तहसील मुख्यालय रानी से मात्र 05 किमी की दूरी पर स्थित रानी गांव, रानी स्टेशन, भगवानपुरा, चांचोड़ी और पुनाड़िया के बीच बसा हुआ गांव है *-इटन्दरा चारणान।*
छत्तीस कौम के लगभग 500 घर की बस्ती में *एक तिहाई सीरवी* बसे हुए हैं अन्य जातियों में राजपुरोहित, चारण, देवासी, मेघवाल, मीणा, कुम्हार, वैष्णव, लौहार, सरगरा, कुमावत, राजपूत,दर्जी और ब्राह्मण यहां निवास कर रहे हैं।
इटन्दरा चारणान में सीरवी समाज के लगभग 150 घर है जिनमें लचेटा, आगलेचा, गहलोत,भायल,काग, देवड़ा, परिहार, हाम्बड़, सोलंकी,बरफा, और परमार यहां पर बसे हुए हैं।
यहां पर श्री आई माताजी का बडेर श्वेत मार्बल में बहुत भव्य बना हुआ है सामने हाॅल है तथा पीछे की ओर भूखंड क्रय कर न्याति नौहरा बनाया गया है जिसमें श्री आई माताजी के धर्म रथ भैल को खड़ा करने की समुचित व्यवस्था भी है एवं सीरवी समाज के बांडेरुओं की आमसभा हो सकती है।
यहां श्री आई माताजी *बडेर की प्राण प्रतिष्ठा विक्रम संवत् २०७८ मिति माघ सुदी तेरस, दिनांक 14 फरवरी 2022 वार सोमवार* को श्री आई माताजी के धर्म रथ भैल और परम पूज्य दीवान साहब श्री माधव सिंह जी के कर कमलों से हर्षोल्लास से सम्पन्न हुई थी।
इटन्दरा चारणान में वर्तमान में *कोटवाल श्री जितेन्द्र जी रणवीर जी लचेटा, जमादारी श्री मांगीलाल जी मोडाजी गहलोत और पुजारी बीरामी के श्री चम्पा भारती जी* अपनी सराहनीय सेवाएं दे रहे हैं।
*यहां से सरकारी सेवा में प्रथम नाम डॉक्टर श्री नन्द किशोर जी पुत्र श्री गुमनारामजी लचेटा (एमडी) क्षय रोग विशेषज्ञ जोधपुर से सेवानिवृत सीएमएचओ गोड़वाड़ क्षेत्र ही नहीं वरन् पाली जोधपुर में विशेष पहचान रखते हैं,एक बार इनके सम्पर्क में आने वाले पर इनका स्थाई प्रभाव कायम हो जाता है।आप एलोपैथी के डाॅक्टर होते हुए आयुर्वेद औषधि से भी उपचार कर निरोगमय बनाते हैं साधारण ब्राह्मण से अधिक मंत्र उच्चारण एवं कड़े अनुशासन का पालन करने वाले अपने आप में विशिष्ट युग पुरुष है। आपके स्वस्थचित्त एवं दीर्घायु होने की कामना करते हैं।*
*श्री मोडाराम जी भीकाजी लचेटा सेवानिवृत प्रधानाचार्य है, श्री प्रदीप कुमार जी गुमनारामजी लचेटा रानी में उप प्रधानाचार्य है,* श्री नारायण लाल जी वेलाजी लचेटा नाडोल में वरिष्ठ अध्यापक है, श्री गणेशराम जी मालाजी गहलोत केन्द्रीय विद्यालय सूरतगढ़ में TGT है, श्रीमती पुष्पा धर्मपत्नी श्री प्रदीप कुमार जी लचेटा भगवानपुरा में अध्यापिका है, श्रीमती रेखा धर्मपत्नी वरदाराम जी गहलोत जोधपुर जिले में अध्यापिका है तथा श्रीमती विमला धर्मपत्नी श्री विजय जी लचेटा आयुर्वेद विभाग में खुडाला फालना में ANM के पद पर कार्यरत हैं।
*श्री गणेशराम जी लचेटा देसूरी में पुराने एडवोकेट है।*
इटन्दरा चारणान की राजनीति में भी सीरवी समाज की हिस्सेदारी रही है *जिनमें स्वर्गीय श्री गुमनारामजी दूदाजी लचेटा दस वर्ष तक इटन्दरा चारणान पंचायत के सरपंच रहे एवं आप रानी के उप प्रधान भी रहे।*
श्री सोहनलाल जी नेमाजी लचेटा और श्री मूलारामजी केनाजी आगलेचा उप सरपंच रहे।
यहां के सीरवी बंधुओं का व्यापार व्यवसाय इटन्दरा चारणान, रानी, अहमदाबाद, सूरत, मुंबई, पुणे,हैदराबाद, नाशिक और भावनगर में फल फूल रहा है।
यहां से सर्वप्रथम दक्षिण भारत जाने वालों में स्वर्गीय श्री गुमनारामजी दूदाजी लचेटा मुम्बई गये, श्री भीमाराम जी भेराजी आगलेचा मुम्बई गये तथा श्री भीमाराम जी चेलाजी भायल मुम्बई गये।
ग्राम विकास के कार्य में यहां पर *श्रीमती कंकु बाई वरदाजी देवड़ा की स्मृति में श्री आईजी विद्यापीठ जवाली में कमरा निर्माण, श्री मोतीबाबा अंग्रेजी विद्यालय में कमरा निर्माण एवं सीरवी जागृति संस्था के प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन आपके परिवार द्वारा किया गया।*
श्री करमाराम जी पन्नाजी आगलेचा द्वारा अंजनेश्वर महादेव मंदिर के पास अवाला निर्माण करवाया गया।
इटन्दरा चारणान से दक्षिण भारत के बडेरों में कोई पदाधिकारी नहीं है।
*इटन्दरा चारणान में श्री आई माताजी मंदिर बडेर की प्राण प्रतिष्ठा में बोलियों की पूरी राशि नकद प्राप्त कर संवराड़ के बाद दूसरा एवं गोड़वाड़ क्षेत्र में पहली बार इतिहास रचने का काम किया है।*
स्वर्गीय *चेनाराम जी डूंगाजी लचेटा इटन्दरा चारणान से परम तपस्वी पुरुष रहे जिन्होंने श्री आई माताजी के धर्म रथ भैल पर सेवा दी, इटन्दरा चारणान बडेर में पुजारी रहे एवं यहां पुजारी रहते हुए बडेर में अखंड ज्योति की स्थापना की गई।*
इटन्दरा चारणान में श्री आई माताजी धर्म रथ भैल का भव्य बधावा किया गया इस दिन यहां पर श्री राम मंदिर अयोध्या की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी में रात्रि में सुंदर काण्ड का पाठ किया गया अगले दिन दिन में धर्म सभा का आयोजन हुआ जिसमें श्री आई माताजी के इतिहास को सुनाया गया सभी ने तन्मयता से सुना एवं प्रसन्नता व्यक्त की श्री मोडाराम जी एवं गणेशराम जी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
इटन्दरा चारणान के चंहुमुखी विकास और खुशहाली की मां श्री आई माताजी से कामना करता हूं -दीपाराम काग गुड़िया।