पाली जिला और तहसील मुख्यालय से मात्र 13 किमी दूर पड़ासला कलां, बाणियावास, लाम्बिया और बोमादड़ा के मध्य ग्राम पंचायत बाणियावास का छोटा सा गांव है – *निम्बला खेड़ा।*
सन् 1982 के बाद मूल स्थान पर रावलवास बांध के जल भराव के बाद डूब क्षेत्र में आ जाने से इसे इस ऊंचे स्थल पर नये गांव के रूप में बसाया गया। जिसमें चालीस साल बाद तक मात्र 100 घर है। जिनमें भी केवल सीरवी, राजपूत, रावणा राजपूत, देवासी, मेघवाल और चौकीदार यहां बसे हुए हैं।
*निम्बला खेड़ा गांव में सीरवी समाज के कुल 35 परिवार है प्रति कंदोरा यह संख्या बढ़कर लगभग 45 घर है लेकिन जहां तक मेरी जानकारी है पूरे भारतवर्ष में किसी भी गांव में केवल एक गौत्र के सीरवी कहीं पर भी बसे हुए नहीं होंगे पर इस गांव की विशेषता यह है कि यहां पर सीरवी समाज की चौबीस गौत्र में से केवल परमार (पंवार) परिवार है अन्य कोई गौत्र यहां पर नहीं है।*
*दूसरी विशेषता यह है कि इस गांव के बसने से लेकर अब तक चालीस साल से श्री आई माताजी के धर्म रथ भैल का आगमन यहां नहीं हुआ है। और बांडेरुओं के अनुसार यहां अब तक बाबाजी के द्वारा भी कभी जाकर जात नहीं की गई और इन्हें बेलें भी प्राप्त नहीं हुई।*
सन् 1984 तक यहां पर सामान्य श्री आई माताजी मंदिर (बडेर) का निर्माण करवाया सामने चौक रखा,पोल भी बनाई गई। *आसपास के खेड़ों को आमंत्रित कर बिना आई माताजी के धर्म रथ भैल, बिना बाबाजी और बिना दीवान जी के पाट स्थापना कर पूजा अर्चना प्रारंभ कर दी गई।* जो कमियां वहां पाई सुधार करवा दिया गया।
यहां पर वर्तमान में कोटवाल श्री भेराराम जी गंगाराम जी पंवार, जमादारी श्री रुपाराम जी वनाजी पंवार एवं पुजारी रुप में श्री आई माताजी की सेवा पूजा जमादारी रुपाराम जी पंवार कर रहे हैं।
*सरकारी नौकरी में छोटे से गांव से श्री विक्रम जी पुत्र श्री भंवरलाल जी पंवार जयनारायण विश्वविद्यालय जोधपुर में गेस्ट फेकल्टी रुप में असिस्टेंट प्रोफेसर (फार्मास्यूटिकल संकाय) के पद पर सेवा दे रहे हैं, जो प्रशंसनीय है।*
श्री राजेन्द्र जी पुत्र श्री गणेशराम जी पंवार पाली सेन्ट्रल कोपरेटिव बैंक पाली में अपनी सेवा दे रहे हैं। यहां से स्वर्गीय खीमाराम किशनाराम जी पंवार कर विभाग से सेवानिवृत हुए थे।
राजनीति में इस समय इस गांव से कोई सीरवी बंधु सक्रिय नहीं है पर बहुत पहले श्री गंगाराम जी पंवार न्याय पंचायत के चेयरमैन रहे।
व्यापार व्यवसाय में यहां से वापी, मुंबई, पूना और हैदराबाद में सीरवी बंधु सफलतम रूप से अपने गांव का नाम रोशन कर रहे हैं।
सर्वप्रथम दक्षिण भारत जाने वालों में श्री मांगीलाल जी पुत्र स्व श्री रामलाल जी, पूना, दीपाराम जी पुत्र श्री रुपाजी पूना फिर मुम्बई, श्री विजयराज पुत्र स्व श्री खींवारामजी, धन्नाराम जी पुत्र श्री तुलसाराम जी हैदराबाद, राजाराम जी पुत्र स्व श्री डूंगाराम जी मुंबई, राणाराम जी पुत्र स्व श्री भेराजी मुम्बई, इंद्रकुमार पुत्र स्व श्री नाराराम जी, पूना और पूनाराम जी पुत्र स्व श्री डूंगाराम जी ने मुंबई में सफलता के झंडे गाड़े।
ग्राम विकास के कार्य में श्री दीपाराम जी पुत्र श्री रुपाजी पंवार द्वारा जोधा महाराज की समाधि पर टांके का निर्माण करवाया गया।
*पुराना निम्बला गांव के तालाब की पाल के पास परम तपस्वी जोधा महाराज की समाधि है जहां जोधा महाराज की छतरी बनी हुई है, चारों ओर लगभग एक बीघा जमीन पर चारदीवारी की हुई है। आसपास में वृक्षारोपण करवा कर जंगल में मंगल किया हुआ है।*
लाम्बिया में भैल आगमन पर मुझे निम्बला खेड़ा जाने एवं बांडेरुओं से बातचीत करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ, सभी श्री आई माताजी मंदिर में इक्कट्ठे हुए एवं भैल के बाबाजी आगमन पर प्रसन्नता व्यक्त की। सभी को बेलें प्रदान की गई। एवं श्री आई पंथ की जानकारी दी गई।
सीरवी समाज निम्बला खेड़ा के चंहुमुखी विकास और ग्राम के खुशहाली की मां श्री आई माताजी से कामना करता हूं – *दीपाराम काग गुड़िया*।