रानी तहसील मुख्यालय से करीब 15 किमी दूर भगवानपुरा खरोकड़ा, चांगवा, कल्याणपुरा खौड़,जवाली, ढारिया और सालरिया के मध्य नादाणा भाटान पंचायत का छोटा सा गांव है *-नादाणा जोधान।*
पहाड़ी के एक तरफ पंचायत मुख्यालय नादाणा भाटान और दूसरी तरफ छत्तीस कौम की मात्र 150 घर की बस्ती नादाणा जोधान में जैन पेढ़ी और जैन मंदिर है यहां पर सीरवी समाज के अलावा राजपूत देवासी,घांची, कुम्हार राजपुरोहित वैष्णव, मेघवाल, सरगरा, मीणा एवं गर्ग निवास करते हैं।
*सीरवी समाज के मात्र तीन गौत्र में 04 राठौड़,03 गहलोत और 07 सिन्दड़ा के पुराने कुल 14 घर है जिनमें से राठौड़ और गहलोत डोरा बन्द है।अब भैल आगमन पर मुकलावा पर घर मानकर 33 घर दर्ज करवाये गये।*
नादाणा जोधान में श्री आई माताजी का बडेर बना हुआ नहीं है *वर्तमान में श्री देवाराम जी जोधाजी राठौड़ के घर में पाट स्थापना की हुई है सामने ही 45 गुणा 50 फीट का भूखंड श्री आई माताजी मंदिर एवं खेतलाजी मंदिर हेतु लेकर नींव भरी हुई है लेकिन इससे आगे वर्षों बीत गए निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हुआ।विवाद यह है कि राठौड़ और गहलोत श्री आई माताजी का बडेर बना कर उसमें आगे खेतलाजी को विराजमान करना चाहते हैं लेकिन सिन्दड़ा श्री आई माताजी और खेतलाजी दोनों के एक जैसे मंदिर बनाने पर अड़े हुए हैं।*
नादाणा जोधान के ही जोधा महाराज राठौड़ भैल पर थे तब भैल नादाणा ले जाते थे पर आपके बाद *पच्चीस तीस साल से भैल बन्द है इस बार जवाली भैल ठहराव के समय गांव की सूचनाएं प्राप्त करने जाने पर भैल नहीं आने की पीड़ा की जानकारी हुई,तब इनसे प्राप्त ग्राम नादाणा की सूचना नादाणा में श्री आई माताजी के धर्म रथ भैल आगमन होने पर ही भैल ग्रुप में शेयर करने एवं माताजी के नादाणा पधारने की मनौती मांगी। पूना बाबाजी को बार बार विनती की गांव वाले भी बार बार आसपास में भैल आगमन पर बाबाजी के पास निवेदन हेतु उपस्थित हुए और श्री आई माताजी ने सबकी सुनी, 19 नवम्बर 23 के दिन माताजी को की हुई विनती स्वीकार हुई तथा दो महीने बाद 23 जनवरी 2024 को श्री आई माताजी नादाणा जोधान पधारे। यहां पर पूरे ग्रामवासियों द्वारा भव्य बधावा किया गया।*
*विशेष बात यह है कि नादाणा जोधान में देवासी भी डोरा बंद है।*
यहां पर वर्तमान में *कोटवाल श्री कूकाराम जी राजाजी गहलोत, जमादारी एवं पुजारी श्री देवाराम जी जोधाजी राठौड़* अपनी सराहनीय सेवाएं दे रहे हैं।
*नादाणा जोधान में पहले से सरकारी सेवा में शून्य है लेकिन दक्षिण भारत के त्रिपुर में बसे हुए श्री आशारामजी राजाजी गहलोत ने तीनों पुत्रों को अच्छी शिक्षा दिलाई जिनमें बड़े पुत्र श्री सुरेश जी USA में मैकेनिकल इंजीनियर है, श्री नरेश जी मैकेनिकल इंजीनियर पूना में सेवा दे रहे हैं और तीसरे पुत्र श्री पेलाश जी इण्डोनेशिया की राजधानी जकार्ता में इलेक्ट्रीकल इंजीनियर के पद पर सेवाएं दे रहे हैं।*
नादाणा जोधान में अल्पसंख्यक सीरवी समाज के बावजूद *स्वर्गीय पकाराम जी तलाजी सिन्दड़ा नादाणा भाटान पंचायत के उप सरपंच रहे।*
यहां से सीरवी बंधुओं का व्यापार व्यवसाय मुम्बई, पूना, कोल्हापुर और त्रिपुर में फल फूल रहा है।
नादाणा जोधान से सर्वप्रथम दक्षिण भारत जाने वालों में श्री आशारामजी राजाजी गहलोत ऊटी और वर्तमान में त्रिपुर है। श्री कसाराम जी टीकमजी सिन्दड़ा पूना गये।
विकास कार्य में *श्री कूकाराम जी राजाजी गहलोत द्वारा विद्यालय में प्याऊ बनवाई गई, श्री जीवाराम जी टीकमजी सिन्दड़ा द्वारा श्री आईजी विद्यापीठ जवाली में एक लाख इक्कीस हजार रुपए का सहयोग किया गया और आशाराम जी राजाजी गहलोत द्वारा मंदिर निर्माण श्री गणेश हेतु अग्रिम पट्टियों की पूरी गाड़ी खाली करवा दी गई।*
*जोधा महाराज ने लम्बे समय तक भैल पर सेवा की, उसके बाद उन्होंने गांव में श्री आई माताजी की पूजा अर्चना की लगभग बीस वर्ष पूर्व आप देवलोक वासी हुए आज भी घर के सामने तालाब की पाल पर बनी समाधि पर सभी ग्रामवासी नमन करते हैं।*
नादाणा जोधान में रात्रि में धर्म सभा हुई और *दिन में पुनः धर्म सभा हुई जिसमें देवासी और मेघवाल भी उपस्थित हुए।*
नादाणा जोधान में जिस तरह श्री आई माताजी ने पधार कर बांडेरुओं की कामना पूरी की उसी प्रकार सबकी मनोकामना पूरी कर यहां पर शीघ्र बडेर में विराजमान होने की कामना करता हूं -दीपाराम काग गुड़िया।