मेरे प्यारे भाईयों एवं बहनों
सादर जय श्री आईमाताजी की।
सीरवी समाज सम्पूर्ण भारत डॉट कॉम वेबसाइट की और से आप सभी का हार्दिक स्वागत एंव अभिनंदन है। सर्वप्रथम आप सभी सीरवी भाईयों और बहनों को दीपावली एवं भाई दूज की हार्दिक शुभकामनायें देते हुए माँ लक्ष्मी एवं भगवान गणपति से प्राथना करते हैं कि ज्योति पर्व दीपावली आपके जीवन में आनन्द एवं मंगल के अगणित दीप जलाता रहे। देवी लक्ष्मी एवं भगवान श्री गणेश जी कृपा से आपका घर रिद्धि-सिद्धि एवं धन-धान्य से परिपूर्ण एवं आपका जीवन खुशहाल रहे। अंधेरे के अन्त और उजाले के आगाज का प्रतीक यह त्योहर आपके जीवन और हमारे सीरवी समाज को रौशन करे, यही हमारी मंगल कामना हैं।
हमारा प्रयास कितना सफल या सार्थक होगा, यह हमारी सोच निर्धारित करेगा। मन में संजोए स्वप्न में जितनी स्पष्टता और लक्ष्य पाने की उत्कण्ठा जितनी तीव्र होगी, सफलता भी उसी अनुपात में मिलेगी। स्वप्न या लक्ष्य नहीं होगा तो जीवन में हताशा व्याप्त हो सकती है। लक्ष्यहीनता की परिणति पीड़ादायी होगी ही। समस्त समय यूं ही नष्ट हो गया, कुछ ठोस हासिल नहीं हुआ, यह भाव क्षुब्ध कर सकता है। कहा भी गया है अन्धा होने से बदतर स्थिति उसकी है जिसमें दूरदृष्टि नहीं है।
यह मेरा अडिग विश्वास है कि आगामी समय वर्तमान से बेहतर होगा। जो निरन्तर कार्यरत रहेगा उसमें समाज के हित में योगदान देने की प्रवृत्ति मुखर होगी। निश्चित ही इसमें अन्यों से भी सहयोग और स्नेह मिलेगा आशंका, संशय एवं भय विकास के रोड़े हैं। ये हावी हो जाएंगे तो उन्नति के द्वारा अवरुद्ध, हो जाएंगे। दूरदृष्टि लिए व्यक्ति की नई सम्भावनाओं में आस्था, उसे वर्तमान कठिनाइयों में विचलित नहीं करेगी। समस्या तो दोधारी तलवार होती है, जो हमारे साहस और धैर्य की सतत परीक्षा लेती रहती हैं।
आइए, हम सब मिलकर समस्याओं का समाधान निकालें। हम सब मिलकर कार्य करें। व्यक्ति समाज से बढ़कर नहीं हैं। समाज से ही हमारा अस्तित्व है। मुझे अपने वरिष्ठों अभिभावकों से उम्मीद है कि वे वक्त की नजाकत को समझेंगे तथा छोटी-छोटी बातों से उबरकर समाज को सही परिप्रेक्षय में अपने दिशा-निर्देशों से लाभान्वित करते हुए समाज विकास को गति प्रदान करेंगे। इसी में समाज की भलाई निहित है।
इसी आशा और विश्वास के साथ आपका भाई
मनोहर सीरवी
सह सम्पादक, सीरवी समाज सम्पूर्ण भारत डॉट कॉम