 11 अक्टूबर 2023, को श्री आई माताजी धर्म रथ भैल आगमन पर बधावे में कोटवाल जमादारी के साथ एकमात्र कोटवाल की धर्मपत्नी ने भैल को टीक कर बधावा किया, बधावे के बाद दो महिलाओं ने माताजी के हरजस किये।रात में धर्म सभा में कोई आने में रुचि नहीं ले रहे थे तब दो जवान पूनाराम और भूपेंद्र को रात नौ बजे फिर से गांव में आवाज लगाने भेजा गया दोनों जवानों की मेहनत रंग लाई।
रात्रि में साढ़े बारह बजे तक माताओं बहनों और बांडेरुओं ने सीरवी समाज और श्री आई माताजी के इतिहास को सुना आई माताजी का धर्म रथ क्या है, माताजी के चमत्कार क्या है, और तो और श्री आई माताजी धर्म रथ भैल के मीडिया भैलिया का भी परचे वाला इतिहास सुनकर माताओं बहनों ने अपने माताजी पर गर्व अनुभव किया। इनके बारे में जानकारी का प्रभाव यह हुआ कि जो भीड़ बधावे में होनी चाहिए वह भीड़ भैल की विदाई में देखने को मिली।सपरा के सीरवी बंधुओ एवं माताओं बहनों का नजरिया ही बदल गया, श्री आई माताजी के प्रति यह आस्था आपकी सदैव बनी रहे, ऐसी आस्था पर आपको नमन करते हैं।यह आस्था दर्शा रही है कि अब अतिशीघ्र नव निर्मित बडेर में श्री आई माताजी जरुर विराजमान होंगे। और हमें जल्दी ही लापसी का प्रसाद ग्रहण करने का अवसर मिलेगा। दक्षिण भारत में प्रवासी सीरवी बंधुओं से आग्रह है कि आप कमर कस कर आगे आयें और श्री आई माताजी मंदिर बडेर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह कर श्री आई माताजी को अपने स्थान पर विराजमान करावें।
सीरवी समाज सपरा के चंहुमुखी विकास, शीघ्र मां श्री आईजी के निज मंदिर में विराजमान होने और ग्राम की खुशहाली की मां श्री आईजी से कामना करता हूं -दीपाराम काग गुड़िया।