पगड़ी हमारी राजस्थानी पहचान है हमारा पहनावा ह सिर्फ सम्मान नही

September 3, 2019
पगड़ी हमारी राजस्थानी पहचान है हमारा पहनावा ह सिर्फ सम्मान नही जो लोग पगड़ी पहनने या पहनाने पर ऐतराज करते है उन्हे अपनी दो पीढी पहले जाना चाहिये कि राजस्थानी लोगो का पहनावा व कल्चर क्या था । हमने देखा है अपने दादा के समय । अब लोग फ़ैशन के चक्कर मे अपने संस्कार ओर…

बीज का दिन ही सर्व श्रेष्ठ क्यो ?

August 31, 2019
इस प्रकार जीवण सीरवी के बिलाड़ा के कर्ता – धर्ता बनने के पश्चात्‌ माधव व उसकी पत्नियों द्दारा श्री आईजी की मनोयोग से सेवा करने से उनका जीवन सफल एंव सुखद बन गया । संवत्‌ 1538 में जीवण सीरवी के निधन के पश्चात्‌ माधव में वैराग्य की बाढ़ आ गई । माधव का जीवन भक्तिमय…

आखिर हमारी यह सोच कब बदलेगी? क्या हम ऐसी घटिया मानसिकता से समाज का उत्थान कर पायेंगे?

August 29, 2019
सीरवी समाज के वंदनीय बंधुजन-बहनों, मैं आप सभी बड़ी विनम्रता सु सादर निवेदन कर रहा हूँ कि आप  सभी अपनी सोच में सामाजिक उत्थान के लिए सकारात्मकता रखे।सीरवी समाज का युवा यदि अपनी सोच में बदलाव कर दे,उनकी सोच एक ही विराट लक्ष्य "मेरा समाज ,मेरा गौरव" और "मेरे समाज का उत्थान, मेरा स्वाभिमान" पर…

सोशल मीडिया के महत्व को समझे सीरवी समाज ,अनमोल अवसर यूं न गवाएं

August 19, 2019
वर्तमान समय में सोशल मीडिया सूचनाओं को आसानी से आदान-प्रदान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इसकी व्यापकता और कम समय में अधिक से अधिक लोगों तक जरुरी सूचनाएँ पहुंचाने की क्षमता तमाम लोगों के लिए बेहद सुविधाजनक है वहीं दूसरी तरफ उन्माद फैलाने वाले कुछ लोग इसका दुरुपयोग भी कर रहे हैं। कुछ महीनों…

मेहमानों को भोजन जीमाना या रखना । सोचे संस्कारित क्या है ? प्रस्तुति- सीरवी जसाराम लचेटा रामापुरम चेन्नई

August 12, 2019
मान्यवर, स्वजातीय बन्धुओं !! जय श्री !! आज समाज में कुछ बन्धुओं द्वारा अपनी आर्थिक स्थिति उजागर करने की नियति से समाज मेंं एक नई परंपरा लागू करने का प्रयास चल रहा है। जिसे स्वरुचि भोज यानि " बफर्ट्स " नाम से जाना जाता है। बफर्ट्स नामक इस भोज व्यवस्था के लिए आयोजन कर्ता अपने…

प्रस्तुति- सुरेश सुपुत्र श्री जीवाराम जी देवड़ा नेवी ऑफिसर) मेहनत एवं अवसर विश्वस्तर पर…..

August 11, 2019
आज मैं अपने अंतरराष्ट्रीय पहल पर कार्य करने के अनुभव से अपने समाज के सभी विद्यार्थी, नौजवान और सबसे महत्वपूर्ण सभी विद्यार्थी के मां-बाप से कहना चाहता हूं। आज समाज में काफी कुशल मेहनती विद्यानिपुण छात्र/छात्राएँ,नौजवान, खिलाड़ी और व्यवसाई है। किंतु आज विश्व जिस गति से आगे बढ़ रहा है उस गति से हमारा समाज…

सात जन्मों का बंधन महीनो का रिश्ता

June 20, 2019
प्रस्तुति- मन्जु सीरवी c/o माताजी इलेक्ट्रिकल एण्ड हार्डवेअर, नम्बर -72 होसा रोड़, सी. के नगर, बैगंलुर "शादी, सात फेरे" यानि सात जन्मों का पवित्र बन्धन कहते हैं,सात फेरे खाने के बाद दो इंसान अगल सात जन्मों के लिए एक दूसरे के हो जाते हैं।उन्हें कोई अलग नहीं कर सकता,भगवान की मर्जी भी इसमें शामिल होती…

सीरवी समाज मे शादी समारोह मे बढते खर्चे और व्यर्थ होता भोजन बहुत ही चिन्ता का विषय समाज को इस पर गम्भीरता से मंथन करना होगा

May 15, 2019
शादी विवाह में बढ़ते हुए दिखावे पर होने वाली पैसे की बर्बादी से अधिकांश लोग परेशान हैं। और इन कुरीतियों को खत्म करना चाहते हैं पर लोग क्या कहेंगे यह सोचकर इस चक्रव्यूह से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं l इस दिखावे के चक्कर में कुछ लोगों को न चाहते हुए भी अपनी हैसियत…

मेहमानों को भोजन जीमाना या रखना । सोचे संस्कारित क्या है ? 

April 2, 2019
आज समाज में कुछ बन्धुओं द्वारा अपनी आर्थिक स्थिति उजागर करने की नियति से समाज मेंं एक नई परंपरा लागू करने का प्रयास चल रहा है। जिसे स्वरुचि भोज यानि " बफर्ट्स " नाम से जाना जाता है। बफर्ट्स नामक इस भोज व्यवस्था के लिए आयोजन कर्ता अपने मेहमानों को सेवा नहीं देता,बल्कि मंच पर…

चाणक्य नीति के अनुसार भोजन और धन, जितना है, उसी में संतोष कर लेना चाहिए

March 27, 2019
जीवन में अधिकांश परेशानियों की वजह है असंतोष जो वस्तुएं या सुख सुविधाएं हमें प्राप्त होती है, हमें उनसे ही संतुष्ट रहना चाहिए | अगर असंतोष बना रहेगा तो दुख और परेशानियां का जन्म होता है | अचार्य चाणक्य ने तीन ऐसी परिस्थितियां बताइए हैं, जिसमें व्यक्ति को संतोष करना चाहिए | चाणक्य नीति के…

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