रानी तहसील मुख्यालय से 40 किमी दूर वणदार, पिलोवणी, गेनड़ी, कैरली, टोकरला, ठाकुर जी का गुड़ा और खिंवाड़ा के मध्य पंचायत मुख्यालय का गांव है- *सिवास।*
छत्तीस कौम की लगभग 1200 घर की बस्ती में मात्र एक दो जातियां चारण, राजपुरोहित और नायक आदि यहां नहीं है, बाकी सभी जातियां यहां पर निवास करती है।
यहां पर सीरवी समाज के लगभग 350 घर है जिनमें गहलोत, परमार, बरफा, परिहार, चोयल, सानपुरा, सिंदड़ा, काग, सोलंकी, मुलेवा और लचेटा यहां निवास करते हैं।
यहां पर श्री आई माता जी का मंदिर (बडेर) पक्का और बहुत ही भव्य श्वेत मार्बल में निर्मित अपनी शोभा बढ़ा रहा है। सामने चौक और बांई तरफ कमरे इत्यादि भी बने हुए हैं, और सभी आवश्यक सुविधाएं यहां उपलब्ध है।
*श्री आई माताजी मंदिर बडेर हेतु 60 गुणा 100 फीट और खेतलाजी महाराज के मंदिर हेतु 90 गुणा 120 फीट का भूखंड स्वर्गीय दिलीप कुमार परमार की स्मृति में परमार परिवार द्वारा भेंट किये जिनके शिलालेख लगे हुए हैं परमार परिवार का बहुत बहुत आभार*।
यहां पर श्री आई माताजी मंदिर (बडेर) की प्राण प्रतिष्ठा लगभग 20 वर्ष पूर्व वैशाख सुदी सातम को बिठौड़ा के पीर रावत सिंह जी के कर कमलों से संपन्न हुई थी। श्री आई माता जी के बडेर के ठीक पीछे खेतलाजी का मंदिर अलग से बना हुआ है और यहां पर भी चौक और सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध है।
यहां पर वर्तमान में *कोटवाल दलाजी नरसिंह जी परमार, जमादारी श्री ताराराम जी आदाजी बरफा* और पुजारी नारायण महाराज श्रीमाली यहां पर सेवा पूजा कर रहे हैं।
यहां पर श्री आई माताजी की *भैल का पिछले 30 वर्षों से आगमन नहीं हुआ है*, इसलिए यहां पर तीस वर्षों से जात भी नहीं होती हैं, दीवान साहब का भी यहां 30 वर्षों में आगमन नहीं हुआ है, *डोरा बंद अपनी बेल डायलाणा से प्राप्त कर बांधते हैं*।
यहां पर सरकारी नौकरी में *भोलाराम जी मोतीजी बरफा* 2013 में प्रधानाचार्य पद से सेवानिवृत हुए, श्री *डूंगाराम जी चेनाजी गहलोत* प्रधानाध्यापक पद से सेवानिवृत हुए हैं, आप जीजीवड़ डायलाना मंदिर के स्तम्भ रहे हैं।श्री मीठालाल जी केसाजी परिहार खिंवाड़ा में अध्यापक है, श्री *पोकरराम जी देवजी गहलोत* सिरोही में आबकारी इंस्पेक्टर है। *जस्साराम जी चेनाजी गहलोत* जोधपुर उच्च न्यायालय में एडवोकेट है।
राजनीति की यहां पर बात करें तो *स्वर्गीय भगाराम जी दूदाजी गहलोत 17 वर्ष तक सिवास ग्राम पंचायत के सरपंच रहे, श्री तेजाराम जी कूपाजी परमार एवं श्री डूंगाराम जी चेनाजी गहलोत एक-एक बार सरपंच रहे। वर्तमान में श्री फुआराम जी दलाजी काग यहां पर सरपंच है।*
इस गांव ने रानी पंचायत समिति को मातृशक्ति के रूप में प्रधान दिया। *श्रीमती नवरत्न धर्मपत्नी श्री फुसाराम जी काग ने रानी पंचायत समिति के प्रधान पद पर आसीन होकर सीरवी समाज का नाम रोशन किया एवं मान बढ़ाया। यह सिवास गांव के लिए बड़े गौरव की बात है।*
वर्तमान में *श्रीमती मंजू धर्मपत्नी दिनेश जी गहलोत* जिला परिषद की सदस्य है।
सिवास से व्यापार व्यवसाय के लिए मुंबई, वलसाड, सूरत, अंकलेश्वर, बड़ौदा, अहमदाबाद, धोलेरा- भावनगर, हैदराबाद, पुणे और बेंगलुरु में सीरवी अपनी सफलता के झंडे गाड़ रहे हैं।
यहां से सर्वप्रथम दक्षिण भारत जाने वालों में श्री वनाराम जी कानाजी परमार, श्री उदाराम जी पूराजी परिहार, स्वर्गीय दलाराम जी चंदाजी काग थाने, और श्री अचलाराम जी दूदाजी गहलोत मुंबई, तथा श्री थानाराम जी नत्थाजी सिंदड़ा पुणे गए।
ग्राम विकास के कार्य में यहां पर *सीरवी समाज के द्वारा श्री कृष्ण गौशाला सिवास का संचालन* किया जा रहा है, जिसके लिए *परिहार परिवार सिवास के द्वारा गौशाला के लिए 15 बीघा जमीन भेंट* की गई। परिहार परिवार का बहुत बहुत आभार। श्री देवाराम जी नवलाजी गहलोत द्वारा गौशाला में प्याऊ और कबूतरों के चबूतरे का निर्माण करवाया गया। श्री डूंगाराम चेनाजी गहलोत द्वारा जीजीवड़ श्री आई माताजी मंदिर डायलाना में कमरा निर्माण करवाया गया। श्री दलाराम जी चंदाजी काग द्वारा विद्यालय में कमरा निर्माण करवाया गया। और इसी तरह से सिंदड़ा परिवार द्वारा स्थानीय विद्यालय में कमरा निर्माण करवाया गया।श्री उदाराम जी परिहार और वनाराम जी परमार द्वारा स्थानीय विद्यालय में सरस्वती मंदिर बनवाया गया।
श्री उदाराम जी पूराजी परिहार कलवा ठाणे श्री आई माताजी बडेर के अध्यक्ष रहे। श्री वनाराम जी कानाजी परमार ठाणे बडेर के अध्यक्ष रहे।
श्री *दिनेश जी पुत्र श्री डूंगाराम जी गहलोत* ठाणे नवयुवक मंडल के अध्यक्ष रहे, उसके बाद में ठाणे बडेर के अध्यक्ष रहे और वर्तमान में आप अखिल भारतीय सीरवी महासभा *महाराष्ट्र प्रांत के अध्यक्ष* पद को सुशोभित कर रहे हैं।
*श्री पूनारामजी पुत्र श्री दलाराम जी बरफा* डोंबिवली लोढा हेवन बडेर के उपाध्यक्ष रहे। आपके नाम *धोलेरा-भावनगर वर्ल्ड की प्रथम स्मार्ट सिटी में 900+ प्लाट पूरे भारतवर्ष के सीरवी बंधुओं को दिलाने पर देश में प्रथम स्थान* पर रहने का रिकार्ड कायम है इसके लिए आपको हार्दिक शुभकामनाएं।
*सिवास गांव की विशेष बात यह है कि यहां पर महाकाली कालका माता का मंदिर है,जहां का दशहरा प्रसिद्ध है। और यहां पर जोधपुर दरबार को भी श्री कालका माता महाकाली का पर्चा मिला है*। लगभग 100 बीघा का यहां ओरण है, और छत्तीस कौम के लोग पूजा अर्चना करते हुए उनको नमन करते है।
मारवाड़ और रानी की राजनीति में अग्रणी, सीरवी समाज की आराध्या देवी के डायलाणा धाम के नींव के पत्थर, अखिल भारतीय सीरवी महासभा के महाराष्ट्र प्रांत में गांव का नाम रोशन करने वाले सिवास गांव की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए आशा करते हैं कि श्री आई माताजी के आदेशानुसार श्री आई माताजी का धर्म रथ भैल का आसपास के चारों ओर के गांवों में आगमन होता है लेकिन यहां सीरवी किन्हीं कारणों से दर्शन से वंचित है,इस बात का गांव वालों को भी खेद है अतः *श्री आई माताजी के धर्म रथ भैल के सिवास गांव में आगमन हेतु बुद्धिजीवी, कोटवाल जमादारी एवं पंचों को पहल करनी चाहिए।*
सिवास गांव के चंहुमुखी विकास और खुशहाली की मां श्री आई माताजी से कामना करता हूं -दीपाराम काग गुड़िया।