तहसील मुख्यालय बाली से 12 किमी दूर पांचलवाड़ा, सरथूर, मोरखा, मुंडारा, टीपरी और दांतीवाड़ा के मध्य पंचायत मुख्यालय का काम है *-भीटवाड़ा।*
छत्तीस कौम की लगभग 500 घर की बस्ती में सीरवी जाट,देवासी,नाई, कुम्हार, सुथार, वैष्णव,दर्जी,राव, मेघवाल, गर्ग, सरगरा और ढोली यहां पर बसे हुए हैं।
यहां पर सीरवी समाज के लगभग 35 परिवार है जिनमें काग परमार, परिहार, गहलोत और सैणचा यहां पर निवास कर रहे हैं।
भीटवाड़ा में श्री आई माताजी मंदिर बडेर बहुत शानदार बना हुआ है सामने बड़ी पोल बनी हुई है आसपास में खुली जगह भी है।
यहां पर श्री आई माताजी के पाट की स्थापना लगभग 10-12 वर्ष पूर्व श्री भंवर महाराज के कर कमलों से की गई, समारोह का आयोजन नहीं किया गया।
यहां पर *वर्तमान में कोटवाल श्री शेषाराम जी केसाजी काग, जमादारी श्री चेनाराम वागाजी परिहार एवं पुजारी श्री जीवाराम जी मगाजी परिहार* अपनी सराहनीय सेवाएं दे रहे हैं।
*सरकारी सेवा में श्री कूपाराम जी चिमनाजी परमार सेवानिवृत अध्यापक हैं।*
भीटवाड़ा में सीरवी समाज की राजनीति में कोई भागीदारी नहीं है।
यहां से व्यापार व्यवसाय में अहमदाबाद,सूरत,मुंबई,पुणे, नाशिक और दुबई में अपनी सफलता के झंडे गाड़ रहे हैं।
*यहां से सर्वप्रथम दक्षिण भारत जाने वालों में स्वर्गीय श्री नेमाराम जी रताजी परिहार, अहमदाबाद गये एवं श्री पकारामजी तेजाजी परिहार दुबई गये*।
भीटवाड़ा गांव में सीरवी समाज द्वारा ग्राम विकास का कोई योगदान नहीं है।
दक्षिण भारत के संगठनों के पदाधिकारी रूप में *श्री भेराराम जी नेमाजी परिहार अहमदाबाद बडेर के पूर्व सलाहकार रहे*।
भीटवाड़ा में अब तक भैल का आगमन नहीं होता है एक बाबाजी द्वारा यहां से जात इक्ट्ठी की जाती है।इस बार जात के समय यह सूचना संकलित की गई। सीरवी समाज भीटवाड़ा के चंहुमुखी विकास और खुशहाली की मां श्री आई माताजी से कामना करता हूं -दीपाराम काग गुड़िया।