तहसील मुख्यालय सुमेरपुर से लगभग 30 किमी दूर खिमाड़ा, दौलपुरा, बाबा गांव, बसंत, पावा, हिंगोला,गोगरा,राजपुरा, दुजाना और सांडेराव के मध्य पंचायत मुख्यालय का बड़ा कस्बा है *-कोशेलाव।*
लगभग 3500 घर की बस्ती में मात्र कुमावत नहीं है बाकी सभी जातियों के लोग यहां पर निवास कर रहे हैं।
*यहां पर सीरवी समाज के 162 परिवार बसे हुए हैं* जिनमें काग,चोयल, परमार, सोलंकी, हाम्बड़, लचेटा और मुलेवा यहां पर बसे हुए हैं। *यहां का बाजार आसपास के क्षेत्र के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, बाजार में सीरवी समाज की भी लगभग 15-20 दुकानें हैं।यहां पर सीरवी समाज के बन्धुओं के दो विद्यालय मरुधर और आदर्श दूर तक अपना यश और नाम किये हुए हैं।*
यहां पर श्री आई माताजी का बडेर श्वेत मार्बल में पिछले पांच साल से निर्माणाधीन है, निर्माण पूर्ण हो चुका है कुछ छोटा-मोटा काम बकाया है अतिशीघ्र बडेर प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी की जायेगी।यह भू भाग 30×90 फीट आकार में है।
*यहां पर एकमात्र श्री मूपाराम जी मूलाजी चोयल कोटवाल, जमादारी एवं पुजारी का दायित्व निर्वहन कर रहे थे भैल आगमन पर श्री भूरारामजी भूताजी काग को सर्वसम्मति से कोटवाल चुना गया एवं पूना बाबाजी के कर कमलों से माल्यार्पण कर स्वागत किया गया।*
सरकारी सेवा में यहां से श्री इन्द्रराज मगाराम जी चोयल कोपरेटिव बैंक में असिस्टेंट लोन इंस्पेक्टर के पद पर सेवा दे रहे हैं, श्रीमती प्रसन्ना वागाराम जी चोयल बाबा गांव में अध्यापिका है, श्री मांगीलाल जी इन्दाराम जी हाम्बड़ (मूल निवासी धाकड़ी) कौशेलाव से ही सेवानिवृत सिनीयर नर्सिंग आफिसर है, श्री लालाराम जी हिन्दू जी चोयल कृषि मंडी भीलवाड़ा से सेवानिवृत वरिष्ठ लिपिक है, डॉक्टर श्री जगदीश लालाजी चोयल चितौड़ से इंटर्नशिप कर रहे हैं, डॉक्टर श्री मदनलाल जी मांगीलाल जी हाम्बड़ जयपुर से इंटर्नशिप कर रहे हैं, सुश्री मनीषा पुत्री श्री पोकररामजी परमार दिल्ली एम्स में नर्सिंग आफिसर है, सुश्री गुड़िया पुत्री श्री पोकररामजी परमार बैंक ऑफ इंडिया राजकोट में सेवा दे रही है, श्री कुशाल पोकररामजी परमार एमबीबीएस कर रहे हैं तथा श्री हिम्मत पोकररामजी परमार जयपुर में बीडीएस है।
कौशेलाव की राजनीति में सीरवी समाज ने अभी तक खाता ही नहीं खोला है।
कौशेलाव के सीरवी बंधुओं का कौशेलाव, सुमेरपुर, अहमदाबाद,सूरत, मुम्बई पूना और हैदराबाद में व्यापार व्यवसाय फल फूल रहा है।
*कौशेलाव से सर्वप्रथम दक्षिण भारत जाने वालों में श्री रामाजी चेनाजी चोयल 150 वर्ष पूर्व पैदल मुम्बई गये थे जो एक इतिहास है।*
इनके बाद श्री अचलारामजी मोडाराम जी चोयल, श्री हीरालाल जी खूमाजी काग और गौरी शंकर नेमाजी काग मुम्बई गये थे।
*ग्राम विकास के कार्य में श्री मोहनलाल जी खंगारजी काग द्वारा तखतगढ़ मार्ग पर हिंगोठिया गौशाला में अवाला निर्माण करवाया गया, श्री दानाराम जी सवाजी चोयल द्वारा सांडेराव मार्ग पर अवाला एवं कबूतरों के चबूतरे का निर्माण करवाया गया, श्री भूरारामजी भूताजी काग कोटवाल द्वारा हिंगोठिया हनुमान जी मंदिर परिसर में 200 नीम लगा कर पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दिया है, श्री करण लूम्बाराम जी परमार वार्ड पंच द्वारा तखतगढ़ मार्ग पर हिंगोठिया मंदिर तक 280 नीम और 11 बड़ लगा कर पर्यावरण संरक्षण का बड़ा काम किया है।*
दक्षिण भारत के बडेरों संगठनों के पदाधिकारी रूप में *श्री अचलारामजी मोडाराम जी चोयल अम्बरनाथ ठाणे बडेर के अध्यक्ष हैं, श्री भीकाराम जी मोडाराम जी चोयल कल्याण मुम्बई बडेर के अध्यक्ष रहे हैं,आप सीरवी समाज परगना समिति सुमेरपुर के उपाध्यक्ष पद को भी सुशोभित कर रहे हैं तथा श्री मोहनलाल जी खंगारजी काग मलाड़ मुम्बई बडेर के सचिव पद को सुशोभित कर रहे हैं।*
कौशेलाव में श्री आई माताजी धर्म रथ भैल का बहुत शानदार बधावा किया गया, माताओं बहनों और बांडेरुओं ने पूर्ण उत्साह से डीजे,ढोल और बैंड की धुन पर नृत्य कर श्री आई माताजी पर अपनी आस्था प्रकट की।
रात में धर्म सभा और भजन संध्या का आयोजन रखा गया लेकिन धर्म सभा के लिए बहुत सीमित समय में बांधा गया अतः श्री आई माताजी के इतिहास और सीरवी समाज के संक्षिप्त इतिहास को सुनाया गया संस्कार निर्माण पर बात नहीं हो पाई, इसका बुद्धिजीवी को दुःख हुआ।
श्री आईजी से कौशेलाव गांव के चंहुमुखी विकास और खुशहाली की कामना करता हूं-दीपाराम काग गुड़िया।