प्रिय समाज बंधुओं, नमस्कार।
हमें,हमारे सामाजिक जीवन में घटित प्रत्येक उन घटनाओं पर समुचित विचार विमर्श कर, समाज हितों में सही निर्णय लेना चाहिए, जिनका परिणाम, सामाजिक भविष्य प्रभावित करता हैं ।
आप जरा विचार करे, कि किसी हवाई जहाज के दुर्घटना ग्रस्त होने व सेकड़ों लोगों के मरने के पश्चात, उस विमान का ब्लेक बोक्स ढूंढ़ कर विस्तृत जाँच,विमान कम्पनियों द्वारा क्यो की जाती हैं?ताकि घटना के कारणों को जान,दूर कर सके तथा हम सभी को यह भरोसा दिलाया जा सके,कि अब कम्पनी के विमान आगामी आपकी हवाई यात्रा के लिए सुरक्षित हैं ,जिसमें हम यात्रा कर सकते हैं ।
कल्पना करें,कि सीरवी समाज के वर्तमान मुख्यागण इन विमान कम्पनियों के मालिक व कर्ता धर्ता हो,जिनका किसी घटना विशेष की जाँच कर कमियाँ दूर करने व अपेक्षित कार्यवाही में विश्वास ही नहीं है,उनके विमान के दुर्घटना उपरान्त, उड़ान की दशा में,अगले यात्री सीरवी समाज के लोग ही हो सकते हैं,क्योकि ये अपनी जान की नही, बल्कि हमारे मुख्यागण की नाकामियों पर पर्दा डालना अपना मुख्य धर्म समझते हैं ।विश्वास के अभाव में अन्य कोई यात्री मिलना सम्भव नही है।
जानते हैं ऐसा क्यो है? क्योकि हमें अपने आप पर विश्वास नहीं है।
घी माताजी के दीपक के लिए जले तब तक उचित है, लेकिन घी दीपक से बाहर बहाये,तो उसे गलत कहने में देर करना समाज हित में कतई नही है।
कृपया सत्य व असत्य में अन्तर अपने स्वविवेक से करे, जिससे की अपना व समाज के हितों का साधन सम्भव हो सके।
अपका समाज बन्धु,
हजारीराम सीरवी,
अजमेर ।
हमें,हमारे सामाजिक जीवन में घटित प्रत्येक उन घटनाओं पर समुचित विचार विमर्श कर, समाज हितों में सही निर्णय लेना चाहिए
