अभी हाल ही में संपन्न वेलूर बड़ेर की प्राण प्रतिष्ठा के पावन अवसर पर बिलाड़ा से श्री आईमाताजी के धर्मरथ भैल का आगमन तमिलनाडू की धन्यधरा पर हुआ। परम पूजनीय दीवान साहब की हार्दिक इच्छा थी कि भैल चेन्नई की बडे़रों में आईपंथ का प्रचार-प्रसार एवं धर्म संवर्धन हेतु ऐतिहासिक भ्रमण करें। इस पुनीत कार्य की बागडोर परम पूजनीय दीवान साहब ने प्रख्यात आईपंथ प्रचारक, सीरवी संदेश पत्रिका के पूर्व सम्पादक, सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य एवं प्रकाण्ड विद्वान श्री दीपाराम जी काग को सौंपी। इस धर्म ध्वज यात्रा को और प्रभावशाली बनाने के लिए भैल के साथ श्री दीपारामजी काग के अलावा वयोवृद्ध जती पूनाबाबा, खेता महाराज,शंकर बाबा और सीरवी समाज के एक अन्य धर्म विभूति जती श्री महेंद्र जी राठौड़ ‘कापसी’ भी मौजूद रहे।
जती श्री महेंद्र जी राठौड़ कापसी को मालवा -निमाड़ में आईपंथ के प्रचार-प्रसार का प्रभार दिया गया हैं। साथ ही जती श्री महेंद्र जी राठौड़ “सीरवी संदेश” पत्रिका के पूर्व में सम्पादक भी रह चुके हैं। इस भूमिका का जती महेंद्र महाराज ने बड़ी शिद्दत के साथ निर्वहन किया है।
चेन्नई में तीन सप्ताह तक चली धर्मरथ भैल की धर्म यात्रा में श्री दीपारामजी काग कृष्ण की भूमिका में नज़र आए तो जती श्री महेंद्र बाबा धर्मधुरंधर अर्जुन के रूप में।
वेलूर बड़ेर की प्राण प्रतिष्ठा के पश्चात धर्म रथ भैल ने चेन्नई शहर की उँचालीस संस्थाओं एवं बड़ेरों का दौरा किया। जिसमें श्री कुमावत समाज एवं सहवाज गाँव के माली समाज द्वारा अयोजित माताजी के धर्मरथ भैल का भव्य बधावा भी शामिल है। हर बड़ेर, हर संस्था में भैल का भव्य पारंपरिक बधावा हुआ। सभी बड़ेरों में राजस्थान का पारंपरिक नृत्य गैर प्रस्तुत किया गया। हर बड़ेर में हजारों की संख्या में आईपंथ अनुयायियों ने प्रगाढ़ आस्था का परिचय देते हुए माताजी के धर्मरथ भैल का भव्य स्वागत किया और इस आयोजन में नई ऊर्जा भर दी।
श्री दीपारामजी काग ने प्रत्येक बडेर में आयोजित धर्मसभा में श्री आई माताजी के इतिहास के साथ खारड़िया सीरवी समाज के इतिहास पर विस्तार से प्रवचन दिए। श्री दीपारामजी काग के धर्मोपदेश को सुनने के लिए लोग चेन्नई समेत तमिलनाड़ू के अन्य क्षेत्रों से भारी संख्या में उमड़े। उन्होंने सरल मारवाड़ी भाषा में चिर परिचित शैली में माताजी के इतिहास का व्याख्यान किया और श्रोताओं को अपनी वाणी से मंत्रमुग्ध कर दिया। चेन्नई के सीरवी समाज के लिए अब तक का यह सबसे अनूठा आयोजन था। इस से पहले आईपंथ के प्रचार-प्रसार को शायद ही इतनी व्यापकता के साथ अयोजित किया गया हो! इस सम्पूर्ण आयोजन को सीरवी समाज सम्पूर्ण भारत डॉट कॉम की सोशल मीडिया इकाई के माध्यम से पूरे विश्व में पैंतीस (35) लाख से अधिक लोगों ने देखा और धर्म लाभ प्राप्त किया।
एक दिन में चार-पांच संस्थाओं में धर्मोपदेश करना चमत्कार से कम नहीं था। श्री दीपारामजी काग के कंठ और वाणी पर इसका प्रभाव साफ नजर आ रहा था मगर उन्होंने पूर्ण श्रद्धा और निष्ठा से इस धर्म कार्य को संपादित किया। सीरवी समाज और आईपंथ के अनुयायियों पर उनके प्रवचन का सकारात्मक प्रभाव पड़ा। श्री दीपाराम जी काग ने अपने धर्मोपदेश से चेन्नई में भक्ति रस की लहर चलाई जो आने वाले कई वर्षों तक लोगों के मानस पटल पर अंकित रहेगी।
जती श्री महेंद्र जी राठौड़ कापसी ने अपने धर्मोपदेश में सनातन संस्कृति पर प्रकाश डाला। उन्होंने हर प्रवचन में शिखा, सूत्र और तिलक के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने धर्म संस्कृति के बीज को अक्षुण्ण रखने में महिलाओं की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने मातृ शक्ति से दैनिक जीवन में आहार और पोशाक को भारतीय पुरातन संस्कृति के दायरों में सुरक्षित रखने की अपील की ताकि भावी पीढ़ी पाश्चात्यकरण के विष से बच सकें।
चेन्नई का सकल सीरवी समाज एवं आईपंथ के अनुयायी आदरणीय श्री दीपारामजी काग, जती श्री महेंद्र जी राठौड़ कापसी ,जत्ती पूनबाबा, खेता महाराज, शंकर बाबा और समस्त बाबा मंडली का इस ऐतिहासिक आईपंथ धर्मप्रचार यात्रा के लिए हार्दिक साधुवाद ज्ञापित करता हैं। आपकी इस चेन्नई यात्रा से आईपंथ की नींव पहले से अधिक मजबूत होगी। इस धर्म ध्वज यात्रा से युवा पीढ़ी को संस्कारयुक्त आदर्श जीवन जीने की प्रेरणा मिलेगी।
प्रस्तुति:-
सीरवी समाज सम्पूर्ण भारत डॉट कॉम
चेन्नई शाखा