आज उनकी बेटी भाग गई… प्रस्तुति:- शांति सुपुत्री श्री सोमाराम जी राठौड़, किशनपुरा पुणे
स्त्री वो है जो वंश को आगे बढ़ाती हैं, जो सिर्फ औरत ही नहीं बल्कि एक माँ , एक बहन, एक बेटी, एक बहू, एक सास, एक जिम्मेदार शक्ति जो न जाने किन- किन कर्तव्यो को निभाती हैं। आज हमारे समाज की मेरी बहुत सारी बहनें पढ़ाई के हर क्षेत्र मे अग्रसर है। यह हमारे लिए गर्व की बात है। हम अक्सर सुनते हैं कि आज उनकी बेटी भाग गई, आज उनकी बहू भाग गई।
आज यह औरत, वह स्त्री, वह बहन जो घर से बिना सोचे समझें बिना बतायें घर से निकल जाती हैं। वे हमारे को कलंक लगाती हैं। अरे क्या हो गया है हमारे समाज की लङकियो को क्यो भाग रही है हमारी बहन बेटियाँ? क्या हमारी के प्रति कोई लगाव, प्रेम, अभिमान नहीं रहा। क्या हम अपने माता पिता- समाज का आदर सत्कार भुल गये हैं।जरा सोचिये, कैसे होगा हमारा भविष्य , जो माता- पिता हमें जन्म देते हैं, जो हमे लाड प्यार से लालन -पालन करते हैं। दिन -रात मेहनत करके हमे पढाते है। हमारी शादी के लिए बड़े- बड़े सपने देखते हैं। भले ही पैसों की कमी हो पर आजकल मैने देखा है कि हर माता पिता अपने बेटे से ज्यादा अपनी बेटियों की वह करूंगा, वो करूंगा ऐसे सपने सजोकर अच्छे घर-परिवार मे शादी करने का सोचते है। लेकिन ऐसी बेटियां पल भर मे सारे रिश्ते-नाते तोड़कर घर से भाग जाती है। अपने माता-पिता के दिल दुखाने एवं उनके सपने को तोङने वाली ऐसी बेटियों को एक पल भी वह ख्याल नहीं आता कि उसके माँ-बाप ने कितने कष्ट उठाकर एवं मेहनत से बङा किया और एक क्षण मे सारे रिश्ते मिटाकर वह दुसरो के साथ चली जाती हैं जो न तो समाज के है और न ही अपनी संस्कृति से मेल रख पाते हैं। जिस इंसान के बहकावे मे आकर सारे रिश्ते तोङ रही हो वो तो अभी-अभी जानने लगा था। लेकिन जिस माँ बाप ने तुम्हे इस योग्य बनाया, जिस समाज मे पलकर तुमने अपना जीवन संवारा, उसे एकदम ही भूलकर अन्य के साथ जीवन बिताने का फैसला कैसे कर लिया? माता पिता आपका अच्छा ही सोचेगे, वो तो आपके परमेश्वर है। समाज मे उनका नाम और इज्जत है। उसे आप मिट्टी मे मिला रही हो। क्या ये सब करके आप खुश हो सकते हो? नही, कभी नही, मेरी प्यारी बहनों जरा तो सोचो।
हमारा समाज इतना सुन्दर, ईमानदार, आदर्शवादी है, जिसकी संस्कृति भी एक निराली है। दूसरों लोग हमारे समाज की प्रशंसा करते हैं। समाज की ऐसी बहन बेटियो के कारण हमारा समाज बदनाम हो रहा है। अपने माता-पिता, सास-ससुर, भाई -बहन की इज्जत की तो परवाह करो। जिसको आप प्यार समझकर, इन *रिश्ते* को ठुकरा रही हो, *क्या वो सच्चा प्यार है?* *क्या वो इंसान सही है?* नही, मेरी प्यारी बहनों, वो तो सिर्फ और सिर्फ दिखावा है। उसके कुछ दिनो के प्रेम के कारण तुम सब रिश्ते तोङ रही हो, उसके कारण एक दिन तुम बीच रास्ते मे छोङ दी जाओगी।माता पिता आप पर विश्वास रखकर काॅलेज , खेलकूद के लिए बाहर भेजते हैं। ताकि आप भविष्य मे अपने पैरों पर खड़ी होकर कुछ कर पाओ। अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए परिवार एवं समाज का नाम रोशन कर सको। लेकिन ऐसी बहन बेटियो के कारण दूसरी लङकिया जो वास्तव मे कुछ करना चाहती है उनका जीवन अंधकारमय हो रहा है। क्योकि समाज मे हो रही ऐसी घटनाओं के कारण माता पिता अपनी बेटियों को कही भी (पढनें, लिखने, खेलकूद) भेजने से घबराते हैं। उनका मनोबल ऐसी घटनाएं सुनकर घिर जाता हैं।
मेरा समाज की सभी बहनों से यही कहना है कि वे कोई ऐसा गलत कदम नही उठायें। क्योकि आपको तो कोई नहीं जानता परन्तु आपके माता पिता को तो पुरा समाज एवं गाँव के लोग जानते है। क्या होगा उन माँ बाप की इज्जत का, जिन्होंने अपनी बेटी की शादी के लिए पत्रिका छपवा दी थी। शादी की तैयारी शुरू कर दी थी। इतना सब करने के बावजूद घर से भाग गई तो वह माँ बाप समाज ,परिवार को क्या मुँह दिखायेगे। ऐसी बहन बेटियो के कारण उनका परिवार ही नही बल्कि समाज शर्मिदगी महसूस करता है। आप स्वयं के भविष्य के बारे मे नही सोचा, लेकिन अपने माता पिता का जीवन तो जरूर बेकार कर दिया। उम्र के इस पङाव पर तुम कुछ नहीं दे सको तो भी कोई बात नहीं लेकिन ऐसी बेइज्जती तो मत करो जिससे उनको अंत समय तक घुट घुट कर जीना पङे। मेरी प्यारी बहनों, इस दुनिया मे आपके लिए माता पिता व समाज समाज से बङा कोई नहीं है। उनका सम्मान करो, उनकी इज्जत करो। उनके बताए रास्ते पर चलोगी, तो आपका भविष्य सुधर जायेंगा, अन्यथा जीवन भर पछताना पङेगा। आप इस काबिल बनो और अपनी काबिलियत से माता पिता, परिवार और समाज का नाम रोशन करो। उनके सपनों को पूरा करने का प्रयास करो। हर बहन बेटी यह शपथ ले कि वे अपने माता-पिता, समाज की इज्जत पर आँच नही आने देगी। उनका और समाज का नाम रोशन करेगी। बहनों औरों को यह दिखा दो कि हम सीरवी समाज की लङकिया भी किसी से कम नहीं है। हम भी कुछ कर सकती है। अन्य जाति के लोग हमारे समाज का नाम रखते हैं, उन्हे दिखा दो कि सीरवी समाज मे कितना बदलाव आया है। आपके माता पिता आपका भला ही सोचते हैं। आपके लिए रिश्ता करेंगे तो सोच समझकर ही करेंगे। उनका आदर करो और आगे बढो। अपने बङो का कहना करोगी तो आपका भविष्य अच्छा ही होगा। ऐसा कदम कभी मत उठाना जिससे आपको बाद मे पछताना पङ जाये। चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात। इस बात पर ध्यान देकर अपने परिवार एवं समाज हित मे सोचते हुए कभी गलत रास्ते पर कदम मत बढ़ाना। मैंने ऐसा देखा है कि जितनी भी समाज की बहनों ने अपने माँ बाप के प्यार को ठुकराकर कुछ दिनों से अन्य का प्यार पाकर सारे रिश्ते ठुकराकर अन्य के साथ भाग गई हैं। वे आज खुश नहीं हैं। कुछ पछतावे मे आकर पुनः अपने घर लौटभी आई है। कही बहने पूर्व मे की गई गलतियों के कारण दर – दर की ठोकरे खा रही है। वह प्यार करने वाला, आज उसे बीच रास्ते पर दर -दर की ठोकरे खाने के लिए बीच रास्ते मे छोङकर भाग गया। माँ बाप अपनी बेटियों द्वारा की गई गलतियों एवं समाज मे बेइज्जती करने के बावजूद माँ की ममता एवं पिता के प्यार के वश होकर पुनः अपनी बेटी को अपना लेते हैं क्योकि उसने अपनी बेटी का दुख देखा नहीं जाता। मेरा सभी बहिनो से यही अनुरोध है कि वे कभी भी ऐसा गलत कदम नही उठायें जिसके कारण बाद मे पछताना पङे। अगर आपको कुछ शिकायत है तो खुलकर अपने पिता से नहीं तो माँ से तो कह ही सकती हो। अपने माँ-बाप के बताये सही मार्ग पर चलेगी तो तुम्हारा भविष्य सुधर जायेंगा, अन्यथा बाद मे पछताना पङेगा।