आईमाताजी के जयकारों से गूंजा पंडाल -राजस्थानी वेश भूषा में गैर नृत्य रहा आकर्षण केंद्र, विशाल शोभायात्रा में उमड़ा जन सैलाब – देर रात तक चली भक्ति संध्या
मुंबई / मायानगरी मुंबई से सटे विरार में केसर ज्योति नाम से विख्यात सीरवी समाज की आराध्य कुलदेवी श्री आईमाताजी मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा, पाट व् अखंड ज्योति की स्थापना का दो दिवसीय धार्मिक महोत्सव ग्लोबल सिटी के पास बड़े ही उत्साह और धूम धाम के साथ संपन्न हुआ।
कैलाश चौधरी ने बताया कि इस आयोजन में राजस्थानी गणवेश में मंगल गीतों का गायन करती महिलाए, नए मंदिर पर पुष्पवर्षा करते श्रद्धालु, ढोल की थाप पर राजस्थानी पारम्पारिक गैर नृत्य करते हुए गैरियों के साथ हजारों भक्तों के हुजूम से मेला का माहौल देखने को मिला।
तो वही स्टेशन के पास अम्बे माता मंदिर से सुरु हुई यह शोभा यात्रा शहर के विभिन्न मार्गो से होते हुए मंदिर प्रागण में पहुंची।
संतो के सानिध्य में हुए इस धार्मिक आयोजन के प्रथम दिन सुबह कलश यात्रा का आयोजन हुआ। जिसमे हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं के साथ सिर पर कलश लिए महिलाओं ने हिस्सा लिया। तो वही रात को भक्ति संध्या कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया। जिसमे भजन गायक संत सोनू महाराज एंड पार्टी ने एक से बढ़कर एक सुरीले भजनो की भक्तिमय प्रस्तुति देते हुए देर रात तक भक्तों को बांधे रखा।
महोत्सव के दूसरे दिन यज्ञ शाला में यजमानों ने सपत्नीक वेद मंत्रो व् माताजी के जयकारों के साथ हवन वेदी में आहुतियां दी। इसके बाद नारलाई के पुजारी भवर महाराज व् जती भगा बाबाजी के कर कमलों द्वारा आईमाता व् अन्य देवी देवताओं की प्रतिमाओं को मन्त्रों उपचार के साथ मंदिर में विराजित किया गया ।
वही आयोजन में मुंबई सहित आस पास की वडेरों से पधारे हुए मेहमानों का सीरवी समाज विकास मंडल विरार की टीम द्वारा राजस्थानी साफा व् श्रीफल देकर बहुमान किया गया। वही अध्यक्ष जयेश चौधरी ने आयोजन को सफल बनाने में तन मन धन से सहयोग देने वाले समाजबंधुओं का आभार व्यक्त किया।