तहसील मुख्यालय रानी से 25 किमी दूर गुड़ा भीमजी, गुडा मेघजी, जीवंद कलां और देवली पाबूजी के मध्य पंचायत मुख्यालय का गांव है- *सांवलता।*
छत्तीस कौम के लगभग 525 घर की बस्ती सांवलता में सीरवी, मेघवाल, जैन, ब्राह्मण, सरगरा, देवासी, कुम्हार, राजपूत, राजपुरोहित, सुथार, नाई, मालवीय लोहार, दर्जी, सुनार, वैष्णव, गोस्वामी, मेणा, वादी, घांची आदि यहां पर बसे हुए हैं।
सांवलता में सीरवी समाज के लगभग 225 घर है, जिनमें सोलंकी, आगलेचा, सेपटा, परिहार, हाम्बड़,चोयल, काग और खंडाला यहां पर बसे हुए हैं।
श्री आई माता जी की बडेर यहां पर बहुत शानदार एवं श्वेत मार्बल में बनी हुई है, पास में 100 गुणा 100 फीट का लंबा चौड़ा भूखंड समाज भवन के लिए छोड़ा हुआ है।
यहां पर श्री आई माताजी बडेर की प्राण प्रतिष्ठा *विक्रम संवत् २०७९,वैशाख सुदी सातम, दिनांक 08 मई 2022 रविवार के दिन श्री आई माता जी के धर्म रथ भैल और परम पूज्य दीवान साहब माधव सिंह जी* के कर कमलों से हर्षोल्लास से संपन्न हुई थी। मंदिर के पीछे ही श्री हनुमान बालाजी का मंदिर है। जिसे सीरवी अपने साथ लेकर आए और यहां स्थापित किया। यहां पर *पिपलिया कला के पास बांसिया से सर्वप्रथम सोलंकी आए* और यहां पर बसे।
वर्तमान में यहां पर *कोटवाल श्री मानाराम जी भानाजी आगलेचा, जमादारी श्री ढलाराम जी कसाजी सोलंकी* और पुजारी बोरड़ी गांव के प्रकाश जी रावल अपनी सराहनीय सेवाएं दे रहे हैं।
सरकारी नौकरी में यहां से *श्री गणारामजी ताराराम जी सोलंकी हिंगोला खुर्द में प्रधानाचार्य* पद पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं।धुन के पक्के,हर काम में अग्रणी भूमिका निभाने वाले, असम्भव को सम्भव कर दिखाने वाले,आप सीरवी संदेश के भी नींव के पत्थर रहते हुए सह व्यवस्थापक रहे। श्री धन्नाराम जी जेताराम जी परिहार त्रिपुरा में सब इंस्पेक्टर डिफेंस के रूप में फौज में अपनी सेवा दे रहे हैं। श्री मुकेश जी कीकाजी सोलंकी रानी डाकघर में बाबू है। डॉक्टर नरेश लालाराम जी सोलंकी उदयपुर से एमबीबीएस कर रहे हैं।
स्थानीय गांव की राजनीति में *श्री गेनारामजी दूदाजी सोलंकी सांवलता के सरपंच* रहे, श्री रूपाराम जी चेनाराम जी परिहार उप सरपंच रहे हैं।
व्यापार व्यवसाय में स्थानीय गांव से मुंबई, नासिक, थाने, पुणे, कराड, रत्नागिरी और हैदराबाद में सीरवी समाज अपनी सफलता के झंडे गाड़ रहे हैं।
यहां से सर्वप्रथम दक्षिण भारत जाने वालों में स्वर्गीय श्री पुखराज जी पन्नाजी सोलंकी, स्वर्गीय भीकाराम जी वेलाजी सोलंकी, डायाराम जी नवलाजी सोलंकी और गमनाराम जी डूंगा जी परिहार सभी मुंबई गए थे।
स्थानीय ग्राम विकास में खीमारामजी, पुनाराम जी पुत्र श्री चेनाराम जी आगलेचा ने जीजीवड़ गौशाला का मुख्य द्वार बनवाया, श्री देवारामजी पुखराज जी सोलंकी ने जीजीवड़ गौशाला में गेट बनवाया, श्री डायाराम जी नवलाजी सोलंकी ने भी जीजीवड़ गौशाला में गेट बनवाया। श्री गणेशराम जेताजी परिहार ने सीआईजी विद्यापीठ जवाली में कमरा निर्माण करवाया। श्री ओगड़राम जी धीराजी सोलंकी और गेनाराम दूदाजी सोलंकी ने स्कूल में प्याऊ बनवाई।
दक्षिण भारत के संगठनों के पदाधिकारी में श्री गणेशराम जी जेताजी परिहार बिबवेवाडी पुणे बडेर के सचिव रहे।श्री रुपाराम चेनाजी परिहार बिबवेवाडी पुणे बडेर के 16 वर्ष तक सह सचिव रहे एवं पिछले 35 वर्ष से स्थानीय मंदिर की आय व्यय व कोष का कार्य भी देख रहे हैं।
27 अक्टूबर 2023 को श्री आई माताजी धर्म रथ भैल का गांव सांवलता में भव्य बधावा किया गया रात में आयोजित धर्म सभा में भी माताओं बहनों और बांडेरुओं ने अच्छी संख्या में उपस्थिति दर्ज कराई एवं धर्म सभा का लाभ लिया।
ग्राम सांवलता के चंहुमुखी विकास और खुशहाली की मां श्री आई माताजी से कामना करता हूं-दीपाराम काग गुड़िया।