राजस्थान :– पाली जिले के सोजत रोड़ से 13 किलोमीटर दूरी पर सिरियारी मार्ग पर सवराड़ वोपारी के बीच ख्यातनाम गांव मांडा में माताजी के धर्म रथ भैल का भव्य बधावा हुआ। संध्या आरती व प्रातःकालीन भैल की आरती में सभी आई माताजी के भक्तों ने भक्ति भाव से भाग लिया।
इस गांव में लगभग 1000 घर की जैन बस्ती के साथ सीरवी समाज के भी 411 परिवार यहां निवासरत है जिनमें से अधिकांश तया बंगलौर,चैन्नई, हैदराबाद सूरत, पूना मुम्बई में व्यापार व्यवसाय में मांडा ग्राम का नाम रोशन कर रहे हैं। जिनमें भूराराम जी चोयल,गेनजी हाम्बड़,पुखजी पंवार पुराने सेठों में मुख्य है। यहां पर पंवार,चोयल,बरफा और हाम्बड़ गौत्र की संख्या भरपूर है अन्य में परिहार, सोलंकी,काग,सानपुरा आदि भी है।
वर्तमान में मांडा ग्राम पंचायत के सरपंच पद पर कालूराम जी गहलोत विराजमान हैं जिनके श्री आई माता टेंट का आसपास के एरिया में बड़ा नाम है।
पुरानी पीढ़ी में एक भी सरकारी नौकरी में नहीं है लेकिन नई पीढ़ी में चेतन जर्मनी में सोफ्टवेयर इंजिनियर, हीरालाल और सुरेश सीए का काम देख रहे हैं।मोहनलाल जी पंवार MBBS कर बंगलौर में अपनी सेवा दे रहे हैं।
मांडा में वर्तमान में जीवाराम जी पंवार कोटवाल, दुर्गाराम जी पंवार जमादारी और मांगीलाल जी चोयल पुजारी के साथ कुल 16 खूंटिया पंच है।
वर्तमान समय में श्री आईमाता जी के श्वेत मार्बल में मंदिर निर्माण का कार्य प्रगति पर है। जिसका लेखा जोखा एवं देखरेख श्री हुकमाराम जी हाम्बड़ कर रहे हैं ।और आई माताजी की कृपा से 2025 में परम पूज्य दीवान साहब माधव सिंह के आशीर्वाद से एक बार फिर से वोपारी का नजारा मांडा में देखने को मिलेगा ऐसी श्री आई माताजी से कामना करते हैं।
प्रस्तुति -दीपाराम काग गुड़िया।