रानी तहसील मुख्यालय से 35 किमी दूर रायपुरिया, वणदार पिलोवणी, सांवलता, एलाणी, गुड़ा जैतसिंह के मध्य सांवलता ग्राम पंचायत का एक छोटा सा ग्राम है- *रूंगड़ी*।
ग्राम रूंगड़ी में छत्तीस कौम के लगभग 250 घर है,जिनमें सर्वाधिक राजपुरोहित है, अन्य जातियों में देवासी, सीरवी, मेघवाल, वैष्णव, कुम्हार, माली, तेली, सरगरा, ढोली आदि यहां पर बसते हैं।
*सीरवी समाज के यहां पर मात्र 23 घर है*, जिनमें काग, भायल,बरफा और चोयल गौत्र के सीरवी यहां पर निवास करते हैं। जिनमें काग सर्वाधिक है।
ऐसा बताया जाता है कि यहां पर पहले सीरवी अधिक मात्रा में थे लेकिन धीरे-धीरे लगभग 80-90 परिवार यहां से आसपास के गांवों में जाकर बस गए और वहां पर जमीन लेकर के वहां रहने लग गए।इस तरह गांव छोड़ने से इस गांव में सीरवी समाज की आबादी कम होती जा रही है। यहां आज भी गांव में दो सवारी गाड़ी पर बैठ कर गुजरने पर पाबंदी है जिसकी पूर्णतया पालना की जा रही है।
यहां पर श्री आई माता जी का मंदिर बडेर बहुत पुराना है, ऐसा बताया जाता है कि लगभग 60 वर्ष पूर्व यहां श्री आई माताजी बडेर की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी पर ज्यादा जानकारी इस समय यहां के लोगों को नहीं है।
यहां पर श्री आई माता जी के धर्म रथ भैल का आगमन नहीं होता है। यहां से सीरवी बंधु जात करवाने के लिए रायपुरिया जाते हैं, यहां के सभी सीरवी डोरा बंद है।
यहां पर वर्तमान में *कोटवाल श्री चुनाराम चिमनाजी काग, जमादारी फकीर जी पूराराम जी काग* और पुजारी रूंगड़ी के ही संत बस्ती राम जी वैष्णव है।
रूंगड़ी में सीरवी अल्पसंख्यक रूप में है, इसलिए इन्होंने दक्षिण भारत में व्यापार व्यवसाय को चुना है, *नौकरी और राजनीति में इन्होंने अब तक यहां पर खाता ही नहीं खोला है।*
व्यापार व्यवसाय में यहां से पुणे, मुंबई, सूरत, भरूच और जोधपुर में अपनी सफलता के झंडे गाड़े हैं, यहां से दक्षिण भारत जाने वालों में सर्वप्रथम नाम आदाराम जी हकाजी काग मुंबई और रूगाराम जी जस्सा राम जी काग मुंबई मुख्य है।
ग्राम विकास के कार्य में श्री *केसाराम जी व गेनाराम जी काग दोनों भाइयों ने सांवलता मार्ग पर प्याऊ बनवाई और करमेड़ा नाडा में बैरी खुदाई जहां पर मीठा पानी है।*
रायपुरिया जात करवाने आये *जगाराम जी काग ने रूंगड़ी में फोन किया दस मिनट में वहां उपस्थित सीरवी बांडेरु बडेर में पहुंचे और यह जानकारी प्रदान की आप सभी का बहुत बहुत आभार*।आप सबने इच्छा जताई कि यहां से श्री आई माताजी के धर्म रथ भैल के यहां होते हुए गुजरते समय अगर भैल घंटे भर के लिए हमारे गांव में विश्राम करे हम धन्य भागी हो जायेंगे। मैंने अगली बार श्री पूना बाबाजी से निवेदन करने की सलाह दी है।
सीरवी समाज रूंगड़ी की खुशहाली और चंहुमुखी विकास की मां श्री आईजी से कामना करता हूं-दीपाराम काग गुड़िया।