जोधपुर शहर श्री आईमाता जी के धर्मरथ भैल का बधावा श्री आईमाताय नमः

*जोधपुर शहर श्री आईमाता जी के धर्मरथ भैल का बधावा*
श्री आईमाताय नमः.. 🙏🙏
कल दिनांक 02.07.2023 को आदरणीय श्री उदाराम जी पंवार साहब ने अपने जोधपुर शहर स्थित निवास पर आयोजित अपने सेवानिवृति समारोह के शुभ अवसर पर श्री आईमाता जी के धर्मरथ भैल को सादर आमन्त्रित कर भैल बधावा कार्यक्रम आयोजित किया।

सेवानिवृति समारोह में भैल बधावणा पश्चात भैल के आगामी निमन्त्रण स्थल गांव पालासनी की ओर प्रस्थान के दौरान प्रस्थान रुठ पर ही स्थित जोधपुर शहर में बनाड़ रोड़ पर निर्माणाधीन श्री आईमाता मन्दिर एवं कोचिंग सेन्टर तथा अतिथि गृह प्रांगण मैं धर्मरथ भैल के पगलिया / पदार्पण करवाने हेतु आदरणीय श्री दीपाराम जी काग साहब की प्रेरणा से जोधपुर संस्थान के अध्यक्ष महोदय के निर्देशानुसार सीरवी समाज जोधपुर संस्थान की तरफ से श्री आईमाताजी की भैल एवं भैल सेवा मण्डली को कल सांय लगभग 4.15 बजे सस्नेह सादर आमन्त्रित किया गया।

माताजी की असीम कृपा से आमन्त्रण स्वीकार हुआ तथा संयोग से मात्र एक घण्टा बाद ही सांय लगभग 5.15 बजे धर्मरथ भैल का मन्दिर प्रांगण पहुँचने का हुकम हुआ। धर्मरथ भैल बधावा हेतु आकस्मिक निवेदन / सूचना पर मन्दिर के आस पड़ौस में निवासरत स्वजातिय बन्धु एवं माताऐं बहने तत्काल मन्दिर प्रांगण पहुँचे व श्री आईमाता जी की जयघोष के साथ भैल बधावा में भाग लेकर श्री आईमाता जी के दर्शन लाभ लिये।

बधावा पश्चात धर्मरथ भैल का मन्दिर प्रांगण में पगलिया / पदार्पण / शुभ आगमन हुआ तथा विश्राम लिया यह जोधपुर संस्थान का सौभाग्य है।

भैल सेवा मण्डली एवं समाज की सादर उपस्थिति में आदरणीय पूना महाराज नें श्री आईमाता जी के समक्ष नारियल ज्योत एवं दीप प्रज्वलित की तथा उपस्थित स्वजातिय बन्धुओं व माताओं बहनों ने संयुक्त रुप से आईजी वन्दना / आरती की गई।

भैल प्रभारी परम आदरणीय श्री पूना महाराज जी एवं भैल सेवक परम आदरणीय श्री दीपाराम जी काग साहब (एक वर्ष के लिए धर्मरथ भैल सेवार्थ हेतु दृढ संकल्पित सेवारत) सहित उपस्थित सम्पूर्ण भैल सेवा मण्डली का सीरवी समाज जोधपुर के समन्वयक आदरणीय श्री पन्नालाल जी हाम्बड़ साहब के सानिध्य में उपस्थित स्वजातिय बन्धुओं नें माल्यार्पण कर एवं सॉल ओढाकर सीरवी समाज जोधपुर संस्थान की तरफ से सामाजिक बहुमान किया गया। संस्थान के अध्यक्ष श्री मेघाराम जी सेणचा साहब राजकीय कर्तव्य निर्वहन के क्रम में जयपुर शहर में व्यस्त होने से आपने दूरभाष के माध्यम से श्री आईमाताजी को नत मष्तक नमन वन्दन कर व उपस्थित अतिथियों का अभिनन्दन किया।

भैल सेवा मण्डली नें निर्माणाधीन भवन का अवलोकन किया तथा धर्म एवं शिक्षा तथा मानवीय सेवार्थ के पावन उद्देश्य के क्रम में भवन की बहुपयोगी रुपरेखा को बेहतरीन बताते हुए योगदान देने वाले जोधपुर व बिलाड़ा के स्थानीय स्वजातिय बन्धुओं के साथ ही विशेषतः तमिलनाड़ु, कर्नाटक तथा तेलंगाना राज्य के समस्त योगदानदाताओं तथा कर्मठ कार्यकर्ताओं को धर्मरथ भैल मण्डली की तरफ से धन्यवाद देते हुए सभी पर श्री आईमाताजी की शुभ आशीष बनी रहने हेतु मंगलकामनाऐं की।

आदरणीय श्री दीपाराम जी काग साहब ने फरमाया कि.. वक्त जरुरत जरुरतमंदो हेतु वांछित सेवा ही संस्था का उद्देश्य एवं लक्ष्य होना चाहिए। आपातकालीन विषम परिस्थितियों (कोरानाकाल इत्यादि) अथवा धार्मिक यात्राओं के दौरान श्री आईमाता सीरवी सेवा संस्थान जोधपुर द्वारा एकलव्य एकेडमी सी.सै. स्कूल के निदेशक- श्री माधुराम जी चोयल के विशेष सहयोग से वक्त जरुरत तत्काल भोजन सेवा उपलब्ध करवाने तथा विभिन्न रक्तवीर कार्यकर्ताओं द्वारा वक्त जरुरत रक्तदान सेवा सम्बन्धित भी तत्काल सेवाऐं देते हुए मानवीय सेवार्थ बाबत भी अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है।

शिक्षा, चिकित्सा एवं यातायात की दृष्टी से जोधपुर शहर मारवाड़ का केन्द्र बिन्दु है अर्थात इस लिहाज से संस्थान द्वारा जोधपुर शहर में इस प्रयोजनार्थ सेवाऐं विकसित करना अति महत्वपूर्ण एवं आवश्यक है। आने वाले समय में आवश्यकता एवं उपयोगिता की दृष्टी से जोधपुर संस्थान द्वारा किये जा रहे महते विकास कार्यों की सराहना की गई।

आदरणीय श्री दीपाराम जी काग साहब ने उपस्थित बन्धुओं एवं मातृ शक्ति को धन्यवाद देते हुए फरमाया कि.. भैल के ग्यारह नियमों की पालना के साथ निःस्वार्थ भाव से सामाजिक कर्तव्यों का नियमित रुप से पालन करते रहोगे तो माताजी की शुभाषीश में कोई कमी नही रहेगी। भामाशाहों के योगदान एवं कर्मठ कार्यकर्ताओं के संयोजन से खूब अच्छा कार्य हुआ है। निर्माणाधीन पावन पुण्य सामाजिक भवन में माताजी की भैल का पदार्पण हुआ है अतः निश्चित ही वांछित भूमि विस्तार के साथ ही भवन निर्माण हेतु श्री आईमाताजी की शुभ आशीष से धनागम का उत्तम संयोग बनेगा तथा अति स्वच्छ, सुन्दर एवं ऐतिहासिक सामाजिक ईमारत बनेगी।
धर्म एवं शिक्षा के साथ मानवीय सेवार्थ के क्रम में निर्मित होने वाली उक्त पावन पुण्य बहुमंजिला सामाजिक ईमारत से हमारी आने वाली पीढियां निश्चित ही लाभान्वित होगी।

श्री आईमाता जी के धर्मरथ भैल पदार्पण के पावन उपलक्ष पर ह्रदय से अभिवन्दना.. 🙏🙏

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