मुंबई / विरार / सीरवी समाज की आराध्य कुलदेवी आईमाता के 604 वा अवतरण दिवस (भादवी बीज) विरार के आईमाता मंदिर प्रागण में बड़े धूम से मनाया गया।
हजारों की संख्या में महिला व् पुरुष पारम्परिक राजस्थानी वेशभूषा के साथ भक्तों के हुजूम से मेले जैसा माहौल देखने को मिला।
आयोजन के पूर्व रात्रि में विशाल भजन संध्या का आयोजन हुआ। जिसमे राजस्थान से आये भजन गायक दिनेश पूरी, कुंदन सिंह परमार व् बस्तीमल ने ”माताजी रे मंदिर में दिवला री ज्योता जागी” आवणो पड़ेला माताजी आवणो पड़ेला आज री सभा में थाने आवणो पड़ेला” जैसे मधुर भजनों पर भक्तों को देर रात तक झूमने पर मजबूर किया।
वही सुबह आयोजन की सुरुवात माताजी के समक्ष दीप प्रज्वलन कर सामूहिक आरती के पश्यात हुयी। तत्पश्यात सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ जिसमे राजस्थानी पारम्परिक गीतों पर महिलाओं व् बच्चों की मनमोहक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां आकर्षण का केंद्र रही। तो दूसरी और दिन भर गायक कलाकारों ने एक से बढ़कर एक शानदार प्रस्तुतियां देते हुए आयोजन को यादगार बना दिया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर आये वसई विरार महा नगरपालिका के प्रथम महापौर राजीव पाटिल (नाना) ने जनसमूह को सम्बोधित करते हुए कहा की विरार की नगरी में आईमाताजी का यह विशाल मंदिर आस्था का प्रमुख केंद्र है। सीरवी समाज के लोग बड़ी सख्या में इस शहर में अपना व्यापार व्यवसाय बड़ी ईमानदारी के साथ करते है , उन्होंने कहा की सीरवी समाज के लोग व्यापार व्यवसाय के साथ अपनी संस्कृति को साथ लेकर चलते है वो कबीले तारीफ है।
संस्था के अध्यक्ष जयेश चौधरी ने बताया की प्रति वर्ष की भाँति इस वर्ष भी सीरवी समाज की अनुपम, अद्वितीय संस्कृति एवं परंपराओं के अनुरूप माँ आई जी के अवतरण दिवस को बड़े उत्साह के साथ मनाया गया। इस वर्ष का कार्यक्रम बहुत ही शानदार व ऐतिहासिक रहा। आयोजन में समाज के होनहार विद्यार्थियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया तो वही सहयोगकर्ताओं का राजस्थानी साफा व् श्रीफल दे कर बहुमान किया। आपको बतादे की दो महीने पहले ही इस मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा आयोजन भव्यता के साथ किया सम्पन्न हुआ और अब माताजी का अवतरण दिवस महोत्सव का आयोजन किया वो भी शांतिपूर्ण तरीके यह मेरे लिए गर्व की बात है। वही सचिव कानाराम परिहारिया , कोषाध्यक्ष विजय सोलंकी ने ऐतिहासिक व् सफल आयोजन के लिए समाज के लोगों का धन्यवाद व्यक्त किया।