मारवाड़ जंक्शन से 30 किमी दूर बांता, धामली, हिंगोला, सापूनी, बूसी, निंबाड़ा,भादरलाऊ
इंद्रवाड़ा, गुड़ा जैतसिंह जी और पांचेटिया के मध्य पंचायत मुख्यालय का गांव है- *भिवालिया।*
कहा जाता है कि कोई समय में यह पंचायत बहुत बड़ी थी और इसमें 17 गांव सम्मिलित थे।
भीमालिया में छत्तीस कौम के लगभग 1000 घर है जिनमें सीरवी, घांची, राजपूत, रजपूत, देवासी, ब्राह्मण, सरगरा, कुम्हार, दरोगा, मेघवाल, ढोली, हरिजन, नाई, जैन, सुनार, खटीक आदि जातियां यहां बसती है।
भीमालिया में सीरवी समाज के लगभग 100 घर है, जिनमें परिहार, सोलंकी, राठौड़, काग, लचेटा, चोयल, बरफा और भायल निवास कर रहे हैं।
यहां पर श्री आई माताजी का मंदिर बडेर पक्का बना हुआ है, जो बहुत ही शानदार है यहां श्री आई माताजी बडेर की प्राण प्रतिष्ठा *विक्रम संवत २०५६ जेठ बदी सातम, शनिवार, दिनांक 08 मई 1999* को श्री आई माता जी के धर्म रथ भैल और परम पूज्य दीवान साहब माधव सिंह जी के कर कमलों से संपन्न हुई थी।
मंदिर के सामने हाल और पोल बनी हुई है। सामने प्लॉट में शौचालय और स्नान घर बने हुए हैं। इनके अलावा अलग से एक न्याति नौहरा भी है। यहां सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध है।
वर्तमान में यहां पर *कोटवाल श्री पुकाराम कूपा जी राठौड़, जमादारी श्री जीवाराम अमराजी परिहार और पुजारी भी जीवाराम जी ही है।*
सरकारी नौकरी में यहां पर पहले से अकाल ही है। अब दक्षिण भारत से प्रतिभाओं ने इसमें रुझान दिखाया है जिनमें श्री भावेश नेमीचंद जी परिहार मलाड मुंबई में सीए है, श्री शिवराम भूरमल जी परिहार भांडुप मुंबई के अंदर आर्किटेक्ट है, श्री भरत नारायण जी परिहार बेंगलुरु में सीए है, श्री योगेश जोगाराम जी बरफा सीए है और नीलेश जोगाराम जी बरफा पुणे में एडवोकेट है।
राजनीति में इस गांव से सर्वप्रथम *श्रीमती टीपू बाई धर्मपत्नी श्री भूरमल जी परिहार दो बार भिंवालिया की सरपंच रही। श्रीमती टीपू बाई हरिद्वार कुंभ में पधारी वहीं आप देवलोक गमन कर गई। वर्तमान में श्रीमती घीसीबाई वेनाराम जी परिहार भिंवालिया के सरपंच पद को सुशोभित कर रहे हैं।*
व्यापार व्यवसाय में यहां से मुंबई, पुणे, बेंगलुरु, दादरा नगर हवेली और सिलवासा में मुख्य करके सीरवी बसे हुए हैं। यहां से दक्षिण भारत गमन करने वालों में सर्वप्रथम नाम स्वर्गीय भूरमल जी परिहार भांडुप मुंबई, श्री नेमीचंद जी वरदाराम जी परिहार बेंगलुरु, श्री खंगार जी मोतीजी सोलंकी पुणे, श्री हीरालाल जी नेताजी सोलंकी मुंबई और वर्तमान में पुणे में व्यवसायरत है।
ग्राम विकास कार्य में श्री नेमीचंद जी वरदाराम जी परिहार द्वारा आईजी विद्यापीठ जवाली में गार्डन विकास किया गया और स्टाफ क्वार्टर सत्यम के निर्माण में योगदान दिया गया, आपके द्वारा ही श्री जीजीवड़ आई माता गौशाला में योगदान दिया गया है। श्री शिवराम जी परिहार द्वारा आईजी विद्यापीठ जवाली में सहयोग दिया गया और आर्किटेक्ट रूप में भी निःशुल्क सेवा दी गई है।
दक्षिण भारत में संगठन के पदाधिकारी रूप में *श्री नेमीचंद जी परिहार मलाड बडेर के कोषाध्यक्ष रहे आप वर्तमान में श्री आईजी विद्यापीठ जवाली के अध्यक्ष हैं, तथा श्री जीजीवड़ आई माता गौशाला के आप सचिव हैं।*
ऐसा बताया जाता है कि भिंवालिया में लगभग 400 वर्ष पूर्व सर्वप्रथम परिहार परिवार आकर के बसे उसके बाद में सोलंकी और राठौड़ भिंवालिया में आकर बसे।
भिंवालिया में 24 अक्टूबर 2023 श्री आई माताजी धर्म रथ भैल आगमन पर कोटवाल जमादारी द्वारा बधावा किया गया रात्रि में धर्म सभा के लिए आने हेतु सभी ने वादा किया लेकिन *श्री नंदाराम जी राठौड़* अपने पुत्र के साथ पधारे एवं सामाजिक चर्चा की बाकी किसी को आने का समय नहीं मिला केवल कोटवाल जमादारी ने पूरी सेवाएं दी।
ग्राम भिंवालिया के चंहुमुखी विकास और खुशहाली की मां श्री आईजी से कामना करता हूं-दीपाराम काग गुड़िया।