तहसील मुख्यालय देसूरी से 12 किमी दूर ढालोप, पदमपुरा,उन्दरथल,बड़ौद, सिन्दरली और वारा सोलंकियान के मध्य ढालोप पंचायत का छोटा सा गांव है *-गिराली।*
छत्तीस कौम के लगभग 350 घर की बस्ती में सीरवी,जाट, राजपुरोहित, देवासी, सुथार,नाई, मालवीय लौहार, वैष्णव, मेघवाल, सरगरा, वादी,साटिया,जोगी और गाडोलिया लौहार यहां पर बसे हुए हैं।
यहां पर सीरवी समाज के लगभग 85 परिवार है जिनमें लचेटा,बरफा, मुलेवा, राठौड़, सोलंकी और गहलोत गौत्र के सीरवी यहां बसे हुए हैं।
यहां पर श्री आई माताजी की बडेर की प्राण प्रतिष्ठा लगभग 35-40 वर्ष पूर्व श्री आई माताजी के धर्म रथ भैल और उस समय के जति मोती बाबा जी के कर कमलों से हर्षोल्लास से संपन्न हुई थी। तिथि मिती की जानकारी उपलब्ध नहीं हो पाई है।
यहां पर *वर्तमान में कोटवाल श्री भूराराम जी हीराजी बरफा, जमादारी श्री पूनाराम जी हकाजी लचेटा और पुजारी श्री पकारामजी चमनाजी लचेटा* अपनी सराहनीय सेवाएं दे रहे हैं।
*सरकारी सेवा में यहां से एक मात्र श्री उम्मेद जी भीकाजी लचेटा बाली महाविद्यालय में व्याख्याता* के पद पर कार्यरत हैं।
गिराली का ढालोप पंचायत की राजनीति में भी दबदबा रहा है, यहां से *श्री केसाराम जी दीपाजी लचेटा ढालोप के सरपंच रहे, श्री भीकाराम जी चमनाजी लचेटा सरपंच रहे एवं श्री बाबूलाल जी कानाजी लचेटा ढालोप पंचायत के दस साल तक सरपंच रहे।आपकी धर्मपत्नी श्रीमती कमला बाबूलाल जी लचेटा जिला परिषद की सदस्य* रहीं।
गिराली के सीरवी बंधुओं का व्यापार व्यवसाय गिराली,रानी, पाली,अहमदाबाद,सूरत,वापी, मुंबई, पूना, नाशिक और कोयम्बतूर में फल फूल रहा है।
यहां से सर्वप्रथम दक्षिण भारत जाने वालों में श्री चतराराम जी खरताजी लचेटा पूना, श्री बाबूलाल जी कानाजी लचेटा मुम्बई, श्री भीकाराम जी चूनाजी बरफा मुम्बई, श्री मूलारामजी सुजाजी लचेटा और श्री मानाराम जी भूराजी बरफा भी मुम्बई गये।
ग्राम विकास के कार्य में *श्री बाबूलाल जी कानाजी लचेटा द्वारा श्री मोतीबाबा छात्रावास रानी में बस भेंट* की गई। श्री भीकाराम जी चूनाजी बरफा द्वारा बड़ौद मार्ग पर अवाला निर्माण करवाया गया, श्री भीकाराम जी चमनाजी लचेटा द्वारा रानी मार्ग पर प्याऊ और कबूतरों का चबूतरा बनवाया गया।
दक्षिण भारत की संस्थाओं के पदाधिकारी रूप में श्री बाबूलाल जी कानाजी लचेटा मेडिकल एसोसिएशन के मुम्बई में अध्यक्ष रहे, श्री भीकाराम जी चुन्नीलाल जी बरफा गोरेगांव मुम्बई बडेर के कोषाध्यक्ष पद पर आसीन है।
गिराली में श्री आई माताजी धर्म रथ भैल का भव्य बधावा किया गया एवं रात में धर्म सभा का आयोजन हुआ जिसमें माताओं बहनों और बांडेरुओं ने पूर्ण मनोयोग से श्री आई माताजी के इतिहास को सुना जिनमें मांगीलाल जी सैन की पुत्री, पत्नी सहित सभी ने तन्मयता से पूरा इतिहास सुना।
ग्राम गिराली के चंहुमुखी विकास और खुशहाली की मां श्री आईजी से कामना करता हूं-दीपाराम काग गुड़िया।