सामाजिक सद्गुण यही है कि हम दूसरों के अधिकारों का मान करें, आप जिये और दूसरों को जीने दें : मनोहर सीरवी

August 22, 2022
सृष्टि का सृजनकर्ता ईश्वर एक है किन्तु उसके नाम अनेक हैं। मानव जाति भी एक है। हालांट रचयिता एक ही परमात्मा की कलाकृति और भाई-भाई हैं। अपने भाइयों से द्रोह किसी भीयान में अगाकर ही है। सब मिलजुल कर भाईचारे के साथ आपसी सहयोग और सौहाद्प रो क्योकि इस धरती पर कोई गाना नहीं है।…

आप सभी को स्वतंत्रता दिवस, रक्षाबंधन एवं जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए माँ श्री आईजी से सभी समाजजनों के जीवन को आलोकित करने हेतु प्रार्थना है

July 29, 2022
मेरे प्यारे भाईयों एवं बहनों सादर जय श्री आईमाताजी की। सीरवी समाज डॉट कॉम वेबसाइट की और से आप सभी का हार्दिक स्वागत एंव अभिनंदन है। सर्वप्रथम आप सभी सीरवी भाईयों और बहनों को स्वतंत्रता दिवस, रक्षाबंधन एवं जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें स्नेहवाहिनी, शक्तिदायिनी, मनभावनी पावन राखी में पवित्रता का प्रकाश और रूहानियत का तेज…

आज समाज के छोटे-मध्यम परिवार के लिए लड़कों की शादी कराना बहुत मुश्किल काम हो गया : मनोहर सीरवी

July 18, 2022
आज समाज के छोटे-मध्यम परिवार के लिए लड़कों की शादी कराना बहुत मुश्किल काम हो गया : मनोहर सीरवी समाज को गंभीरता से सोचना होगा-आज समाज के छोटे-मध्यम परिवार के लिए लड़कों की शादी कराना बहुत मुश्किल काम हो गया है। खासकर मध्यम वर्ग और छोटे शहरों के परिवारों की हालत तो बहुत दयनीय होती…

बेटी के ससुराल में बेटी के माता-पिता को सामान्य रूप से हस्तक्षेप नहीं करना चाहिये : मनोहर सीरवी

July 17, 2022
पारिवारिक रिश्ते बचाने एवं सम्बन्ध मजबूत करने के लिए जरुरी विचार योग्य पहल। बेटी के ससुराल में बेटी के माता-पिता को सामान्य रूप से हस्तक्षेप नहीं करना चाहिये। जिससे प्रत्येक व्यक्ति को अपनी स्वतंत्रता से जीने का अधिकार है, उसी प्रकार प्रत्येक परिवार को भी अपने घर में अपनी इच्छा से जीने का अधिकार हैं।…

व्यक्ति की पहचान, प्रस्तुति :- मनोहर सीरवी सुपुत्र श्रीमान रतनलाल जी राठौड़ जनासनी

July 10, 2022
व्यक्ति की पहचान आज के इस आधुनिक युग में कौन व्यक्ति कैसा है, यह पता चलना तो कठिन बात है किन्तु उस व्यक्ति का व्यवहार जिस रूपमें सामने आता हैं, उसके आधार पर व्यक्ति को पहचाना जा सकता हैं। हमारी पहचान का सबसे बड़ा साधन है व्यवहार। हम बाहरी जगत में कैसे प्रकट होते हैं?…

माता पिता की अति महत्वाकांक्षा से 27-28-32 उम्र से अदिक की कुंवारी लड़कियां घर बैठी हैं। अगर अभी भी माँ-बाप नहीं जागे तो स्थितियाँ और विस्फोटक हो सकती है : सीरवी 

February 9, 2022
माता पिता की अति महत्वाकांक्षा से 27-28-32 उम्र से अदिक की कुंवारी लड़कियां घर बैठी हैं। अगर अभी भी माँ-बाप नहीं जागे तो स्थितियाँ और विस्फोटक हो सकती है। हमारा समाज आज  बच्चों के  विवाह को लेकर इतना सजग हो गया है कि आपस में रिश्ते ही नहीं हो पा रहे हैं। समाज में आज 27-28-32…

सुखी जीवन का आधार एवं मानव का कर्तव्य सुख किसे कहते हैं और वह कैसे प्राप्त होता हैं?….. इस प्रश्न पर विद्वानों के विभिन्न मत हैं

July 1, 2021
सुखी जीवन का आधार एवं मानव का कर्तव्य सुख किसे कहते हैं और वह कैसे प्राप्त होता हैं?..... इस प्रश्न पर विद्वानों के विभिन्न मत हैं। मनुष्य के पास अथाह धन हो तो वह उससे तमाम मन चाही वस्तुएँ खरीद सकता है। हालांकि कितना भी धन क्यों न हो, उससे जीवन के लिये सुख नहीं…

शिक्षा और संस्कारों के अभाव में अवरुद्ध सामाजिक विकास

June 11, 2020
मां भगवती श्री आईजी को नमन करते हुए मैं। अपने विचार सीरवी भाई बहिनों के सम्मुख रखते हुए यह अपेक्षा रखती हूं कि आप इस पर अवश्य मनन करेंगे एक तरफ जहां हमारे सीरवी समाज ने व्यापार व्यवसाय के क्षेत्र में बहुत ही कम समय में आशातीत प्रगति कर एक सुनहरा इतिहास लिखा है, वही…

लाजवाब था पुरखों का आत्मानुशासन और मर्यादित जीवन।।

May 15, 2020
प्रथम मैं अपने उन सभी पुरखों को कोटि-कोटि नमन-वन्दन करता हूँ जिन्हीने हमें आत्मानुशासन की सीख दी,हमें जीवन को मर्यादित ढंग से जीना सीखाया। पुरखों ने अपने जीवन प्रबंधन को बड़ी कुशलता से संचालित किया था। सभी लोग अपना जीवन आत्मसंयमित होकर जीते थे।आत्मानुशासन और मर्यादित आचरण उनके जीवन का अटूट हिस्सा था। हर व्यक्ति…

पुरखें आप धन्य हो

May 4, 2020
सर्वप्रथम मैं उन सभी पुरखों को कोटि-कोटि नमन करता हूँ जिन्होने अपनी अनुशासनात्मक और मर्यादित जीवन शैली से अपने काल में सामाजिक समरसता और एकात्मकता को सुदृढ़ता प्रदान की।उनके सामाजिक आत्मिक आलंबन और जुड़ाव की जितनी तारीफ की जाय उतनी कम है। हमारे पुरखों ने पारिवारिक ढांचे को जिस अनुशासन से संचालित किया और उसमें…

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