बिखरता सामाजिक ताना-बाना और सीरवी समाज(३)।। सीरवी समाज एक कृषक समाज है जिसका अपना गौरवमयी इतिहास रहा है।

January 18, 2023
।।बिखरता सामाजिक ताना-बाना और सीरवी समाज(३)।। सीरवी समाज एक कृषक समाज है जिसका अपना गौरवमयी इतिहास रहा है। समाज के लोगों ने अपने पुरुषार्थ ,कार्य के प्रति समर्पण और ईमानदारी की मिसाल कायम की।आज भी जहाँ कही समाज के बंधु-बहना को जिम्मेदारी मिलती है तो वे उस जिम्मेदारी को पूर्ण निष्ठा एव दायित्वबोध की भावना…

चिंतनीय आलेख:- बिखरता सामाजिक ताना बाना और सीरवी समाज

January 9, 2023
चिंतनीय आलेख:- बिखरता सामाजिक ताना बाना और सीरवी समाज(२) युवा किसी भी राष्ट्र-समाज की अनमोल धरोहर है। युवाओ के चारित्रिक विकास पर ही राष्ट्र-समाज का भविष्य तय होता है।जिस समाज के युवाओ का नैतिक बल मजबूत है और अपने धर्म व आध्यात्म के अनुरूप आचरण एवं व्यवहार करते है वह समाज सभ्य और श्रेष्ठ है।…

इंसान की पहचान तो समाज और देश ही देता है फिर इस समाज और देश के लिए अपनी

August 1, 2022
राष्ट्र उत्थान में समाज के युवा वर्ग का हर कदम एक पायदान बन सकता है- पंकज चौधरी इंसान की पहचान तो समाज और देश ही देता है फिर इस समाज और देश के लिए अपनी ऋण-दायिता कोई कैसे नकार सकता है I भारत वर्ष में जन्म लेते ही इंसान की सबसे बड़ी भगीदारिता बनती है,…

अपना समाज अपने नाम में समाहित “सीर” शब्द की सार्थकता की दिशा में तेज गति से बढ़ रहा है।यह भावना समाज को नव ऊंचाईयां प्रदान करेगी,ऐसा मुझे विश्वास है। समाज के लोगो मे दान की प्रवृति में गजब का अर्पण और उत्साह देखने को मिलता है।

January 7, 2021
सीरवी समाज के सभी दानवीर महानुभावों और समाजसेवियों को मेरा सादर चरण वन्दन सा।🙏🙏 जय माँ श्री आईजी सा। यह पोस्ट लिखते हुए मुझे गर्व होता है कि अपना समाज अपने नाम में समाहित "सीर" शब्द की सार्थकता की दिशा में तेज गति से बढ़ रहा है।यह भावना समाज को नव ऊंचाईयां प्रदान करेगी,ऐसा मुझे…

सीरवी समाज के युवाजन अपनी खोई हुई शक्ति को संगठित कर रहे हैं।वे अपने भीतर की ऊर्जा की महत्ता को जान रहे हैं।

सीरवी समाज के यूवा साथियों को मेरा सादर नमस्कार।🙏🙏 जय माँ श्री आईजी सा।👏👏 मैं देख रहा हूँ कि समाज के युवाजन अपनी खोई हुई शक्ति को संगठित कर रहे हैं।वे अपने भीतर की ऊर्जा की महत्ता को जान रहे हैं। जिस समाज-राष्ट्र का युवा अपनी अंतर्निहित ताकत-क्षमता-ऊर्जा को समझ लेता है,उस समाज व राष्ट्र…

उदयपुरराजस्थान का एक विश्व प्रसिद्ध एवं खुबसुरत पर्यटन स्थल है जो अपने इतिहास, संस्कृति और अपने आकर्षक स्थलों के लिये प्रसिद्ध है

September 28, 2020
जय मां आईजी री सा। उदयपुरराजस्थान का एक विश्व प्रसिद्ध एवं खुबसुरत पर्यटन स्थल है जो अपने इतिहास, संस्कृति और अपने आकर्षक स्थलों के लिये प्रसिद्ध है। इसे पूर्व के वेनिस के नाम से भी जाना जाता है। उदयपुर अपनी अनेक विश्व प्रसिद्ध झीलों के कारण झीलों की नगरी city of lakes के नाम से…

आये हम सब मिलकर एक बार सभी जीवों के कल्याणार्थ गुरू महाराज से निवेदन करे……

July 4, 2020
सभी सीरवी समाज के बुद्धिजीवियों, पुण्य शालियो को घीसाराम सीरवी बिजोवा का स्नेह भरा रामराम,प्रणाम कल गुरू पूर्णिमा का पावन पर्व है।हम सब इस संसार में आत्म कल्याण के लिये गुरू की चरण का सहारा लेते हैं ।भव सागर से तरण तारण के लिए भी सांसारिक गुरू की आवश्यकता होती है । आज विश्व में…

हम मंदिर में घन्टी (टंकोर)क्यों बजाते हैं ?

June 12, 2020
*हम मंदिर में घन्टी (टंकोर)क्यों बजाते हैं?* अक्सर छोटे बङे सभी मंदिरों में प्रवेश द्वार के पास ऊँचाई पर एक या अधिक घंटियाॅ (टंकोर)लटकी रहती हैं ।मन में श्रद्धा-भक्ति और आस्था का भाव लेकर श्रद्धालु मंदिर-प्रवेश करते ही घंटी (टंकोर) बजाता है और फिर भगवान के दर्शन,पूजा-पाठ और प्रार्थना स्तुति के लिए आगे बढ़ता है…

हम दीपक क्यों जलाते हैं?

June 11, 2020
हम दीपक क्यों जलाते हैं? अंधकार को हरने की सबसे इकाई 'दीपक ' है ।दीपक हमारी अलौकिकमयी प्राचीन संस्कृति का प्रतीक है ।युगों- युगों से कुम्हार की चाक से निखरता हुआ मटमैली चिकनी मिट्टी की उपज यह दीपक कठोर अग्नि परीक्षा से गुजर कर एक साधारण सी काया लेकर मानव तक पहुंचता है ।दीपक जीवन…

मंगल परिणय के पश्चात पछतावा क्यों ?

June 7, 2020
कुंवारे को उमावा व परणियो को पछतावा। पता नहीं इस कहावत के पीछे क्या हकीकत हैं या यह कहावत कैसे प्रचलित हुई जो भी कहावत बनती हैं वो अनुभव के आधार पर बनती हैं उन्हें झुठी या मन गढंत ठहराना भी उचित नहीं। कहावतें प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से शिक्षाप्रद होती हैं। अतः चिंतन करने की आवश्यकता…

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