रानी तहसील मुख्यालय से 38 किमी पिलोवणी, सिवास, खिंवाड़ा, रायपुरिया और रूंगड़ी के मध्य पंचायत मुख्यालय का गांव है- *वणदार।*
छत्तीस कौम के 350 घर की बस्ती में राजपुरोहित, सीरवी, मेघवाल, देवासी, कुम्हार, ब्राह्मण, वैष्णव, घांची और सरगरा जातियां यहां बसती है।
यहां पर सीरवी समाज के मात्र 24 घर है, जिनमें केवल दो गौत्र *सोलंकी एवं काग* निवास कर रहे हैं एवं दोनों गौत्र से *एक भी परिवार डोरा बंद नहीं है*।
स्थानीय ग्राम में डोरा बंद सीरवी नहीं है अतः श्री आई माताजी का मंदिर अर्थात *बडेर यहां पर नहीं है*, श्री खेतलाजी का मंदिर आज से 10 वर्ष पूर्व बन चुका था पर अभी तक मामूली कार्य अपूर्ण है, तथा मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा बकाया है।
यहां पर श्री आई माता जी का धर्म रथ भैल का आगमन भी नहीं होता है। यहां के सभी 24 सीरवी परिवार *रायपुरिया में भैल आगमन पर जाकर जात करवाते हैं*।
वर्तमान में यहां पर *कोटवाल श्री उदाराम जी गमनाजी सोलंकी जमादारी श्री भानाराम जी अचलाजी काग* अपनी सेवाएं दे रहे हैं। फिलहाल सभी अपने घरों में पूजा अर्चना कर रहे हैं इसलिए मंदिर में किसी तरह की पूजा नहीं हो रही है, एवं पुजारी भी नहीं है।
सरकारी नौकरी में यहां से श्री लखाराम जी खींवाजी सोलंकी अध्यापक पद से 2002 में सेवानिवृत हुए, वर्तमान में केसाराम जी आदाजी सोलंकी सिवास में शारीरिक शिक्षक है, गणेशराम जी लखाराम जी सोलंकी विंगरला में अध्यापक है।
स्थानीय गांव से राजनीति में अभी तक किसी ने भी खाता ही नहीं खोला है।
व्यापार व्यवसाय में यहां से सीरवी बंधु अहमदाबाद, मुंबई, हैदराबाद और पुणे में व्यवसायरत है। सर्वप्रथम वणदार से दक्षिण भारत जाने वालों में *ओगड़ राम जी पुत्र श्री आदाराम जी काग मुंबई और वर्तमान में अहमदाबाद में मीरा मेटल अहमदाबाद नाम सीरवी समाज में नामचीन है।*
विकास कार्य में ओगड़राम जी आदाराम जी काग ने स्थानीय विद्यालय में कमरा निर्माण करवाया, वक्तारामजी गमनाजी सोलंकी ने केराली में अवाला निर्माण करवाया, ओगड़राम जी नैनाजी सोलंकी ने नदी के पास में अवाला निर्माण करवाया। ओगड़रामजी आदाजी काग ने सोनाणा खेतलाजी में धर्मशाला बनवा कर पुण्य लाभ अर्जित किया है।
*वणदार में नव निर्मित मंदिर में श्री खेतलाजी महाराज के शीघ्र विराजमान होने की कामना के साथ श्री आई माताजी से सीरवी समाज वणदार के चंहुमुखी विकास और खुशहाली की कामना करता हूं* -दीपाराम काग गुड़िया।*