तहसील मुख्यालय बाली से 20 किमी दूर सरथूर,दादाई, धाणदा, फताहपुरा, बमणिया और रमणिया के मध्य मोकमपुरा पंचायत का छोटा सा गांव है – *माताजी वारा।*
*रजवाड़ों के समय माताजी वारा गांव की फसल का बिलाड़ा दीवान जी द्वारा भोग लिया जाता था एवं ये छोटा बिलाड़ा कहलाता था। यहां पर दीवान साहब के महल,घोड़ों के अस्तबल एवं अनाज संग्रह के गोदाम बने हुए थे।आज भी ये रावला गढ़ के रूप में दिखाई देता है।*
लगभग 350 घर की बस्ती माताजी वारा में सीरवी समाज के अलावा राजपुरोहित, राजपूत, गोस्वामी, देवासी, माली, घांची, कुम्हार,जोगी,नाई, गाडोलिया लौहार, मेघवाल, गर्ग और सरगरा आदि यहां निवास कर रहे हैं।
*सीरवी समाज के यहां पर लगभग 160 घर है* जिनमें काग, मुलेवा, परमार, सोलंकी,बरफा और गहलोत गौत्र के सीरवी यहां पर बसे हुए हैं।
माताजी वारा में *श्री आई माताजी का पाट श्री लकारामजी हकाजी काग जमादारी के घर में है*, यहां पर सेवा पूजा जमादारी के काग परिवार द्वारा की जाती है। *दीवान साहब के महल में श्री आई माताजी का पाट स्थापित है जब इस महल को सीरवी समाज को सुपुर्द किया गया तब से यहां पर पुजारी रख कर पूजा करवाई जाती रही है। इस समय यहां पर सीरवी समाज द्वारा श्वेत मार्बल में शानदार बडेर निर्मित करवाया जा चुका है, जिसकी प्राण प्रतिष्ठा आगामी 22 अप्रैल2024 को होने जा रही है*।
यहां पर वर्तमान में *कोटवाल श्री केसाराम जी वरदाजी परमार जमादारी श्री लकारामजी हकाजी काग* तथा कैलाशपुरी गोस्वामी पुजारी के रूप में सेवा दे रहे हैं।
यहां पर सरकारी कर्मचारियों के रूप में डूंगारम जी रूपाजी मुलेवा आबकारी में रहे, हंसाराम रताजी मुलेवा आबकारी में सिरोही पद स्थापित है। स्वर्गीय गलाराम जी रामाजी मुलेवा आबकारी में नियुक्त थे। श्री प्रकाश गलाजी वर्तमान में आबकारी में नियुक्त है, श्री जगाराम गोपाजी जी मुलेवा बीएसएफ में सेवा दे रहे हैं। श्री मोतीलाल लच्छाजी मुलेवा सिरोही में कांस्टेबल है। स्वर्गीय गलारामजी वरदाजी मुलेवा आबकारी में थे। श्री पेमाराम कानाजी परमार आबकारी में नियुक्त है। श्री जगदीश दरगाजी काग गुड़ा लास में वरिष्ठ अध्यापक के रुप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
राजनीति में यहां से *श्री पन्नाराम जी चमनाजी काग मोकमपुरा पंचायत के उप सरपंच रहे। श्री केनाराम जी हेमाजी काग भी उपसरपंच रहे हैं। श्री खरताराम जी चेनाजी सोलंकी पंचायत समिति सदस्य रहे हैं*।
यहां से व्यापार व्यवसाय में रानी, जयपुर, अहमदाबाद, बड़ौदा, सूरत, मुंबई, पुणे और चेन्नई में सीरवी बंधु अपनी सफलता के झंडे गाड़ रहे हैं।
यहां से सर्वप्रथम दक्षिण भारत जाने वालों में से चुन्नीलाल मूलाजी काग, श्री चुन्नीलाल चमनाजी परमार,श्री दरगाराम जी मूलाजी काग और श्री भूराराम लूंबाजी मुलेवा मुंबई गए थे।
ग्राम विकास के कार्य में श्री पन्नाराम चमनाजी काग द्वारा मोती बाबा छात्रावास में कमरा निर्माण करवाया गया, श्री गेनारामजी चतराजी परमार द्वारा फताहपुरा मार्ग पर अवाला निर्माण करवाया गया। श्री लकाराम जी हकाजी काग द्वारा मुंडारा मार्ग पर अवाला निर्माण करवाया गया। श्रीमती तुलसी बाई मूलाराम जी काग की पुण्य स्मृति में श्री दरगाराम जी काग द्वारा उप स्वास्थ्य केंद्र भवन का निर्माण करवाया गया।
दक्षिण भारत के बडेर संगठनों के पदाधिकारी रूप में *श्री उम्मेदराम जी नेनाजी काग* डोंबिवली मुंबई बडेर के अध्यक्ष है। *श्री मूलाराम भूराराम जी काग* मीरा भायंदर मुंबई के कोषाध्यक्ष है।
नाडोल के गुमानिंग पीर की हत्या करने वाले भोमिया और ढोली माताजी वारा के निवासी थे, श्री गुमानिंग पीर के श्राप से चालीस भोमिया परिवार में से आज के दिन माताजी वारा में एक भी भोमिया नहीं है, एक भी ढोली यहां पर नहीं है। गुमानिंग जी पीर के श्राप से आज इनका नामो निशान मिट चुका है।
माताजी वारा में श्री आई माताजी धर्म रथ भैल का भव्य बधावा किया गया।रात में धर्म सभा में माताओं बहनों और बांडेरुओं की जबरदस्त उपस्थिति रही, सर्दी से बचाव हेतु लकड़ियां जला कर तप भी किया गया।
आगामी बाईस अप्रैल 2024 को माताजी वारा बडेर की श्री आई माताजी के धर्म रथ भैल और दीवान साहब के कर कमलों से भव्य प्राण प्रतिष्ठा की कामना करता हूं एवं सीरवी समाज माताजी वारा के चंहुमुखी विकास की कामना करता हूं-दीपाराम काग गुड़िया।