मारवाड़ जंक्शन तहसील मुख्यालय से 25 किमी दूर प्रतापगढ़, भिंवालिया, इन्दरवाड़ा भादरलाऊ,सोमेसर और बूसी के मध्य पंचायत मुख्यालय का गांव है – *निम्बाड़ा।*
छत्तीस कौम की 500 घर की बस्ती निम्बाड़ा में राजपुरोहित, राजपूत, देवासी, सीरवी, मालवीय लौहार, ब्राह्मण, मेघवाल, सरगरा, ढोली, वादी आदि जातियां यहां बसी हुई है।
*यहां सीरवी समाज के केवल 22 घर है जिनमें 20 राठौड़ और 02 भायल* निवास पर रहे हैं।
*पुरानी बडेर श्री भगाराम जी चमनाजी राठौड़ के घर में स्थापित है नया बडेर कई सालों से निर्माणाधीन हैं जो सीरवी समाज की उदासीनता का परिणाम है,बडेर का 90% काम पूरा हो चुका है और बहुत कम काम बकाया है।*
वर्तमान में यहां पर *कोटवाल श्री देवाराम जी रामाजी राठौड़, जमादारी श्री भगाराम जी चमनाजी राठौड़* और शिवपुरा (सोजत) के बाद यहां पर श्री आई माताजी की पूजा अर्चना के लिए पुजारी मातृशक्ति को पाया है। यहां पर *श्रीमती अणसीबाई चमनाजी राठौड़ श्री आई माताजी की पूजा अर्चना कर रहे हैं।*
सरकारी नौकरी में यहां पर *स्वर्गीय श्री दानाराम जी खरताराम जी राठौड़ प्रधानाचार्य* रहे थे। श्री मुकेश जगाराम जी राठौड़ का हाल ही अध्यापक पद पर चयन हुआ है,श्री नरेश भंवरलाल जी राठौड़ मुम्बई में केमिकल इंजीनियर हैं, श्री नवीन गोपाराम जी राठौड़ चैन्नई में सीए है।
*स्वर्गीय दानाराम जी की लोकप्रियता से स्थानीय ग्राम ने एकराय होकर आपकी पुत्रवधू श्रीमती विद्या मुकेश जी राठौड़ को निम्बाड़ा पंचायत की निर्विरोध सरपंच चुना। निम्बाड़ा के इतिहास में यह पहला मौका था जब सभी वार्डो से वार्ड पंच भी निर्विरोध निर्वाचित हुए।उस समय श्री दानाराम जी ने जनभावना को देखते हुए डेढ़ वर्ष पूर्व स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली और पूर्णतया ग्राम विकास में अपने आपको समर्पित कर दिया।ऐसे बिरले महान् पुरुष को कोटि कोटि नमन*। यहां से मूलारामजी लादाजी राठौड़ उप सरपंच रहे।
निम्बाड़ा से व्यापार व्यवसाय हेतु चैन्नई, बंगलौर, पूना, मुंबई,दहाणु वापी एवं सूरत में सीरवी फल फूल रहे हैं।
यहां से सर्वप्रथम दक्षिण भारत जाने वालों में श्री शेराराम जी लादाराम जी राठौड़, स्वर्गीय सकारामजी भीमाजी राठौड़, आसाराम किशन जी राठौड़ घीसाराम करता जी राठौड़ मुंबई स्वर्गीय पुखराज मोती जी भायल पुणे गए।
स्थानीय ग्राम विकास कार्य में लच्छाराम जी चेनाजी राठौड़ ने श्री आईजी विद्यापीठ जवाली में कमरा निर्माण करवाया,श्री धन्नाराम जी पुनाराम जी राठौड़ ने आईजी विद्यापीठ जवाली में सरस्वती मंदिर बनाया तथा राम मंदिर अयोध्या में दानाराम जी द्वारा ₹100000 का दान दिया गया। आपके पुत्र वधू के सरपंच कार्यकाल में स्थानीय गांव को वृक्षारोपण कर हरा भरा बनाया गया जो आज भी स्वर्गीय दानाराम जी की याद दिलाता है।
*संगठन के पदाधिकारियों में स्वर्गीय दानाराम जी श्री आईजी विद्यापीठ जवाली के स्तम्भ रहे, आप श्री आईजी विद्यापीठ संस्थान जवाली के उपाध्यक्ष, श्री आईजी विद्यापीठ संस्थान जवाली शिक्षा समिति के अध्यक्ष तथा सीरवी समाज जागृति संस्था पाली के अध्यक्ष रहे।*
निम्बाड़ा में अब तक श्री आई माताजी के धर्म रथ भैल का आगमन नहीं होता है एक बाबाजी द्वारा जाकर यहां से जात इक्ट्ठी की जाती है इस बार बूसी भैल आगमन पर *श्री मोहनलाल जी बरफा (वन्देमातरम)* को साथ लेकर निम्बाड़ा से जात प्राप्त करने के साथ यह जानकारी प्राप्त की।
श्री आई माताजी से सीरवी समाज निम्बाड़ा के चंहुमुखी विकास और खुशहाली की कामना करते हुए यह *आशा करता हूं कि निर्माणाधीन मंदिर शीघ्र पूर्ण हो और श्री आई माताजी उस नये मंदिर में विराजमान हो,* सभी को लापसी खाने का सुअवसर प्राप्त हो – दीपाराम काग गुड़िया।