श्री आईमाता जी भेल(धर्म रथ):- एक युगान्तकारी पहल (१०)

February 10, 2024
श्री आईपंथ के ग्यारह नियमों में सातवां नियम है:-" सात गुरू की आज्ञा मानो।" भारतीय सनातन संस्कृति में गुरू की महिमा अनंत व अपरम्पार है।भारतीय सनातन दर्शन में गुरू को ईश्वर से बढ़कर बताया गया है क्योंकि गुरू ही ईश्वर प्राप्ति का पथ प्रदर्शक होता है। शास्त्रों में कहा गया है कि, " गुरूर ब्रह्मा,गुरूर…

श्री आईमाता जी भेल(धर्म रथ):-एक युगान्तकारी पहल

February 3, 2024
श्री आईपंथ के सिद्धान्त अर्थात नियम की पालना करने वाला हर व्यक्ति अपने जीवन को सुकूनदायी और आनंददायी कर जाता है। श्री आईपंथ के नियम बहुत ही सरल है जिसकी पालना हर व्यक्ति कर सकता है। जो व्यक्ति अपनी ईमानदारी और सच्चाई से श्री आईपंथ के सिद्धांतों की पालना कर जीवन जीता है उसका जीवन…

श्री आईमाता जी भेल(धर्म रथ):-एक युगान्तकारी पहल

January 31, 2024
श्री आईपंथ के ग्यारह नियमों में पाँचवा नियम "पंचम मात-पिता की सेवा।" की पालना हो जाय तो जीवन सुखदायी और आनंददायी हो जाता है। भारतीय शास्त्रों में मात-पिता को देवता के समान माना गया है।मातृ देवो भवः!पितृ देवो भवः!!कहा गया है। माता-पिता को संतान का प्रथम गुरु माना गया है।बच्चा अपने जीवन में संस्कार परिवार…

श्री आईमाता जी भेल(धर्म रथ):-एक युगान्तकारी पहल(७)

January 21, 2024
श्री आईपंथ के ग्यारह नियमों में चौथा नियम है:-"चौथे जुआ कभी न खेलो।"यह नियम व्यक्ति को सदा सद्मार्गी रहने की प्रेरणा देता है तथा व्यक्ति को गलत आदतों से दूर रहने की सीख देता है।मनुष्य के जीवन मे सुख-शांति का साधन जुआ नहीं बल्कि शारीरिक या मानसिक कर्म है। जो व्यक्ति गलत आदतों में पड़कर…

श्री आईमाता जी भेल(धर्म रथ):-एक युगान्तकारी पहल(५)

January 3, 2024
श्री आईमाता जी के धर्म रथ भैल के प्रति हमारी अगाध आस्था और श्रद्धा भक्ति है।गाँव में श्री आईमाता जी की भैल का आना हर किसी को सुकूनदायी लगता है और अंतर्मन में यह विश्वास पैदा करता है कि-श्री आईमाता जी हमारा उद्धार करने के लिए स्वयं पधारे है। श्री आईपंथ का हर अनुयायी धर्मरथ…

।।धर्म,आध्यात्म और नैतिक मूल्य(१)।।

January 1, 2024
धर्म ,आध्यात्म और नैतिक मूल्य परस्पर एक दूसरे से अंतः संबधित है।धर्म और आध्यत्म नैतिक मूल्यों को परिष्कृत करते है। जो व्यक्ति धार्मिक एव आध्यात्मिक है वे नैतिक मूल्यों से उतने ही उच्च नैतिकवान है। धर्म का अर्थ किसी पंथ,सम्प्रदाय या मजहब से नही है। धर्म का मूल अर्थ कर्तव्य से है।आचरण, विचार और सद्चरित्र…

।श्री आईमाता जी भेल(धर्म रथ):-एक युगान्तकारी पहल(४)

December 31, 2023
सीरवी समाज की आराध्य देवी श्री आईमाता जी ने एक पंथ चलाया जिसे "श्री आईपंथ" के नाम से जानते है।सभी पंथ के अपने नियम व सिद्धान्त होते है जो मानव जीवन को उच्च नैतिक मूल्यों से प्रस्फुटित करते है।धर्म व आध्यात्म को नैतिकता की नींव बताया गया है। जब मनुज श्रेष्ठ नैतिक मूल्यों को आत्मसात…

बढ़ती स्वार्थनीति कर रही सीरवी समाज का बंटाधार

May 11, 2023
।। बढ़ती स्वार्थनीति कर रही समाज का बंटाधार।। सीरवी समाज आर्थिक दृष्टि से सम्पन्न हो रहा है लेकिन मानसिक दृष्टि से विपन्न हो रहा है ,उसका मूल कारण है कि समाज के लोगों में स्वार्थनीति बढ़ती जा रही है। आज हम अपने पुरखों से तुलना करें तो वे लोग भले ही आर्थिक दृष्टि से विपन्न…

जैसा की हम सब जानते हैं 10वी से 11वी में कैरियर विकल्प या विषय चयन में कोई विशेष उलझन नहीं रहती हैं, लेकिन 12वी के बाद बहुत सारे रास्ते खुल जाते हैं।

April 18, 2023
✨ *12वीं के बाद मजबूत भविष्य की नींव* ✨ ✍️ *लेखक : कानाराम सिरवी (गुड़ा दुर्जन)* 👉जैसा की हम सब जानते हैं 10वी से 11वी में कैरियर विकल्प या विषय चयन में कोई विशेष उलझन नहीं रहती हैं, लेकिन 12वी के बाद बहुत सारे रास्ते खुल जाते हैं। 12वीं उत्तीर्ण करने के बाद किसी भी…

आज आपा बात कर रियां हाँ.. घर जेडों सुख कठैई नहीं : सीरवी

March 10, 2023
आज आपा बात कर रियां हाँ.. घर जेडों सुख कठैई नहीं : सीरवी राम राम सा आज आपा बात कर रियां हाँ.. घर जेडों सुख कठैई नहीं...हुकुम मनुष्य चाहे संसार रे किन्ही भी कोने में घूम ले, मौज-मस्ती कर ले, स्वर्ग जेड़ो आनन्द भोग ले पर सुख उने अपणे घर में आने ही मिले। घर…

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