तहसील मुख्यालय रानी से मात्र 02 किमी दूर दूदवर, पादरली सिन्दलान, पुनाड़िया, इटन्दरा चारणान, एवं रानी खुर्द के मध्य पंचायत मुख्यालय का गांव है – *रानी गांव (रानी कलां)।*
छत्तीस कौम के लगभग 1500 घर की बस्ती में मात्र चारण और जणवा नहीं है जिनमें *सीरवी समाज के लगभग 250 घर है।* यहां पर सीरवी समाज के गहलोत, सोलंकी,बरफा,भायल, आगलेचा, चोयल, परमार,काग और सिन्दड़ा गौत्र के सीरवी निवास कर रहे हैं।
यहां पर श्री आई माताजी का बडेर बहुत शानदार बना हुआ है जो श्वेत मार्बल में निर्मित है सामने बड़ा हाॅल, शौचालय स्नानघर की सुविधा सहित मंदिर के सामने बड़ा चौक है, सीरवी समाज का ढाई बीघा में न्याति नौहरा है जिस पर भवन निर्माण का कार्य चल रहा है।
यहां श्री आई माताजी बडेर की *प्राण प्रतिष्ठा दिनांक 09 मई 2017,जेठ बदी आठम्* को श्री आई माताजी धर्म रथ भैल और परम पूज्य दीवान साहब माधव सिंह जी के कर कमलों से हर्षोल्लास से सम्पन्न हुआ।
यहां पर वर्तमान में *कोटवाल श्री हीरालाल जी हंसाजी भायल और जमादारी तथा पुजारी श्री चुन्नीलाल जी मकनाजी हाम्बड़* अपनी सराहनीय सेवाएं दे रहे हैं।
रानी गांव में सरकारी सेवा में श्री डूंगाराम जी पेमाजी सोलंकी सेवानिवृत अध्यापक है, *श्री सुजाराम जी हीराजी गहलोत सेवानिवृत वरिष्ठ अध्यापक और रानी ब्लांक के स्थानीय संघ स्काउट रानी के सेवानिवृति के बावजूद सचिव पद पर सेवाएं दे रहे हैं। श्री पोकरलाल जी मांगीलाल जी हाम्बड़ अम्बेडकर विद्यालय केनपुरा में व्याख्याता राजनीति विज्ञान* के पद पर कार्यरत हैं, श्री अन्तरिक्ष मांगीलाल जी हाम्बड़ शिवगंज में वरिष्ठ अध्यापक गणित के पद पर कार्यरत है तथा *श्री मदनलाल जी घीसाजी परमार राजसमंद जिले में राजनीति विज्ञान के व्याख्याता* पद पर हैं।
रानी गांव के सीरवी समाज का राजनीति में भी नाम रहा है *श्रीमती सुखी देवी धर्मपत्नी नेनारामजी हाम्बड़ रानी कलां ग्रामपंचायत की सरपंच* रही है, *श्री नेनारामजी राजाजी हाम्बड़ यहां उप सरपंच* रहे हैं।
व्यापार व्यवसाय में यहां के सीरवी बंधुओं ने रानी गांव, रानी स्टेशन, अहमदाबाद, सूरत,संजान, मुम्बई, पूना, नाशिक और चेन्नई में अपने गांव का नाम रोशन किया है।
यहां से सर्वप्रथम दक्षिण भारत जाने वालों में श्री सुजाराम जी जोधाजी सोलंकी मुम्बई और श्री गेनारामजी मूलाजी भायल चैन्नई गये थे।
*रानी गांव के सीरवी समाज का गुजरात में लौह कारखानों में फोरमैन के रुप में बड़ा नाम रहा है और अपने हुनर से रानी कलां का नाम रोशन किया है, जिनमें श्री नेनारामजी गहलोत, नेनारामजी बरफा, देवाराम जी बरफा, दूदारामजी हीराराम जी, दरगाराम जी हाम्बड़ मुख्य है।*
*यहां के श्री दिनेश जी दरगाजी हाम्बड़ कनाड़ा में दवा निर्माण कम्पनी में उच्च पद पर कार्यरत हैं*।
यहां पर विकास कार्य में सीरवी समाज बडेर रानी गांव द्वारा आखरिया चौक में अवाला निर्माण करवाया गया, श्री मोहनलाल जी पोमारामजी वक्ताजी बरफा द्वारा श्री मोतीबाबा अंग्रेजी विद्यालय रानी में एक कमरा निर्माण करवाया, श्री छोगारामजी रताजी हाम्बड़ द्वारा आखरिया में कबूतरों का चबूतरा बनवाया गया, श्री खीमाराम जी गणेशराम जी शंकरलाल जी मानाजी गहलोत द्वारा शमशान में हाॅल बनवाई गई।
रानी गांव में सीरवी समाज का ट्रस्ट बना हुआ है जो श्री आई माताजी बडेर सेवा समिति रानी गांव के नाम से बना हुआ है जिसकी *कार्यकारिणी में अध्यक्ष श्री मांगीलाल जी राजाजी हाम्बड़, उपाध्यक्ष श्री गणेशराम जी मानाजी गहलोत, सचिव श्री सुजाराम जी हीराजी गहलोत,सह सचिव श्री डूंगाराम जी पूनाजी आगलेचा, कोषाध्यक्ष श्री जोगाराम जी खीमाजी भायल और संरक्षक श्री पूनाराम जी पोमाजी आगलेचा सराहनीय सेवाएं दे रहे हैं*। ट्रस्ट के लिए फर्नीचर द्वारा सुसज्जित कार्यालय है लेकिन अध्यक्ष महोदय से लेकर बाकी किसी ने आराम से बैठ कर फोटो भी नहीं खिंचवाया है। सभी कर्म को पूजा मानते हैं। *श्री पूनाराम जी पोमाजी आगलेचा बिजोवा चौताला के कोषाध्यक्ष* भी है।
पिछले दस महीने के मेरे अनुभव अनुसार *श्री आई माताजी के धर्म रथ भैल का सबसे भव्य बधावा यहां पर किया गया। सीरवी समाज की माताओं बहनों और बांडेरुओं के माताजी के प्रति जबरदस्त आस्था का भाव यहां पर देखा गया। कड़ाके के शीत में शानदार टेन्ट व्यवस्था एवं तप तापने हेतु अलाव की व्यवस्था की गई।*
रात में विशाल स्तर पर धर्म सभा का आयोजन किया गया जिसमें रात में साढ़े बारह बजे तक माताओं बहनों और बांडेरुओं ने श्री आई माताजी के इतिहास को तन्मयता से सुना एवं प्रसन्नता व्यक्त की। इसके बाद श्री सुजाराम जी गहलोत वरिष्ठ अध्यापक जी के सानिध्य में भजनों की सुर लहरियां बही।
सीरवी समाज रानी गांव के चंहुमुखी विकास और खुशहाली की मां श्री आईजी से कामना करता हूं -दीपाराम काग गुड़िया।