हमारी संस्कृति आज के इस वैश्विक महामारी कोरोना के भयंकर प्रकोप से बचाने का कार्य कर रही है।

March 20, 2020
।।सांस्कृतिक मूल्य और नारी सम्मान ।। सर्वप्रथम मैं अपने राष्ट्र के उन सभी ऋषि मुनियों,मनीषियों,महान ग्रन्थों के रचनाकारों,संतो और पुरखों को कोटि-कोटि चरण वंदन करता हूँ जिन्होंने हमारी महान संस्कृति को बनाया और उस संस्कृति के ऐसे मूल्यों की परम्पराओ को अपनाया,जिससे मानव जीवन सुखकारी और मंगलकारी बन जाता है।संस्कृति के संस्कार जीवन को स्वर्णिम…

एक प्रेरणाप्रद कहानी तलाश खुशी की

March 1, 2020
एक बार एक हष्ट-पुष्ट  किन्तु निराशा के घोर अंधकार में डूबा हुआ व्यक्ति एक पेड़ के नीचे बैठा था।उसी पेड़ की डाल पर आकर एक बुलबुल बैठ गई।उसने देखा कि नीचे एक व्यक्ति  बैठा है।बुलबुल ने उस निराश व्यक्ति से पूछा कि,"तुम दुःखी क्यो हो?" व्यक्ति ने जवाब दिया कि ,"मैं अपनी जिंदगी की राह…

हम और समाज !

February 24, 2020
हर रोज हमारा समाज नवीन विकृतियों से झूझ रहा है, इसका सीधा सम्बंध हमारे मार्गदर्शन और संस्कार पर प्रश्नवाचक चिन्ह खड़ा कर रहा है, आधुनिक युग की प्रणाली का परिणाम प्रत्येक व्यक्ति की मनीषा से प्रदर्शित हो जाता है, वर्तमान समाज का व्यक्ति अपने मूलभूत मौलिक कर्त्तव्यों को भूल कर पाश्चयात सँस्कृति के पथ पर…

समाज मे नए Revolutions की नींव बन सकता है intercaste marriage:—–

February 19, 2020
मैं अपने अनुभवों और अपने कुछ frndz के साथ हुई चर्चा के आधार पर लिख रहा हूं। मेरे लिए यह परेशान करने वाली बात है कि आज के युग में जहां आधुनिकता life के हर पहलू पर असर डाल चुकी है, वहीं marriage में धर्म और जाति का बंधन अभी भी कट्टरता के साथ बरकरार…

नैतिक पतन की राह पर युवा पीढ़ी.

एक शिक्षक और एक अभिभावक के रूप मे मेरे मन में आज के हालात को देखकर मन-मस्तिष्क में अनगिनत प्रश्न उठते है कि आज की युवा पीढ़ी को क्या हो गया है?वह किस राह पर जा रही है?वह अपने सांस्कृतिक आदर्श मूल्यों से परे क्यों जा रही है?पाश्चात्य मूल्यों की ओर इतना लगाव क्यो है?वासना…

आखिर नारी क्यों है असुरक्षित???

February 18, 2020
अपना भारत जहाँ नारियों को देवी का दर्जा दिया जाता था औऱ आज भी इस राष्ट्र में नवरात्रि के पर्व नारी शक्ति को समर्पित कर मनाया जाता है औऱ हर शुभ मांगलिक कार्य पर बालिकाओ को खाना खिलाकर शुभारंभ माना जाता है।उसी राष्ट्र में वे आज असुरक्षित महसूस करती है। कलयुग की काली छाया दिनों-दिन…

उज्ज्वल चरित्र मानव जीवन की सर्वश्रेष्ठ सम्पदा है।

February 16, 2020
भारत के महान विचारक और युगप्रवर्तक स्वामी विवेकानन्द जी ने कहा था कि,"न तो धन का मूल्य है,न ही नाम और यश का।अगर कोई दृढ़ चरित्र है तो उसे कोई अमर होने से नहीं रोक सकता।" इस वाक्यांश से चरित्र की महत्ता को जाना जा सकता है।चरित्र मनुज का सबसे सबल पक्ष होता है।चरित्र में…

समाज में लोगों को इतना गरीब नहीं होने देना चाहिए कि उनसे लोग नफरत करने लग

February 14, 2020
आज समाज में गरीब, असहाय और पढ़े-लिखे लोग हर जगह बेइज्जत होता है। ज्यादातर समाज के नेता और धन्ने लोग गरीबो और असहाय लोगो तिरस्कृत करता है। जब समाज के लोग गरीबों का साथ नहीं देते तो गरीब गरीबी के कारण चोरी, छिनैती में अपना हाथ आजमाने लगते हैं। पैसे के लिये कई अनैतिक कार्यों…

रिश्तेदार बन कर जिओगे तो रिश्ता तीर्थ बन जायेगा

January 2, 2020
व्यक्ति अगर रिश्तेदार बनकर जियेगा तो रिश्ता तीर्थ स्थल बन जायेगा । परिवार रिश्तेदारों से बनता है।दावेदारों से नहीं ।यदि रिश्तों को तीर्थ नहीं बनाया तो कितनी भी तीर्थ यात्राएं कर लो कुछ फल प्राप्त होने वाला नही है। परिवार वह सुरक्षा कवच है जिसमें रह कर व्यक्ति शांति का अनुभव करता है। अगर आपके…

उज्ज्वल चरित्र मानव जीवन की सर्वश्रेष्ठ सम्पदा है

December 17, 2019
उज्ज्वल चरित्र मानव जीवन की सर्वश्रेष्ठ सम्पदा है।       भारत के महान विचारक और युगप्रवर्तक स्वामी विवेकानन्द जी ने कहा था कि,"न तो धन का मूल्य है,न ही नाम और यश का। अगर कोई दृढ़ चरित्र है तो उसे कोई अमर होने से नहीं रोक सकता।" इस वाक्यांश से चरित्र की महत्ता को…

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