रानी तहसील मुख्यालय से लगभग 32 किमी दूर सोमेसर रेल्वे स्टेशन के पास इंदरवाड़ा, भादरलाऊ, डूठारिया, देवली पाबूजी, गुड़ा भीमसिंह, एलानी और गुड़ा जैतसिंह जी के मध्य इंदरवाड़ा पंचायत का छोटा सा गांव है- *सेपटावा*।
छत्तीस कौम के मात्र 125 घर की बस्ती में राजपुरोहित, देवासी, सीरवी, मेघवाल, सरगरा, वैष्णव, वादी, जोगी गर्ग प्रजापत आदि जातियां यहां पर बसी हुई है।
सेपटावा में सीरवी समाज के मात्र 25 घर है जिनमें चोयल, गहलोत, राठौड़, बरफा और परमार है।
यहां पर सीरवी समाज के *दो बडेर है*, जिनमें पुरानी बडेर पुराने गांव में बनी हुई है, यहां पर वर्तमान में *कोटवाल श्री मांगीलाल जी उदाराम जी गहलोत, जमादारी तथा पुजारी लकमाराम जी नेनाराम जी बरफा है।*
चोयल परिवार के पांच भाइयों द्वारा अपने घरों के सामने गली में नई और पक्की बडेर बनाई है, यह पांच चोयल भाइयों की बडेर है, जिसमें सामूहिक रूप से पांचो भाईयों द्वारा महीने से अपनी बारी आने पर पूजा करते हैं। यहां कोटवाल जमादारी की स्थापना की हुई नहीं हैं।
सेपटावा में सरकारी नौकरी में श्री नैनाराम रामाजी चोयल उप प्रधानाचार्य के पद पर बूसी में सेवा दे रहे हैं। श्री गोविंद पुखराज जी चोयल ने बीटेक किया है, सुश्री सोनू पुत्री श्री केसाराम जी चोयल वर्तमान में आइसीआइसीआइ बैंक बड़ौदा में सेवा दे रही है। विवेकराज ने किर्गिस्तान से एमबीबीएस की है।।
यहां से व्यापार व्यवसाय में अंकलेश्वर और मुंबई में मुख्य कर सीरवी अपनी सफलता के झंडे गाड़ रहे हैं।
विकास के कार्य में श्री रतनलाल जी, केसाराम जी पुत्र श्री मोतीलाल जी चोयल ने इंदरवाड़ा मार्ग पर प्याऊ का निर्माण करवाया, इन्होंने ही श्री आई माताजी जीजीवड़ देवली पाबूजी गौशाला में सहयोग किया, सेपटावा गौशाला में सहयोग किया और सेपटावा गौशाला के पास में रामदेव जी का मंदिर बनवाया।श्रीमती रामुबाई ने अपने भाई स्वर्गीय रतनारामजी की पुण्य स्मृति में 151000 में बड़े अवाले का निर्माण गौशाला के बाहर सभी जीवों के पानी पीने हेतु कराया।
इनके जंवाई सा ने विद्युत संबंध कराया।गौशाला के बाहर व अंदर वृक्षारोपण कराया। उनके पुत्र अब तक गौशाला के संस्थापक कोषाध्यक्ष रहे।।
सीरवी समाज के बडेर के पदाधिकारी रूप में *श्री रतनलाल जी मोतीजी चोयल 12 वर्ष तक अंकलेश्वर बडेर के अध्यक्ष रहे।*
यहां पर श्री आई माता जी के धर्म रथ भैल का आगमन नहीं होता है। लगभग दस बारह वर्ष पूर्व मोती बा चोयल के देवलोक गमन पर न्यात के अवसर पर चौताला द्वारा भैल बुलाने का निर्णय किया पर उस समय भैल का आना सम्भव नहीं हुआ। वर्तमान समय तक यहां पर भैल का आगमन नहीं होता है।
देवली पाबूजी में भैल के आगमन पर श्री नारायण लाल जी मुलेवा के साथ यहां से जानकारी प्राप्त की। सीरवी समाज सेपटावा के चंहुमुखी विकास और खुशहाली की मां श्री आईजी से कामना करता हूं -दीपाराम काग गुड़िया।