अतीत के झरोखे से स्वर्गीय सीए.पीडी.चौधरी साहब के विचार और प्रतिउत्तर में राज राठौड़ के विचार.... भारी रस्साकशी और रोमांचक स्थिति के बीच सुरत सीरवी समाज द्वारा आयोजित दो दिवसीय वालीबॉल प्रतियोगिता का समापन हुआ ! हैदराबाद की यात्रा पर होने के कारण इस खेल उत्सव में उपस्थित नहीं हो पाया ! अपनी कर्म भूमि…
सीरवी समाज के पुरखों ने जो सामाजिक समरसता औऱ एकता को अपने आचरण औऱ व्यवहार से मजबूती प्रदान की थी,वह डोर अब क्षत-विक्षत हो रही है। मुझे बड़ा आश्चर्य होता है कि हमारे पुरखे भले ही अनपढ़ थे औऱ वे आर्थिक रूप से सम्पन्न नही थे लेकिन उनके सामाजिक प्रबंधन को हम कोटि-कोटि वंदन-नमन करते…
जरूर एक बार समाज के युवाओं से अपील ओर इस लेख को एक बार पढ़े। ●आखिर क्यों नही जीना चाहती young generation:---● समाज मे युवाओं में ही नहीं, बल्कि अच्छे पदों पर आसीन लोगों में भी आत्महत्या की प्रवृत्ति बढ़ रही है.आयुष्मान भव:, जुग-जुग जियो, दूधों नहाओ, पूतों फलो जैसे आशीर्वादों से भरे समाज में…
समाज में व्याप्त कुरीतिया दूर करने का आह्वान.। सीरवी समाज के सभी महानुभावों का ध्यान आज तेजी से फैल रही कुरीतियों की तरफ आकर्षित करवाना चाहता हूं। मनुष्य अपनी भीतरी दुर्बलताओं के कारण ही चिंतित, परेशान और दुःखी रहता है साथ ही साथ संसारिक जीवन की किस समस्या को कितना महत्व दिया जाय, उसे किस…
प्रिय समाज बंधुओं, नमस्कार। हमें,हमारे सामाजिक जीवन में घटित प्रत्येक उन घटनाओं पर समुचित विचार विमर्श कर, समाज हितों में सही निर्णय लेना चाहिए, जिनका परिणाम, सामाजिक भविष्य प्रभावित करता हैं । आप जरा विचार करे, कि किसी हवाई जहाज के दुर्घटना ग्रस्त होने व सेकड़ों लोगों के मरने के पश्चात, उस विमान का ब्लेक…
विचार आया कि हमारे समाज की एक बुराई यानि बिना श्रम और योग्यता के अपने आपको मात्र डींगे हांककर श्रेष्ट साबित कर जाजम का हक प्राप्त करने की प्रवृत्ति के कारण ही हमारे समाज का प्रबुद्व एवं शिक्षित वर्ग जाजम पर साथ बैठने से कतराता है।यह सत्य है कि पंचायती में जाजम के केन्द्र में…
नमस्कार .. शुभ प्रभात ... मित्रो ... बंधुओ ... सदस्यों सत्यम शिवम् सुन्दरम - सोशल मीडिया सीरवी सामाजिक विचारको का मंच विगत कुछ हफ्तों से सोशल मीडिया पर विभिन्न माध्यमो पर प्रसारित सीरवी युवाओं की वार्ताओं, फेसबुक कमेंट और पोस्ट पर एक सरसरी निगाह डालने के पश्चात एक राय जेहन में उभरी है, आपके समक्ष…
जय माताजी री छा. ।.आज का विचार संस्कारों का.! हमें अपनी संस्कृती को बचानी है.। जिस देश में राष्ट्ररक्षक, धर्म संस्कृति रक्षक जब तक जीवित रहती है, तब तक देश व समाज अमर व जीवित रहेगा,। सीरवी समाज के अपने रीतिरिवाज व परम्परा से प्रेणित है, । लेकिन आजकल के समय के अभाव से कु.-संस्कारों…
आज उनकी बेटी भाग गई... प्रस्तुति:- शांति सुपुत्री श्री सोमाराम जी राठौड़, किशनपुरा पुणे स्त्री वो है जो वंश को आगे बढ़ाती हैं, जो सिर्फ औरत ही नहीं बल्कि एक माँ , एक बहन, एक बेटी, एक बहू, एक सास, एक जिम्मेदार शक्ति जो न जाने किन- किन कर्तव्यो को निभाती हैं। आज हमारे समाज…
बेहतर समाज के निर्माण में- प्रस्तुति:- महेन्द्र सीरवी आगलेचा, खारड़ी-पाली युवा शक्ति समाज की रीढ़ होती है। युवा समाज को नए शिखर पर ले जाते हैं। युवा समाज का वर्तमान हैं, तो भूतकाल और भविष्य के सेतु भी हैं। युवा समाज के जीवन मूल्यों के प्रतीक हैं। युवा गहन ऊर्जा और उच्च महत्वाकांक्षाओं से भरे…