राजस्थान:–पाली जिले से 30 किमी दूर केनपुरा गांव में 12 अक्टूबर 2023 को श्री आई माताजी धर्म रथ भैल का भव्य बधावा किया गया…

पाली तहसील मुख्यालय से लगभग 30 किमी दूर सपरा, बडेरावास, खैरवा और बुधवाड़ा के मध्य बडेरावास पंचायत में आया हुआ छोटा सा मनोरम गांव है- *केनपुरा।*
छत्तीस कौम के लगभग 200 घर की सीरवी बाहुल्य बस्ती में अन्य क़ौम में देवासी, कारीगर,नाई, वैष्णव, मेघवाल और वादी आदि निवास करते हैं।
यहां पर सीरवी समाज के लगभग 150 घर है जिनमें सोलंकी, काग, हाम्बड़, गहलोत, राठौड़,देवड़ा और चोयल गौत्र के सीरवी निवास करते हैं।
यहां पर *श्री आई माताजी मंदिर बडेर की प्राण प्रतिष्ठा सन् 1989 में* सम्पन्न हुई थी तिथि आदि की जानकारी उपलब्ध नहीं हो पाई। केनपुरा में वर्तमान में *कोटवाल श्री मोहनलाल जी हकाजी सोलंकी, जमादारी श्री दीपाराम जी लच्छाराम जी हाम्बड़ और पुजारी श्री भूराराम जी काग* अपनी सेवा दे रहे हैं।
यहां पर श्री आई माताजी मंदिर बडेर बहुत भव्य बनाया हुआ है मंदिर के सामने बड़ा हाॅल बना हुआ है दीवारों पर चित्रकारी करवाई हुई है और सद् वाक्य लिखे हुए हैं, परन्तु भैल आगमन पर मंदिर के सामने भैल के खड़े रहने का स्थान नहीं है अतः पुरानी बडेर तथा जमादारी श्री दीपाराम जी हाम्बड़ की पोल के सामने भैल को खड़ा किया जाता है।
*सरकारी नौकरी में केनपुरा का नाम सम्पूर्ण भारत में रोशन किया है वह शख्सियत हैं-IRS श्री विनोद जी सीरवी (काग )।*
श्री विनोद जी काग पुत्र श्री भगाराम जी काग INDIAN REVENUE SERVICE से वर्तमान में *उपनिदेशक अन्वेषण आयकर विभाग उदयपुर* के पद पर अपनी सराहनीय सेवा दे रहे हैं। आपके सद्प्रयास का ही फल सीरवी समाज उदयपुर को मिला कि सीरवी छात्रावास उदयपुर के भूखंड का लम्बे समय बाद निपटारा हुआ।
श्री नरेश जी काग कम्प्यूटर इंजीनियर आईआईटी माइक्रोसॉफ्ट अमेरिका में कार्यरत है। डाक्टर सीमा सीरवी BAMS आयुर्वेद जयपुर में अपनी सेवा दे रहे हैं। श्री कानाराम जी लच्छाराम जी सोलंकी विद्युत विभाग में लाइनमैन पद से सेवानिवृत कर्मचारी हैं।
राजनीति में भी केनपुरा गांव का नाम सीरवी समाज द्वारा रोशन किया गया है। *श्री लूम्बाराम जी मूलाराम जी हाम्बड़ बडेरावास के सरपंच रहे, श्रीमती वरजू देवी पुखाराम जी सोलंकी सरपंच रही, श्रीमती ममता नरेश जी हाम्बड़ सरपंच रही। श्रीमती तीजा कालूराम जी सोलंकी पंचायत समिति सदस्या रही तथा मांगीलाल लूम्बाराम जी हाम्बड़ पंचायत समिति सदस्य* रहे हैं।
व्यापार व्यवसाय में यहां से सीरवी बंधु अंकलेश्वर, सूरत, वापी,दमण,सिलवासा, मुंबई, पूना, कोल्हापुर, हैदराबाद, छत्तीसगढ़, बंगलौर के साथ पाली और जोधपुर में भी अपने गांव केनपुरा का नाम रोशन कर रहे हैं।
केनपुरा से दक्षिण भारत में सर्वप्रथम जाने वालों में श्री जोधाराम जी हकाजी सोलंकी, श्री मोहनलाल जी जीवाजी हाम्बड़, श्री ढलाराम जी मूलाजी हाम्बड़ मुम्बई, श्री मोहनलाल जी उम्मेद राम जी हाम्बड़ वापी और श्री जीवाराम जी ताराराम जी सोलंकी अंकलेश्वर पधारे।
ग्राम विकास के कार्य में श्रीमती जस्सीबाई तुलसाराम जी हाम्बड़ की पुण्य स्मृति में विद्यालय में प्याऊ निर्माण, मुख्य द्वार का दरवाजा भेंट किया गया, सीरवी समाज केनपुरा द्वारा विद्यालय में दो कमरे निर्माण करवाये गये, श्री भीकाराम जी अमराराम जी सोलंकी द्वारा एक कमरा निर्माण करवाया गया श्री जीवाराम जी ताराराम जी सोलंकी द्वारा खैरवा मार्ग पर प्याऊ का निर्माण करवाया गया।
दक्षिण भारत में बडेर संगठनों के पदाधिकारी रूप में श्री मोहनलाल जी हाम्बड़ ने नेरुल मुम्बई के अध्यक्ष पद को सुशोभित कर ग्राम केनपुरा का नाम रोशन किया।
आईआरएस श्रीमान विनोद जी काग एवं दक्षिण भारत में रह रहे प्रवासी सीरवी बंधुओं ने यहां पर सांसरी और जाणूंदा की तरह अनुकरणीय उदाहरण पेश किया है कि गांव में रह रहे वयोवृद्ध एकल पुरुष, एकल महिला एवं भोजन बनाकर खाने में असक्षम *सीरवी समाज बंधुओं के लिए केनपुरा गांव में टिफिन व्यवस्था* की गई है। वर्तमान में हर गांव की यह आवश्यकता है, आपने इन बड़े बुजुर्गो के लिए यह व्यवस्था कर आशीर्वाद प्राप्त किया है।
*आई पंथ के पंद्रहवे (15वे) धर्म गुरु दीवान श्री लक्ष्मण सिंह जी इस गांव के हाम्बड़ जमादारी परिवार के जंवाई है, श्रीमती लच्छी बाई हाम्बड़ का शुभ विवाह बिलाड़ा दीवान जी के संग हुआ* और इस गांव को दीवान जी का आतिथ्य सत्कार करने का अवसर मिला यह सौभाग्य की बात है।
सीरवी समाज द्वारा खैरवा छोड़ कर बसाये गये खेड़ों में केनपुरा अच्छी खेती वाला गांव है, गांव के पास तालाब गांव की सुन्दरता में चार चांद लगाता है,पूरा गांव सीरवी बाहुल्य है सीरवी समाज की अमीरी बने हुए आलीशान भवनों से स्पष्ट दिखाई देती है, श्री आई माताजी की पूर्ण कृपा है, विगत पांच सौ वर्षों से श्री आई माताजी के धर्म रथ भैल का गांव – गांव भ्रमण होता है और इस बार जन जागरण अभियान के तहत सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक जानकारी के साथ माताजी द्वारा बताए गए बेल के ग्यारह नियम आज भी कुरीतियों के निवारण में आवश्यक है और हर गांव में दो घंटे जन जागरण अभियान में माताएं बहनें उपस्थित होती है लेकिन अफसोस की बात है कि हमारे खुद के द्वारा गली में विराजमान माताओं बहनों को निवेदन करने के पश्चात भी नहीं आना बड़ा दुखदाई लगा। सीरवी बंधुओं से गांव की सूचनाएं प्राप्त करते समय भी पूर्ण सूचनाएं प्राप्त नहीं हो पाई जिसका खेद है। फिर भी इस गांव से अनमोल रत्न अखिल भारतीय स्तर की परीक्षा पास कर गांव का नाम रोशन कर रहे हैं दक्षिण भारत में व्यापार व्यवसाय से आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने में प्रवासी बंधुओं का विशेष महत्व है आपकी मेहनत,लगन और माताजी के प्रति पूर्ण समर्पण भाव बनाए हुए हैं। सीरवी समाज केनपुरा के चंहुमुखी विकास और खुशहाली की मां श्री आई माताजी से कामना करता हूं -दीपाराम काग गुड़िया।

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