रानी तहसील मुख्यालय से 37 किमी दूर केरली,डायलाणा, गुड़ा जैतावतान, ठाकुरजी गुडा, सिवास और गेनड़ी के मध्य केरली पंचायत का छोटा सा ग्राम है- *टोकरला*।
छत्तीस कौम की लगभग 350 घर की बस्ती में सीरवी, मेघवाल, चारण, देवासी, नायक, सरगरा, लोहार, घांची और वैष्णव यहां पर निवास करते हैं।
यहां पर सीरवी समाज के लगभग 100 घर है, जिनमें हाम्बड़, खंडाला, काग, सोलंकी और परिहार यहां बसे हुए हैं।
यहां पर श्री आई माताजी की बडेर बहुत शानदार बनी हुई है, जिसकी प्राण प्रतिष्ठा विक्रम संवत २०७६ जेठ बदी पंचमी, गुरुवार, 23 मई 2019 को बिठौड़ा पीर रावतसिंह जी, भगा बाबाजी, भंवर महाराज और सका महाराज जी के द्वारा संपन्न हुई थी।
यहां पर काफी बरसों से भैल बन्द है जात भी नहीं होती है, बेलें डायलाणा से प्राप्त कर बांधते हैं।अब भैल को पुनः गांव में बुलाने के लिए बांडेरु राय मशविरा कर रहे हैं।
यहां पर वर्तमान में *कोटवाल श्री वेनाराम जी भैराजी खंडाला जमादारी और पुजारी श्री ढलाराम जी लाला जी हाम्बड़* अपनी सराहनीय सेवा दे रहे हैं।
सरकारी नौकरी में यहां से श्री **मुकेश जी भंवरलाल जी हाम्बड़ PWD जैतारण में J En है। श्री पूनाराम जी हाम्बड़ ठाणे में तथा श्री गणेश कसाराम जी हाम्बड़ मुंबई में सीए है।*
स्थानीय गांव से राजनीति में सीरवी समाज द्वारा कोई पद प्राप्त नहीं किया गया है। एवं राजनीति में शून्य है।
यहां से व्यापार व्यवसाय के लिए मुंबई पुणे हैदराबाद और सूरत में सीरवी अपनी सफलता के झंडे गाड़ रहे हैं। यहां से सर्वप्रथम दक्षिण भारत जाने वालों में नेमाराम जी खेताजी हाम्बड़ मुंबई और पूनाराम जी पकाजी हाम्बड़ मुंबई गए थे।
ग्राम विकास के कार्य में श्री ढलाराम जी लालाजी हाम्बड़ ने खिंवाड़ा मार्ग पर अवाला बनवाया।
*स्थानीय बडेर टोकरला का ट्रस्ट बना हुआ है जिसके अध्यक्ष आदाराम जी सुखारामजी काग और सचिव भंवरलाल जी आदाराम जी हाम्बड़ है।*
टोकरला में श्री आई माताजी धर्म रथ भैल आगमन बंद होने से टोकरला बडेर में जाकर यह सूचना जमादारी ढलाराम जी हाम्बड़ और मोहनलाल जी हाम्बड़ से प्राप्त की।
सीरवी समाज टोकरला की खुशहाली की मां श्री आईजी से कामना करता हूं -दीपाराम काग गुड़िया।