राजस्थान:– 9 अक्टूबर 2023 को गोदावास में श्री आई माताजी धर्म रथ भैल का भव्य बधावा किया गया

मारवाड़ जंक्शन से 10किमी दूर आकड़ावास, रामपुरा, हिंगोला, सुगालिया,बाड़सा, चवाड़िया राजकीयावास कलां के मध्य हिंगोला खुर्द पंचायत में सप्त देवी बायोंसा मंदिर से प्रसिद्ध गांव है – *गोदावास।*
9 अक्टूबर 2023 को गोदावास में श्री आई माताजी धर्म रथ भैल का भव्य बधावा किया गया
छत्तीस कौम के मात्र 150 घर की बस्ती गोदावास सीरवी बाहुल्य गांव है जिनमें सीरवी, राजपुरोहित, मेघवाल, देवासी, कारीगर, वैष्णव,नाई, कुम्हार सरगरा आदि जाति के लोग यहां पर बसे हुए हैं।
यहां पर सीरवी समाज के लगभग 80 घर में आगलेचा, सैणचा,बरफा, पंवार, परिहार, राठौड़,काग और चोयल गौत्र के सीरवी निवास करते हैं।
यहां श्री आई माताजी मंदिर बडेर बहुत प्राचीन है जब आसपास में कहीं बडेर नहीं थे तब यहां पाट स्थापना की गई थी। इसलिए प्राण प्रतिष्ठा समारोह की किसी को जानकारी नहीं है, इस समय बडेर की स्थिति दयनीय है एक कमरे में पाट स्थापना की हुई है ऊपर शिखर, ध्वजा आदि कुछ भी नहीं है पास में ठाकुर जी विराजमान हैं जिनके शिखर बना हुआ है तथा ध्वजा फहरा रही है।
अब सीरवी समाज न्याति नौहरा हेतु विशाल भू-भाग की चारदीवारी की जा चुकी है। कोटवाल जमादारी ने बताया कि शीघ्र ही मंदिर निर्माण प्रारंभ किया जायेगा।
वर्तमान में यहां पर कोटवाल श्री मनरुपजी सैणचा, जमादारी श्री जगाराम जी आगलेचा और पुजारी श्री चिमनाराम जी सैणचा अपनी सेवा दे रहे हैं।
सरकारी नौकरी में यहां से स्वर्गीय वजारामजी जी सैणचा अध्यापक रहे, श्री दलपत जी सैणचा मारवाड़ जंक्शन में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी एवं श्री मोहनलाल जी पंवार विद्युत विभाग में बांता में लाइनमैन के रूप में सेवा दे रहे हैं।
राजनीति में इस गांव से सीरवी समाज ने अभी तक किसी तरह का कोई चुनाव में भाग्य नहीं आजमाया और अभी तक खाता ही नहीं खोला है।
यहां से व्यापार व्यवसाय में मुम्बई, पूना, बंगलौर, यहां से हैदराबाद और हिमाचल में सर्वप्रथम दक्षिण भारत में जाने सीरवी बंधु सफलतम रूप से वालों में श्री पदमाराम जी व्यापार कर रहे हैं।गहलोत पूना और स्वर्गीय रामलाल जी बरफा ने बंगलौर में अपनी पहचान बनाई।
गोदावास गांव के विकास कार्यों में श्री हेमाराम जी टीकमराम जी बरफा ने लाम्बिया मार्ग पर अवाला निर्माण करवाया, केसाराम जी बरफा ने बाड़सा मार्ग पर अवाला बनवाया, रुपाराम जी पंवार ने नदी के पास अपने बेरे के पास मार्ग पर धर्मार्थ अवाला बनवाया।श्री लालाराम जी सैणचा ने श्री आई माताजी मंदिर, श्री ठाकुर जी मंदिर और श्री महादेव जी मंदिर को आटोमेटिक नगाड़ा सेट भेंट किये।
*सीरवी समाज आज पूरे भारतवर्ष में मेहनत और ईमानदारी के लिए जाने जाते हैं लेकिन 10 अक्टूबर 23 को गोदावास गांव में एकाएक बेटे द्वारा बैंक ऋण नहीं चुका पाने पर गांव में रह रही अकेली बूढ़ी मां को मय पुलिस जाब्ता मकान से बाहर निकाल कर बैंक द्वारा मकान सीज किया गया। **कहां जा रहे हैं हम? कहां गये हमारे संस्कार? हम कैसे हमारी पैठ खो रहे हैं? गांव में इस तरह की घटना में अन्य समाज में हमारे समाज का क्या संदेश मिल रहा है?* कल अपराह्न तीन बजे इस घटनाक्रम को देखकर मैं सिहर उठा और मेरा ह्रदय चित्कार कर उठा। बचपन और जवानी के कष्टों को सहन किया जा सकता है लेकिन बुढ़ापे में घरबदर होना बहुत दुखदाई होता है। ईश्वर ऐसे दृश्य नहीं दिखाये एवं इस तरह मार्ग भटके, विपरीत परिस्थितियों में फंसे हुए बंधुओं के ऊपर मां श्री आई माताजी की कृपा प्राप्त हो। उस बूढ़ी मां को बुढ़ापे में अपने आशियाने में रहने की कृपा प्राप्त हो ऐसी कामना करता हूं -दीपाराम काग गुड़िया।

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