तहसील मुख्यालय देसूरी से लगभग 17 किमी दूर ढालोप, पदमपुरा, उन्दरथल, दादाई, विंगरला, नवा गुड़ा, नाडोल और कोटड़ी के मध्य ढालोप पंचायत का गांव जहां आशापुरा माताजी का भव्य प्राचीन मंदिर है वह गांव है – *वीरमपुरा माताजी*।
लगभग 300 घर की बस्ती में सीरवी,देवासी,राजपूत, मेघवाल, कुम्हार, वैष्णव,नाई, सरगरा,राव और ढोली जातियां यहां पर बसी हुई है।
*यहां पर सीरवी समाज के लगभग 130 घर है जिनमें भायल गौत्र का डंका है* अन्य गौत्र में काग, परमार, गहलोत और बरफा यहां निवास कर रहे हैं।
यहां पर श्री आई माताजी मंदिर *बडेर की प्राण प्रतिष्ठा दिनांक 21 अप्रैल 2008 को श्री आई माताजी धर्म रथ भैल और परम पूज्य दीवान साहब माधव सिंह जी के कर कमलों से हर्षोल्लास से संपन्न* हुई थी।
यहां पर वर्तमान में *कोटवाल श्री दल्लाराम जी हेमाजी काग, जमादारी श्री अचलारामजी चमनाजी भायल और पुजारी श्री पूनारामजी मालाजी भायल* अपनी सराहनीय सेवाएं दे रहे हैं।
सरकारी सेवा में यहां से श्री ओगड़राम जी जीवाजी भायल मथुरादास चिकित्सालय जोधपुर में कम्पाउन्डर रुप में सेवा दे रहे हैं, श्री चुन्नीलाल जी जेठाजी भायल बिजोवा जलदाय विभाग में हेल्पर रुप में कार्यरत है। प्रिंस डगराराम जी भायल सेना में देश की सेवा कर रहे हैं।
राजनीति में मात्र *रमेश कुमार जी मानाजी भायल ढालोप के वर्तमान में उप सरपंच* है।
व्यापार व्यवसाय में यहां से नाडोल, जोधपुर, अहमदाबाद, सूरत, नवसारी, वापी, मुम्बई, पूना, कोल्हापुर और कोयम्बतूर में सीरवी बंधु सफलता के झंडे गाड़ रहे हैं।
यहां से सर्वप्रथम दक्षिण भारत जाने वालों में श्री नगारामजी जेठाजी काग पूना एवं श्री रामलाल जी गोपाजी काग अहमदाबाद गये।
श्री जितेन्द्र जी वीरम जी भायल एवं इनके परिवार द्वारा *सीरवी समाज भवन हेतु 40 गुणा 45 फीट का अपना भूखंड सीरवी समाज को निशुल्क भेंट* किया गया।
ग्राम विकास के कार्य में श्री कानाराम जी गोमाजी भायल द्वारा पीचका के पास प्याऊ बनवाई गई,आप द्वारा नारलाई श्री जैकलजी आई माताजी मंदिर सीढ़ियों पर एक छतरी का निर्माण करवाया गया। श्री अचलारामजी चमनाजी भायल द्वारा स्कूल के पास प्याऊ बनवाई गई। श्री महेन्द्र जी पकाजी काग द्वारा विंगरला सरहद पर टांका निर्माण करवाया गया।
श्री देवाराम जी सफाजी परमार, श्री जितेन्द्र जी वीरम जी भायल और श्री रमेश जी मानाजी भायल द्वारा नारलाई जैकलजी मंदिर के मुख्य द्वार पर चढ़ाने हेतु चांदी भेंट की गई।
*श्री मांगीलाल जी रुपाजी भायल गांव के विद्यार्थियों के खेल खेलने हेतु किसी भी प्रकार की सहायता में लगे रहते हैं खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने में आप सदैव अग्रणी भूमिका निभाते हैं।*
माताजी वीरमपुरा में श्री आई माताजी धर्म रथ भैल का भव्य बधावा किया गया रात में धर्म सभा का आयोजन भी हुआ *जिसमें नरम स्वास्थ्य के बावजूद श्री आई माताजी का इतिहास सुनाया गया और सभी ने तन्मयता से सुना।*
सीरवी समाज माताजी वीरमपुरा के चंहुमुखी विकास और खुशहाली की मां श्री आई माताजी और आशापुरा माताजी से कामना करता हूं -दीपाराम काग गुड़िया।