पाली:– तहसील मुख्यालय मारवाड़ जंक्शन से 15 किमी दूर काराड़ी, धामली,बांता,आउवा के मध्य काराड़ी पंचायत का बांता के पास छोटा सा गांव है- *नयागांव।*

तहसील मुख्यालय मारवाड़ जंक्शन से 15 किमी दूर काराड़ी, धामली,बांता,आउवा के मध्य काराड़ी पंचायत का बांता के पास छोटा सा गांव है- *नयागांव।*
छत्तीस कौम के 250 घर की बस्ती में मेणा, सीरवी, देवासी, वैष्णव, कारीगर और मेघवाल यहां पर बसते हैं। नयागांव में सीरवी समाज की *मात्र दो गौत्र चोयल और गहलोतों के तीस-तीस कुल 60 घर यहां पर हैं।चोयल बिलाड़ा गादी के पूजक है, गहलोत बिठौड़ा गादी के उपासक हैं।*
यहां पर वर्तमान में श्री आई माताजी का पाट रामलाल जी पुत्र श्री जोराराम जी चोयल के घर पर रखा हुआ है,*पाट स्थान के ऊपर विशेष झोंपड़ी बनी हुई है। नई बडेर बन रही है, काफी समय से विवादास्पद स्थिति बन जाने से कार्य रुका हुआ था अब उस कार्य को पुन प्रारंभ किया जाएगा।*
वर्तमान में यहां पर *कोटवाल श्री हेमाराम जी कूपा जी चोयल, जमादारी श्री रामलाल जी जोराराम जी चोयल* और पूजा अर्चना श्री रामलाल जी के परिवार से की जा रही है।
स्थानीय गांव से सरकारी नौकरी में अभी तक किसी ने खाता ही नहीं खोला है और राजनीति में भी यहां के सीरवी बंधुओं ने अभी तक कोई चुनाव नहीं लड़ा और राजनीति में भी स्थिति शून्य है।
यहां से व्यापार व्यवसाय में अहमदाबाद, मुंबई, पुणे, हैदराबाद और बेंगलुरु में सीरवी बंधु अपने व्यवसाय में सफलता अर्जित कर रहे हैं।
यहां से सर्वप्रथम बाहर जाने वालों में श्री हंसाराम जी केसाराम जी चोयल अहमदाबाद, तुलसाराम जी भूदरजी चोयल मुंबई, देवारामजी लूंबा जी चोयल मुंबई, पकाराम धूलाजी गहलोत पुणे और भीमाराम जी भानाजी गहलोत पुणे गए थे।
गांव के विकास कार्य में चोयल परिवार के द्वारा धामली से जोजावर मार्ग पर बांता चौराहे पर जैन परिवार के द्वारा प्याऊ बनाने के लिए भूमि मांगी थी तब इन्होंने अपनी ओर से वह भूमि निःशुल्क भेंट की थी वहां पर वर्तमान में प्याऊ और चबूतरा बना हुआ है जिसमें चबूतरा चोयल परिवार के द्वारा बनाया गया है।
अभी तक इस गांव में श्री आई माताजी धर्म रथ भैल का आगमन नहीं होता है, सीरवी चोयल परिवार बांता भैल आगमन पर बांता आकर जात करवाते हैं गहलोत धामली में भैल आगमन पर यहां जात करवाते हैं।
इस बार चोयल परिवार की जात बांता में हो गई लेकिन गहलोत परिवार बांता और धामली दोनों जगहों पर उपस्थित नहीं हुए।
सीरवी समाज नयागांव से अब आशा करते हैं कि शीघ्र श्री आई माताजी मंदिर को पूर्ण करवा कर श्री आई माताजी को अपने स्थान पर विराजमान करने हेतु कमर कसने की तैयारी करें जिससे *बरसों से उजाड़ हो रहा भवन श्री आई माताजी का धाम बन जाये।* मंदिर लगभग पूर्ण है केवल प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी का मानस बनाया जाना है जो अब परम आवश्यक है।
धामली से पूनम जी गहलोत को साथ लेकर नयागांव पहुंचे,एक बार तो गांव में कोई सीरवी बंधु नहीं मिले मुम्बई गोमाराम जी चोयल से सम्पर्क किया कि कोई बंधु मिले, जैसे तैसे दो बंधुओं को खोजा एक ने जानकारी दी दुसरों ने पुराने पाट स्थान के दर्शन करवाए।आपका बहुत बहुत आभार।
छोटे से गांव नयागांव की खुशहाली की मां श्री आई माताजी से कामना करता हूं-दीपाराम काग गुड़िया।

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