मारवाड़ जंक्शन से 8 किमी दूर गोदावास, हिंगोला कला, सुगालिया, काराड़ी, बिठौड़ा कला, सूर्य नगर और चवाड़िया के मध्य पंचायत मुख्यालय का गांव है – *बाड़सा।*
छत्तीस कौम के इस गांव में लगभग 600 घर है जिनमें सीरवी,चौकीदार, मेघवाल, देवासी, सरगरा, नाई, वैष्णव, कारीगर, रावणा राजपूत, राजपूत, कुम्हार, दर्जी और माली यहां पर बसते हैं।
बाड़सा में सीरवी समाज के लगभग 250 घर है, जिनमें पंवार, परिहार, चोयल, आगलेचा, राठौड़, बरफा, काग, भायल, मुलेवा, सोलंकी, देवड़ा और सैणचा गौत्र के सीरवी यहां निवास कर रहे हैं।
श्री आई माता जी के बडेर की प्राण प्रतिष्ठा आज से लगभग 25 वर्ष पूर्व, *विक्रम संवत् २०५६ माघ सुदी तेरस, गुरुवार, दिनांक 17 फरवरी 2000* को श्री आई माताजी के धर्मरथ भैल और परम पूज्य *दीवान साहब श्री माधव सिंह जी* के कर कमलों से संपन्न हुई थी। जिस जगह पर श्री आई माता जी का बडेर बना हुआ है *यह भूखंड देवाराम जी इंदाजी पंवार और उनके परिवार तथा तीसरा हिस्सा गहलोत परिवार द्वारा सीरवी समाज को निशुल्क भेंट* किया था।बडेर मौके पर तथा बहुत भव्य बनी हुई है,पास में बड़ा हाॅल बना हुआ है जिसमें आवश्यक सामान रखा हुआ है, यहां पर आवश्यक सुविधाओं की समुचित व्यवस्था है।
सीरवी समाज बाड़सा द्वारा न्याति नौहरा के लिए अलग से बड़ा भूखंड लेकर उस पर निर्माण कार्य प्रारंभ करवाया है परन्तु बडेर गांव के इस किनारे व न्याति नौहरा उस किनारे आया हुआ है इसलिए अभी तक सबका सहयोग प्राप्त नहीं हो पाया है।
यहां पर वर्तमान में *कोटवाल श्री वेनाराम जी दुर्गाराम जी आगलेचा, जमादारी और पुजारी के रूप में श्री गणेशराम जी वरदाजी परिहार* अपनी सराहनीय सेवाएं दे रहे हैं।
सरकारी नौकरी में यहां से स्वर्गीय तुलसाराम जी भानाजी सोलंकी रेलवे में गैंगमैन रहे, हीरालाल जी हकमा जी पंवार सेवानिवृत अध्यापक हैं,श्री पेमाराम जी तेजाजी पंवार गुजरात पुलिस से सेवानिवृत एएसआई है, श्री घीसाराम जी चतराराम जी पंवार सेवानिवृत वरिष्ठ पुस्तकालयाध्यक्ष है, श्री रामलाल जी देवाजी पंवार सेवानिवृत एमजीबी मैनेजर है, श्री सवाराम वेनाजी परिहार रेलवे में गैंगमैन रहे, स्वर्गीय मूलारामजी वनाजी काग रेलवे में जमादार रहे, स्वर्गीय घीसाराम जी वनाजी काग रेलवे में गैंगमैन रहे, स्वर्गीय मगाराम जी परकाजी आगलेचा गैंगमैन रहे, मांगीलाल पुत्र श्री मगाजी वर्तमान में लोकोशेड आबूरोड में हेल्पर है,श्री मदनलाल जी घीसाराम जी काग अजमेर डीआरएम ऑफिस में मंत्रालय कर्मचारी है, श्री मांगीलाल मूलाजी काग रेलवे मावली में हेल्पर के पद पर काम कर रहे हैं,
मारवाड़ जंक्शन में नामचीन डॉक्टर के रूप में सेवा दे रहे *डॉक्टर बी डी नाहर* सीरवी है। अर्थात स्त्री रोग विशेषज्ञ डाक्टर बालूदास हीरालाल जी पंवार अपना तथा अपने गांव बाड़सा का नाम कमाते हुए मारवाड़ जंक्शन में अपनी सराहनीय सेवाएं दे रहे हैं।
सीरवी समाज का बाड़सा की राजनीति में भी खूब योगदान रहा है, *स्वर्गीय देवाराम जी इंदाजी पंवार बाड़सा पंचायत के 20 वर्ष तक सरपंच रहे, स्वर्गीय तुलसाराम जी राजा जी पंवार एक बार सरपंच रहे, स्वर्गीय भीमाराम जी मदरूपजी चोयल 20 वर्ष तक बाड़सा के सरपंच रहे*, स्वर्गीय भीमाराम जी लकमाजी पंवार, स्वर्गीय चतराराम जी नगाजी पंवार एवं श्री नारायण लाल जी मदरुप जी चोयल एक एक बार उप सरपंच रहे। वर्तमान में *श्री खींवाराम जी शेराजी आगलेचा उपसरपंच* है।
व्यापार व्यवसाय में बाड़सा से मुंबई, नवी मुंबई, पुणे, हैदराबाद, बेंगलुरु, सूरत, नवसारी, वापी और कोयंबटूर में सीरवी समाज अपनी सफलता के झंडे गाड़ रहा है।
दक्षिण भारत में सर्वप्रथम जाने वालों में कालूराम जी किशनाराम जी पंवार पनवेल मुंबई, स्वर्गीय चेलाराम जी मादारामजी परिहार भायन्दर मुंबई, पुखराज जी देवाजी पंवार मुंबई, पेमारामजी चतराजी पंवार पुणे और दुर्गारामजी तुलसा जी सोलंकी पुणे गए थे।
गांव विकास कार्य में किशोर जी कालू जी पंवार, पुनाराम जी जीताजी पंवार, भीमाराम मदरुप जी चोयल और हीरालाल हुकमाजी पंवार ने विद्यालय में एक-एक कमरे का निर्माण करवाया। श्री तुलसाराम जी तेजाजी पंवार ने सुगालिया मार्ग पर अवाला का निर्माण करवाया।
दक्षिण भारत के बडेरों के संगठन पदाधिकारी रूप में *श्री सोहनलाल जी भीमाराम जी पंवार भोजापुर पुणे बडेर के वर्तमान में अध्यक्ष है।* *स्वर्गीय देवाराम जी इंदारामजी पंवार मारवाड़ परगना समिति के लंबे समय तक अध्यक्ष रहे थे। वर्तमान में श्री घीसारामजी चतराजी पंवार मारवाड़ परगना समिति के सचिव* है तथा आप कोपरेटिव सोसाइटी बाड़सा के उपाध्यक्ष है।आप दीवान साहब के परम भक्त एवं क़रीब रहते हुए एक अच्छे मंच संचालक है। आपने अपने गांव के प्रति भाव रखते हुए प्रवासी बंधुओं को फोन पर सूचित कर उनकी जात करवा कर पूर्ण सहयोग किया, आपका बहुत बहुत आभार प्रकट करते हैं।
श्री आई माताजी धर्म रथ भैल आगमन पर बस रुकने के स्थान के पास ही बडेर होने से कोटवाल जमादारी एवं माताओं बहनों द्वारा बधावा किया गया, संध्या आरती में कुछ श्रद्धालु उपस्थित रहे लेकिन रात में माताओं बहनों को भैल के पास हरजस करने और बांडेरुओं को धर्मसभा में आने का समय नहीं मिला अतः जाजम बिछी रही।
जात के समय बेलें पहले से पड़ी है कहते सुना गया और बड़े बुजुर्गो के हाथ में भी बेल नदारद पाई गई और बड़ी बालिकाओं को बेल की जानकारी नहीं होना तथा समाचार होने के बावजूद किसी का भी धर्मसभा में आने का समय नहीं मिलना सोचनीय है।
श्री आई माताजी का धर्म रथ भैल धर्म प्रचार के लिए गांव गांव भ्रमण कर रहा है सीरवी समाज को अपने धर्म पर आस्था है, श्री आई माताजी के प्रति पूर्ण भाव है लेकिन वर्तमान में युवा पीढ़ी को जानकारी का पूर्णतया अभाव है हम अलख जगाने आये है लेकिन युवा पीढ़ी की बालिकाओं को समय पर सही जानकारी के अभाव में समय समय पर संकट आ रहे हैं,इस पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए।
*बाड़सा ग्राम का बिठौड़ा पीर गादी से भी सम्बन्ध है।*
बाड़सा छीपा समाज के आराध्य देव *श्री जगमोहन जी कृष्ण मंदिर के नाम से भी पूरे क्षेत्र में प्रसिद्ध है*, यहां पर पूरे भारतवर्ष से छीपा समाज वर्ष में एक बार दर्शन करने के लिए अवश्य आते हैं। ऐसा बताया जाता है कि एक बार महाराष्ट्र के महान *संत नामदेव* जी यात्रा मार्ग से गुजरते हुए यहां जगमोहन जी के दर्शन करने पहुंचे पर यहां उन्हें मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया गया तब वे मंदिर के पीछे जाकर बैठ गये और भगवान को उलाहना दिया कि भगवान भक्त को भी दर्शन नहीं? ऐसा बताया जाता है कि तब नामदेव जी को दर्शन देने के लिए पूरा मंदिर घूम गया और दरवाजा आगे से पीछे हो गया।यह मंदिर पूरे गांव की आस्था का केंद्र है, एवं सम्पूर्ण ग्रामवासी पूर्ण आस्था से मंदिर विकास में अग्रणी रहते हैं। भगवान श्री जगमोहन जी को कोटि कोटि नमन।
सीरवी समाज बाड़सा की खुशहाली और चंहुमुखी विकास की मां श्री आई माताजी से कामना करता हूं-दीपाराम काग गुड़िया।