*।।श्री आईजी युवा मंच, पुणे द्वारा आयोजित कार्यक्रम “जीवन दर्शन एवं कॅरियर मार्गदर्शन” सम्पन्न।”*
“संकल्पशक्ति का धन, जो लेकर चलता मन.. वो वाकई महान कहलाता है।
संकल्पवान व्यक्ति असंभव को संभव कर दिखलाता है,
संकल्पी का पथ कभी कोई रोक न पाता है।”
ऐसे ही भावों से प्रेरणा प्राप्त कर सीरवी समाज के युवा श्रीमान नेनाराम राजारामजी काग (जवाली) और श्रीमान बाबूलाल घीसारामजी गेहलोत( जिवंदकलां) ने समाज के वाकई युवाओं को साथ लेकर *श्री आईजी युवा मंच, पुणे(महाराष्ट्र ) की स्थापना की।*
इनका उद्देश्य समाज की होनहार बाल प्रतिभाओं को सम्मानित करना तथा उन्हें जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा प्रदान करना रहा है।
भारतीय युवाओं के महान प्रेरणा पुंज स्वामी विवेकानंदजी की जन्म जयंती 12 जनवरी 25 को युवा संगठन “श्री आईजी युवा मंच” पुणे(महाराष्ट्र) के तत्वाधान में आयोजित संस्कारित शिक्षा कार्यक्रम “जीवन दर्शन और कॅरियर मार्गदर्शन” का 18 वां समारोह
श्री गोडवाड सीरवी क्षत्रिय समाज ट्रस्ट, श्री आईमाताजी मंदिर बिबवेवाडी पुणे(महाराष्ट्र) में संपन्न हुआ।
इस भव्य एवं दिव्य कार्यक्रम में समाज के श्रीमान दीपाराम जी काग गुड़िया(धर्म-अध्यात्म के प्रणेता), श्रीमान विनोद जी काग, केनपुरा(आयकर उपायुक्त, उदयपुर), श्रीमान रमेश जी गेहलोत, पुनाडिया (sdm मावली, उदयपुर), श्रीमान खींवराज जी ,(प्रधानाचार्य, जाडन ),
श्रीमान देवाराम जी काग(संस्थापक, श्री आईजी बाल-संस्कार केंद्र, हैदराबाद), श्रीमान कानाराम जी परिहार(व्याख्याता, काला पीपल),
श्रीमान हीराराम गेहलोत(सचिव श्री आईजी विद्यापीठ संस्थान, जवाली) श्रीमान हीरालाल जी राठौड़(अध्यक्ष, श्री गोडवाड सीरवी क्षत्रिय समाज ट्रस्ट,पुणे), श्रीमान खींवराज जी परमार(अध्यक्ष, सीरवी समाज, उदयपुर), डॉ.दिनेश जी चोयल, दूदौड़,(केंंसर सर्जन, पुणे), श्रीमान गणेश जी परिहार(CA), मातृशक्ति के प्रतिनिधित्व के रूप में डॉ. जशोदा जी परमार,(रिसर्च साइंटिस्ट इन केंसर, पुणे), डॉ. कंचन जी सोलंकी(mds, पुणे) तथा नवचयनित CA कुमारी रिद्धि परमार, कार्यक्रम के उद्घोषक श्रीमान घीसाराम जी लचेटा, बिजोवा, श्रीमान प्रेम जी काग, नवा गुड़ा इन सबकी प्रमुख उपस्थिति में सम्पन्न हुआ।
श्री आईजी युवा मंच पुणे द्वारा समारोह में पधारें सम्माननीय अतिथियों को शाॅल व स्मृतिचिन्ह भेंट कर उनका बहुमान किया ।मुख्यवक्ता के रूप में समाज के धर्म-अध्यात्म के प्रणेता श्रीमान दीपाराम जी काग ने सीरवी समाज की उत्पत्ति, श्री आईमाता जी अवतार, श्री आई-पंथ के नियम और नैतिक मूल्यों की शिक्षा दी। समाज के युवाओं और बुजुर्गो को आह्वान किया कि आप और हम समाज की श्रेष्ठ परम्पराओं, मूल्यों और प्रतिमानों के अनुरूप जीवन जीयें और सामाजिक एकता और समरसता पर ध्यान देवें।
समाज के युवा आइकॉन श्रीमान विनोदजी चौधरी I.R.S. उपायुक्त आयकर विभाग उदयपुर ने धर्म-अध्यात्म के साथ प्रतिभाओं को जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी तथा समाज से निवेदन किया कि आप समाज की प्रतिभाओं को प्रशासनिक क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए मुक्तहस्त से आर्थिक सहयोग प्रदान करे।
युवा आइकॉन श्रीमान रमेशजी गेहलोत पूनाडिया R.A.S.,उपखंड अधिकारी, मावली (उदयपुर) ने समाज की होनहार प्रतिभाओं को बड़े सपने देखने और उसे साकार करने के लिए अपनी संपूर्ण मानसिक एवं शारीरिक शक्ति झोंकने की प्रेरणा दी।
आप दोनों के आव्हान पर समाज के दानवीर भामाशाहों ने सीरवी समाज के प्रशासनिक अधिकारियों के दिशा निर्देशन में संचालित सीरवी एजुकेशन एंड वल्फ़ेयर एसोसिएशन जयपुर [ SEWA] के मार्गदर्शन में जयपुर संचालित आवासीय छात्रावास [बालक और बालिकाओं] के लिए भामाशाहों द्वारा SEWA को आर्थिक सहयोग देने की सर्वप्रथम घोषणा “श्री आईजी युवा मंच” पुणे द्वारा एक लाख रूपये प्रदान कर की गई और इस तरह इस मंच ने वाकई अपने युवा होने का परिचय कराया ।
इस तरह प्रेरणा पाकर
श्री पुनारामजी (बाड्सा) एक लाख रूपये, श्री मोडारामजी सोलंकी (दादाई) पूर्वा-बाइट्स PVT.LTD एक लाख रूपये, श्री भंवरलाल जी देवड़ा (प्रेमजी मिठाई वाले, बाली) एक लाख रूपये, श्री राजेन्द्रजी वरपा C.A. (देवली पाबूजी) एक लाख रूपये, श्री सकारामजी परमार C.A. (वारा-सोलंकियान) एक लाख रूपये, श्री हीरालालजी राठौड़ अध्यक्ष श्री आईमाताजी मंदिर बिबवेवाडी, एक लाख रूपये, श्री खीमारामजी राठौड़ (सीरवी बंधू मिठाई वाले) इक्यावन हजार रूपये, श्री नेनारामजी हाम्बड (नारलाई) इक्यावन हजार रूपये सहित कई भामाशाहों ने और आर्थिक सहयोग देने की मंशा जाहिर की ।
श्रीमान खींवराज जी प्रधानाचार्य जी ने अपनी सुरीली आवाज में एक प्रेरणादाई गीत गाकर समारोह में पधारे सभी गणमान्य महानुभावों को मंत्रमुग्ध कर दिया। श्रीमान कानाराम जी परिहार, श्रीमान हीराराम गेहलोत, श्रीमान दिनेश जी चोयल, श्रीमान गणेश जी परिहार, डॉ .जशोदा जी परमार, डॉ.कंचन जी तथा कुमारी रिद्धि परमार ने होनहार प्रतिभाओं को जीवन में आगे बढ़ने के लिए कठोर पुरुषार्थ करने, समय का प्रबंधन, तकनीकी का बेहतर उपयोग करने तथा सामाजिक संस्कारों को आत्मसात कर जीवन जीने की प्रेरणा दी।
सभी मुख्य वक्ताओं ने अपने उद्बोधन में कहा कि समाज को आगे बढ़ाने में संस्कारित शिक्षा ही एकमात्र विकल्प है। हम सब मिलकर समाज की होनहार प्रतिभाओं को अवसर प्रदान करे और उनके सपनों को साकार करने में मददगार बने।
श्री आईजी युवा मंच पुणे के संस्थापक श्रीमान नेनाराम जी काग ने “श्री आईजी युवा मंच”, पुणे की स्थापना, उसके उद्देश्यों तथा अब तक किए गए सामाजिक सेवार्थ कार्य जैसे प्रतिभाओं को सम्मान, सीरवी “समाजसेवा रत्न पुरस्कार” एवं सामाजिक संस्थाओं में आर्थिक योगदान की जानकारी एक प्रतिवेदन के रूप में दी।
श्री आईजी युवा मंच पुणे द्वारा हर बार की तरह, इस बार भी समाज की दो वास्तविक हीरो को “समाजसेवा रत्न” पुरस्कार से पुरस्कृत कर सम्मानित किया।
इनमें इसबार श्री आईजी विद्यापीठ जवाली के संस्थापक सदस्य एवं श्री आईज्योति पत्रिका के प्रथम प्रधान संपादक स्वर्गीय पोमाराम जी परिहार, नारलाई तथा श्री आईजी बाल-संस्कार केंद्र हैदराबाद के संस्थापक श्रीमान देवाराम जी काग थे।
श्रीमान देवारामजी काग द्वारा सीरवी समाज के बालक बालिकाओं को भारतीय संस्कृति की विरासत योग और संस्कारों की सीख दी।उन्होंने बच्चों को उत्तम जीवन जीने के लिए एक श्रेष्ठ दैनिक दिनचर्या अपनाने तथा नियमित योग करने की प्रेरणा दी। श्री आईजी युवा मंच पुणे द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित प्रतिभाओं को मंचासिन अतिथियों द्वारा पारितोषिक एवं प्रशस्ति पत्र–स्मृतिचिन्ह देकर उन्हें गरिमामय स्थान देकर सम्मानित किया।
सम्पूर्ण कार्यक्रम का मंच संचालन सीरवी समाज के ख्यातिप्राप्त वरिष्ठ उद्घोषक शिक्षाविद श्रीमान घीसारामजी बिजोवा एवं युवा उद्घोषक श्रीमान प्रेम जी काग, नवागुडा ने मिलकर बहुत ही बेहतरीन ढंग से किया।
श्री आईजी केटरर्स पुणे के श्रीमान भट्टाराम जी परिहारिया द्वारा भोजन-प्रसाद की व्यवस्था दी गई।
श्री आईजी युवा द्वारा सभी मेहमानों को अपनी प्रमुख उपस्थिति देने, भामाशाहो एवं समाजसेवियों द्वारा किए गए सहयोग तथा समारोह में पधारने के लिए समाज के बुजुर्गजनों, युवाओं एवं प्रतिभाओं का आभार, अभिनंदन व्यक्त किया गया।
समारोह में प्रतिभाओं को नियत समय पर उपस्थित होने के लिए भाग्यशाली कूपन व्यवस्था की गई तथा उनको एक बढ़िया समयसूचक घडी देकर पुरस्कृत किया गया।
उद्घोषक श्रीमान घीसाराम जी द्वारा श्री आईमाता जी के जयघोष के साथ समारोह का समापन किया गया।
द्वारा :-
हीराराम गेहलोत
प्रवक्ता,सीरवी समाज सम्पूर्ण भारत डॉट कॉम,वेबसाईट।