बलवना
तहसील मुख्यालय सुमेरपुर से मात्र 10 किमी की दूरी पर सुमेरपुर से बाली मार्ग पर पाली जिले की प्यास बुझाने एवं सिंचाई के सबसे बड़े बांध जवाई बांध तथा जवाई बांध रेल्वे स्टेशन के पास अरावली की सुरम्य वादियों में बसा हुआ लगभग 1000 घर की बस्ती है *-बलवना।*
छत्तीस कौम के पंचायत मुख्यालय गांव में *सीरवी समाज के पुराने मात्र छः घर है जो सभी गहलोत गौत्र के है। इनके नाम हैं सर्व श्री चतराजी, रताजी, वरदाजी, राजाजी, चेनाजी, शेषाजी पुत्र श्री दरगाजी गहलोत।* वर्तमान समय में यहां पर 14 घर गहलोत परिवार एवं चेनाजी के घर जंवाई श्री नेनारामजी देवड़ा सहित कुल 15 परिवार है।
*श्री शेषाराम जी के घर पर श्री आई माताजी का पाट स्थापित है,कुंडी रखी हुई है,पर अलग से बडेर बनी हुई नहीं है, श्रीमती मांगी बाई दोनों समय पूर्ण आस्था से श्री आई माताजी की सेवा पूजा कर रहे हैं*। श्री आई माताजी के धर्म रथ भैल का आगमन भी यहां नहीं होता है *इस गांव में अलग से कोटवाल जमादारी भी नहीं है, यहां पर विवाह शादी एवं अन्य अवसर पर बाली के कोटवाल जमादारी ही कार्य सम्पन्न करवाते हैं।* गांव सुमेरपुर तहसील में है और बाली स्वयं अलग तहसील है इस तरह यहां के सीरवी पूरी तरह से बाली से जुड़े हुए हैं।
बलवना गांव में सीरवी समाज से अब तक सरकारी सेवा में किसी ने खाता ही नहीं खोला है तथा राजनीति में भी किसी तरह का मोह नहीं रखा इसलिए राजनीति में भी शून्य का महत्व है।
व्यापार व्यवसाय में सीरवी समाज ने अपने गांव बलवना एवं मुम्बई में सफलता के झंडे गाड़े हैं।
बलवना में सीरवी समाज के किराणा,टी स्टॉल और हार्डवेयर के प्रतिष्ठान है दक्षिण भारत में सर्वप्रथम श्री रुपारामजी रताजी गहलोत मुम्बई गये थे।
ग्राम विकास के कार्य में श्री समाराम जी रताजी गहलोत द्वारा पैरवा बलवना मार्ग पर अवाला निर्माण करवाया,गमाराम जी राजाजी गहलोत द्वारा बागली कोटड़ा मार्ग पर अवाला निर्माण करवाया,श्री सुजाराम जी राजाजी गहलोत द्वारा जवाई नदी के पास अवाला निर्माण करवाया गया।
*विशेष बात यह है कि बाली में श्री आई माताजी मंदिर बडेर प्राण प्रतिष्ठा अवसर पर ईंडा (मुख्य कलश) चढ़ाने का बोली लाभ श्री मुन्नाराम जी, सुजाराम जी, मानाराम जी, गमनाराम जी पुत्र श्री राजाजी गहलोत द्वारा लेकर बलवना गांव एवं अपने परिवार का नाम रोशन किया है।*
सीरवी समाज बलवना के चंहुमुखी विकास और खुशहाली की कामना करता हूं-दीपाराम काग गुड़िया।