तहसील मुख्यालय देसूरी से लगभग 10 किमी दूर गिराली,आना, गुड़ा पाट्टियान, छोड़ा और गुड़ा मांगलियान के मध्य सिन्दरली पंचायत का छोटा सा गांव है *-वारा सोलंकियान।* छत्तीस कौम के लगभग *150घर की सीरवी बाहुल्य बस्ती* में सीरवी समाज के अलावा सोलंकी राजपूत, श्रीमाली ब्राह्मण, कुम्हार, मेघवाल, सरगरा, देवासी, मालवीय लौहार एवं वैष्णव यहां पर बसे हुए हैं।
*यहां पर सीरवी समाज के चार गौत्र के लगभग 80 परिवार* है जिनमें परमार,भायल, परिहार एवं बरफा निवास कर रहे हैं।
यहां पर श्री आई माताजी के बडेर की प्राण प्रतिष्ठा लगभग *1985-86 में श्री आई माताजी के धर्म रथ भैल और परम पूज्य दीवान साहब माधव सिंह जी* के कर कमलों से हर्षोल्लास से सम्पन्न हुई।
*श्री आई माताजी बडेर हेतु अपना पूरा भू भाग जमादारी श्री दल्लाराम जी भगाजी परमार एवं इनके परिवार द्वारा निशुल्क भेंट* किया गया, आपका बहुत बहुत आभार।
वारा सोलंकियान में वर्तमान में *कोटवाल श्री घीसारामजी दूदाजी परमार, जमादारी श्री रतारामजी वेलाजी परमार* और श्री भरत कुमार बंशीलाल जी जोशी श्रीमाली ब्राह्मण पुजारी रुप में सेवा पूजा कर रहे हैं।
वारा सोलंकियान में सरकारी सेवा में किसी ने खाता ही नहीं खोला पर दक्षिण भारत की प्रतिभाओं में श्री सखारामजी मोडाजी परमार पूना में सीए और श्री प्रवीण जी मोहनलाल जी परमार मुम्बई में सीए है।
वारा सोलंकियान से सीरवी समाज का नाम *स्वर्गीय श्री जेठारामजी वनाजी परमार द्वारा सिन्दरली के सरपंच* रुप में दर्ज करवाया गया है।
यहां से व्यापार व्यवसाय हेतु जोधपुर, अहमदाबाद,सूरत, मुंबई, पुणे सीरवी बंधुओं ने सफलता पाई है।
यहां से सर्वप्रथम दक्षिण भारत जाने वालों में स्वर्गीय चेनाराम जी नेमाजी परमार, स्वर्गीय नेनारामजी रामाजी परमार, स्वर्गीय मूलारामजी रामाजी परमार और स्वर्गीय रतारामजी रामाजी परमार मुम्बई गये थे।
ग्राम विकास के कार्य में *श्री घीसूलाल जी दूदाजी परमार* द्वारा श्री आईजी विद्यापीठ जवाली में भूमि पूजन लाभ एवं दो कमरे निर्माण करवाये, श्री मोतीबाबा छात्रावास रानी में एक कमरा निर्माण और मुख्य द्वार का निर्माण करवाया जा रहा है। श्री लालाराम जी नेनाजी परमार द्वारा श्री आईजी विद्यापीठ जवाली में एक कमरा निर्माण करवाया गया। श्री मानाराम जी शेषाजी परमार द्वारा सिन्दरली गौ शाला में अवाला निर्माण करवाया गया। श्री उमाराम जी वेलाजी परमार द्वारा श्री हनुमान बालाजी के सार्वजनिक मंदिर का निर्माण करवाया एवं प्राण प्रतिष्ठा करवाई। श्री रतीलाल जी भीकाजी परमार द्वारा श्री मोतीबाबा विद्यालय रानी एवं श्री आईजी विद्यापीठ जवाली में सहयोग किया गया।
दक्षिण भारत की संस्थाओं में पदाधिकारी रूप में *श्री रतीलाल जी भीकाजी परमार साकीनाका घाटकोपर मुम्बई बडेर के दस साल तक अध्यक्ष रहे*,आप वर्तमान में तीरखी माताजी मंदिर छोड़ा के अध्यक्ष हैं।आप भाजपा प्रवासी प्रकोष्ठ के राजस्थान प्रांत के उपाध्यक्ष रहे एवं किसान मोर्चा जिला पाली के अध्यक्ष रहे। *श्री घीसूलाल जी दूदाजी परमार साकीनाका घाटकोपर मुम्बई बडेर के सलाहकार* रहे। *श्री मोतीलाल जी वेलाजी परमार नालासोपारा मुम्बई बडेर में सीरवी नवयुवक मंडल के मिडिया प्रभारी* के रूप में सराहनीय सेवाएं दे रहे हैं।
वारा सोलंकियान में श्री आई माताजी धर्म रथ भैल का भव्य बधावा किया गया रात में धर्म सभा का आयोजन किया गया जिसमें कड़ाके की सरदी में बेरों से बन्धु आये एवं रात्रि बारह बजे तक धर्म सभा का लाभ लिया।
वारा सोलंकियान ग्राम के चंहुमुखी विकास और खुशहाली की मां श्री आईजी से कामना करता हूं -दीपाराम काग गुड़िया।