पाली:–तहसील मुख्यालय रानी से 14 किमी दूर बिजोवा विंगरला, नाडोल, किशनपुरा, आकड़ावास और सालरिया के मध्य छोटा सा गांव है – गुड़ा मेहराम

तहसील मुख्यालय रानी से 14 किमी दूर बिजोवा विंगरला, नाडोल, किशनपुरा, आकड़ावास और सालरिया के मध्य छोटा सा गांव है – *गुड़ा मेहराम*।
छत्तीस कौम के लगभग 250 घर की बस्ती गुड़ा मेहराम में सीरवी, देवासी, राजपूत, कुम्हार, सुथार, वैष्णव, लौहार, मेघवाल, सरगरा आदि जातियां यहां पर निवास करती हैं।
*गुड़ा मेहराम में सीरवी समाज के लगभग 80 घर है जिनमें परमार, हाम्बड़, चोयल और आगलेचा चार गौत्र के सीरवी बसे हुए हैं*।
यहां पर श्री आई माताजी का मंदिर बडेर बहुत भव्य बनाया गया है और यहां पर *प्राण प्रतिष्ठा समारोह भी ऐतिहासिक रहा था*।
28 मई 2023 के दिन शाम के समय श्री आई माताजी धर्म रथ भैल और *परम पूज्य दीवान साहब माधव सिंह जी का बधावा होना था लेकिन भैल को टीकने की रस्म से पूर्व तूफ़ान ने जबरदस्त रौद्र रूप दिखाया पर तूफान के थोड़ा शान्त होने पर भैल बधावे की रस्म पूरी की गई और दीवान साहब को टीकने की तैयारी होते ही तूफ़ानी बारिश प्रारंभ हो गई और भैल के भैलिये लाख रोकने की कोशिश के बावजूद आगे बढ़ते ही गये इसी बीच ओलावृष्टि भी शुरू हो गई तथा दस मिनट में चारों ओर जलाकार ही जलाकार हो गया।*
जैसे तैसे भैल और दीवान साहब बरसात में भीगकर तर-बतर बडेर पहुंचे यहां पहुंच कर सभी ने कपड़े बदले, *सीरवी समाज द्वारा आनन-फानन में घरों में भोजन की व्यवस्था कर सभी को सम्मान दिया।*
प्रातः काल का नजारा चारों ओर मेहराम ही मेहराम का परिणाम जल ही जल। *प्रातः काल में फिर से बधावा किया गया एवं दीवान साहब माधव सिंह तथा पूना बाबाजी द्वारा पाट स्थापना के समय आई माताजी का धर्म रथ भैल ठीक बडेर के समक्ष भैलियों से जुते हुए खड़ा रहना एक चमत्कार था।*
यहां पर वर्तमान में *कोटवाल श्री दूदारामजी गजाजी परमार जमादारी श्री दल्लाराम जी कानाजी परमार तथा पुजारी पूनारामजी वजारामजी आगलेचा* अपनी सराहनीय सेवाएं दे रहे हैं।
सरकारी नौकरी में यहां से *एक मात्र स्वर्गीय फुआराम जी भेराजी हाम्बड़ एयर फोर्स सेवा में रहे।*
स्थानीय राजनीति में श्री *सखाराम जी नत्थाजी परमार सालरिया पंचायत के सरपंच रहे, श्री चेनाराम जी चमनाजी परमार उप सरपंच* रहे।
यहां से व्यापार व्यवसाय में अहमदाबाद, अंकलेश्वर, सूरत, मुंबई, पुणे आदि नगरों में सीरवी बंधु सफलतम रूप से आगे बढ़ रहे हैं।
सर्वप्रथम दक्षिण भारत जाने वालों में श्री शेषाराम जी गलाजी परमार, श्री सुजाराम जी गलाजी परमार श्री कानाराम जी गलाजी परमार मुम्बई गये।
ग्राम विकास के कार्य में श्री धन्नाराम जी आशाजी परमार द्वारा विद्यालय के पास प्याऊ बनवाई गई, श्री शेषाराम जी गलाजी परमार द्वारा आकड़ावास विद्यालय में कमरा निर्माण करवाया गया, एवं गुड़ा मेहराम विद्यालय में द्वार बनवाया गया, श्री सखारामजी नत्थाजी परमार द्वारा महादेव मंदिर का द्वार बनवाया गया।
दक्षिण भारत के संगठनों के पदाधिकारी रूप में श्री मगनाराम जी खरताजी परमार अम्बरनाथ ठाणे बडेर के अध्यक्ष रहे, श्री खीमाराम जी आशाजी परमार भी अम्बरनाथ ठाणे बडेर के अध्यक्ष रहे। श्री शेषाराम जी गलाजी परमार बोरीवली मुंबई बडेर के सलाहकार रहे, स्वर्गीय मगाराम जी खरताजी परमार बोरीवली मुंबई बडेर के युवा अध्यक्ष रहे। श्री भगाराम जी रुपाजी चोयल भायन्दर मुंबई बडेर के उपाध्यक्ष रहे।
आकड़ावास से गुड़ा मेहराम श्री आई माताजी के धर्म रथ भैल का आगमन सुबह होता है यहां पर प्रातः कालीन समय में भव्य बधावा किया गया दिन में धर्म सभा हुई एवं शाम को भैल किशनपुरा के लिए विदा हुई।
सीरवी समाज गुड़ा मेहराम के चंहुमुखी विकास और खुशहाली की कामना करता हूं -दीपाराम काग गुड़िया।

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