04/08/2023 वार शुक्रवार को राजस्थान पाली जिले में बगड़ी नगर के *बेरा हामड़ों का पीपलिया* पर माताओं बहनों और बांडेरुओं द्वारा भैल का भव्य बधावा किया गया ।
पाली जिले के बगड़ी नगर ग्राम की पूर्वी सीमा पर आठ किलोमीटर दूर बसी एक बड़ी ढाणी का रात दिन मेहनत कर नहीं थकने का चौताले में चावा नाम है – बेरा हामड़ों का पीपलिया।
यहां श्री हरजी महाराज की तपस्थली एवं आपके गुरु श्रीगेना महाराज की तस्वीर के साथ एक तरफ श्री बाबा रामदेव जी के घोड़लिया एवं दूसरी तरफ मां श्री आई माताजी के पाट की स्थापना, अखंड ज्योति की स्थापना,शनि देव के दीपक की स्थापना,केलवाद की कालका माताजी की स्थापना के साथ चौक में शिव शंकर भगवान भोलेनाथ के शिवलिंग और शिव परिवार की स्थापना,
धूणा के साथ पोल के बाहर बजरंग बली बालाजी महाराज की स्थापना कर सदियों से महाराज द्वारा पूजा अर्चना की जा रही है। हरजीराम जी महाराज के बाद रामाराम जी और उनके बाद चौथा बाबाजी ने जोरदार तप कर अपने तपोबल से परिवार एवं कुल का नाम रोशन किया
यहां वर्तमान में गृहस्थ धर्म का पालन करते हुए ताराराम जी महाराज सेवा पूजा कर रहे हैं।
इस बेरे के पूर्व में ढ़ाई किलोमीटर पर देवली हुल्ला, दक्षिण पूर्व में तीन किलोमीटर पर केलवाद, दक्षिण पश्चिम में तीन किलोमीटर पर पीपलाद, पश्चिम में बगड़ी नगर एवं उत्तर में चण्डावल रेल्वे स्टेशन आये हुए हैं।इस बेरे पर लगभग 750 बीघा जमीन है। एवं वर्तमान में लगभग 70-75 परिवार निवास कर रहे हैं।
रात में नौ बजे से धर्म सभा का आयोजन किया गया जिसमें नहीं बैठ पाने वाले भी रात में एक बजे तक धर्म सभा में बैठे और सीरवी समाज तथा श्री आई माताजी के इतिहास को सुना। यहां पर भी अब तक सुने गये गलत इतिहास और अब सुने इतिहास में प्रश्नोत्तर द्वारा शंका समाधान किया गया।
आई माताजी के इतिहास में अब तक अनसुने इतिहास में सेहवाज के बाद श्री आई माताजी बगड़ी भी हाम्बड़ो की गवाड़ी में पधारे थे तब हाम्बड़ परिवार ने सेवा में कोई कसर नहीं छोड़ी पर माताजी को गाट की पुरसगारी कर कहा कि आप जीम कर पधार जाना हमें काम पर जाना होगा लेट हो रहे हैं *माताजी आप गाट जीम लिजो,भैलिया ने चारो खवाड़ दीजो मारे मोड़ो रेवे है जो मैं जाऊं। माताजी कियो के थांरै गाट रा तो ठाठ वैजो,पण सात पीढ़ी मोड़ो इज रेइजो*। (आज रे हाम्बड़ो रे पीपलिया वाला रात में ग्यारह बजे खेत सूं घरे आवे और सुबे चार बजियों पैली पाछा खेत में पोंछ जावे फैर भी आज रे दिन कैवे के मोड़ो रेगो। माताजी रो वचन आज भी इनोरे माथे लागू व्है है।) इस बात को इन्होंने सभी ने स्वयं धर्म सभा में स्वीकार किया है।
यहां से बालूराम जी हाम्बड़ का सोजत, रायपुर, जैतारण और बिलाड़ा के साथ बाहर भी अच्छे समाज सेवी के रूप में नाम है आप बगड़ी नगर के उप सरपंच, सरपंच और पंचायत समिति सदस्य रहे और विकास के काम करवाये। धर्म प्रेमी बालूजी हामड़ ने कंधे से कंधा मिलाकर जति भगा बाबाजी पंवार के जीवित समाधि स्थल, पुलिस थाने के पास बग़ीची, बगड़ी नगर में मूर्ति स्थापना का ऐतिहासिक समारोह करवाया।आपके बगड़ी नगर नौ पुलिया नदी के पास पत्थर फेक्ट्री लगी हुई है।
इस बेरे ने सरकारी सेवा में भी खूब योगदान दिया है जिनमें श्री चम्पालाल जी हाम्बड़ सेवा निवृत्त पुलिस उप निरीक्षक के रौबिले व्यक्तित्व और समाज सेवी छवि को जग जानता है।आपके परिवार से ही पीपलिया कलां में नियुक्त कांस्टेबल गंगाराम की हाल ही दिनों में सड़क हादसे में दुखद मृत्यु हो गई थी।इस समय कानाराम जी आर्मी में सूबेदार के पद पर, उदाराम जी मेल नर्स, कालूराम जी वरिष्ठ अध्यापक,बहू ममता धर्मपत्नी दुर्गेश एवं इस बेरे की बिटिया मोनिका एवं चेतन बहनें अध्यापक, सुरेन्द्र कम्प्यूटर शिक्षक, कुलदीप कांस्टेबल और पंकज बाबू वकालत में अपना लोहा मनवा रहे हैं।नई पीढ़ी की 7-8 प्रतिभा प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं जिनमें RAS की तैयारी भी कर रहे हैं।
यहां से व्यापार व्यवसाय में बंगलौर, हैदराबाद चेन्नई और सूरत में भी अपना तथा अपने बेरे का नाम रोशन कर रहे हैं।
इस बेरे के पास बारह बीघे के ओरण में देव नारायण भगवान और भैरव जी के मंदिर का आसपास में चमत्कार जगजाहिर है।
संतो की तपस्थली श्री आई माताजी की कृपा दृष्टि प्राप्त मेहनती हाम्बड़ो के बेरा पीपलिया के बड़े बुजुर्गो की मेहनत को नमन। दीपाराम जी काग गुड़िया
साभार :-आई माताजी भैल का दौरा (वाट्सएप्प ग्रुप )