तहसील मुख्यालय रानी से मात्र 06 किमी दूर मोकमपुरा, वरकाणा, धाणदा, विंगरला, गुड़ा मेहराम, भगवानपुरा, इटन्दरा चारणान, रानी और सर खेजड़ा के मध्य स्थित पंचायत मुख्यालय का गांव है *-बिजोवा।*
सीरवी बाहुल्य छत्तीस कौम की लगभग 2300 घर की बस्ती में लगभग सभी जातियों के लोग बिजोवा में निवास कर रहे हैं।
*बिजोवा में सीरवी समाज के लगभग 650 घर है* जिनमें लचेटा, सोलंकी,बरफा, परमार, सैणचा,काग,देवड़ा, आगलेचा,चौहाण, मुलेवा, गहलोत, राठौड़ और सेपटा यहां पर बसे हुए हैं।
*सीरवी समाज में बिजोवा ऐसा पहला गांव है जहां पर तीनों गादी -बिलाड़ा गादी, बिजोवा गादी एवं बिठौड़ा गादी के बडेर बने हुए हैं और तीनों गादी के पूजक है।*
बिलाड़ा गादी के मानने वाले लगभग 300 घर, बिजोवा गादी के भी लगभग 300 घर एवं बिठौड़ा गादी को मानने वाले लगभग 50 परिवार यहां निवास कर रहे हैं।
यहां पर बिलाड़ा गादी बडेर श्वेत मार्बल में बहुत भव्य बना हुआ है पास में हाल एवं सामने खुला चौक है सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं।पास में ही पुराना न्याति नौहरा है जिस पर भवन बना हुआ है।
*बिलाड़ा गादी बडेर की प्राण प्रतिष्ठा जेठ सुदी बीज दिनांक 27 मई 2017 को श्री आई माताजी धर्म रथ भैल और परम पूज्य दीवान साहब माधव सिंह जी के कर कमलों से हर्षोल्लास से सम्पन्न हुई थी।*
बिजोवा गांव की छड़ी रोप कर *बिजोवा गादी की स्थापना विक्रम संवत् १७१७ में प्रथम दीवान पीर श्री कर्मसिंह जी के द्वारा की गई,उस सफ़ेद गादी पाट स्थल पर पिछली चौदह पीढ़ी द्वारा आराधना की जा रही है।*
*पीर श्री कर्मसिंह जी परमार विक्रम संवत् १७२१ में बिजोवा गादी के प्रथम गादीपति बने,आप श्री आई माताजी के परम भक्त थे आपने विक्रम संवत १७२४ में जीवित समाधि लेने की घोषणा की,विक्रम संवत् १७२४ के जेठ सुदी चौथ बुधवार को जब आप समाधि के लिए रवाना हुए तब आपकी परीक्षा हुई एवं साधु रुप में पीर जी को कहा कि समाधि तो कोई ले सकता है अग्नि स्नान कर संसार छोड़ोगे तब जग में अमर हो जाओगे,इतिहास में दर्ज पीर कर्मसिंह जी के चित्ता में सूर्य देव द्वारा अग्नि अपने आप प्रज्ज्वलित हुई, आपके बाद उसी चित्ता में आपकी धर्मपत्नी वंदना बाई, चम्पा घोड़ी और मोर ने भी पास के तालाब में स्नान कर अग्नि स्नान कर संसार छोड़ दिया। चारों की सामूहिक छतरी एवं छतरी में चारों की चित्रपट मूर्ति आज भी आपकी याद दिलाती है एवं जन जन आपको नमन करता है।*
बिजोवा में बिलाड़ा बडेर के *कोटवाल श्री ढलाराम जी कूपाजी काग, जमादारी श्री शेषारामजी नवाजी बरफा और पुजारी श्री जोधारामजी लूम्बाजी काग* अपनी सराहनीय सेवाएं दे रहे हैं।
बिजोवा बडेर के *कोटवाल एवं पुजारी श्री लकमारामजी हेमाजी लचेटा* अपनी सराहनीय सेवाएं दे रहे हैं। यहां पर पीर जी के निवास स्थान पर ही बिजोवा पाट गादी स्थापित है अतः अलग से जमादारी नहीं होता है।
बिजोवा की गादी पर कर्मसिंह जी के बाद लाधोजी, रुपसिंह जी, रामचन्द्रजी, तेजसिंहजी, सांवलदास जी, रघुनाथ सिंह जी, राजसिंह जी, पृथ्वीराज जी कूपसिंह जी और चिमनसिंह जी हुए। *इनके बाद भूरसिंह जी और भंवरसिंह जी पिछले कुछ वर्षों में ही देवलोक हुए जिनकी सादगी, सरलता एवं देवी भक्ति उच्च स्तर की रही।आप पिता पुत्र को आज भी याद किया जाता है। वर्तमान में बिजोवा गादी के गादीपति पीर श्री नारायण सिंह जी परमार है*। आपके पुत्र माधवसिंह जी के नाशिक में मिठाई के प्रतिष्ठान है।
बिठौड़ा गादी का बडेर काफ़ी छोटे स्थान पर स्थापित है बडेर भी बहुत प्राचीन है यहां पर वर्तमान समय में *कोटवाल और पुजारी श्री पुखराज जी चेनाजी देवड़ा* अपनी सराहनीय सेवाएं दे रहे हैं।
बिजोवा में *सरकारी सेवा* में भी अच्छी भागीदारी है यहां पर *सर्वप्रथम नाम विकलांग अध्यापक स्वर्गीय मेघाराम जी पीथाजी काग* का लिया जा रहा है।श्री श्री जीवराज जी पोमाजी परमार सेवानिवृत शारीरिक शिक्षक है, श्री सुरेश कुमार जी केशरीमल जी सोलंकी सेवानिवृत प्रधानाध्यापक है। स्वर्गीय भूराराम जी पेमाजी गहलोत विद्युत विभाग में लाइनमैन थे, स्वर्गीय भोलाराम जी पन्नाजी परमार पटवारी रहे। श्री जीवराज जी फुआराम जी परमार सेवानिवृत सहायक कृषि अधिकारी हैं और श्री पूनाराम जी नेमाजी लचेटा सेवानिवृत वनपाल है, श्री भीकाराम जी रामाजी काग सेवानिवृत शारीरिक शिक्षक है आप पाली जिले के माने हुए फुटबॉल कोच रहे हैं,श्री भूरारामजी मांगीलाल जी काग दूदवर में शारीरिक शिक्षक है, श्री महेन्द्र कुमार जी घीसूलाल जी सोलंकी रानी में सहायक कृषि अधिकारी है, स्वर्गीय घीसूलाल जी रुपाजी सोलंकी सेवानिवृत पम्प ड्राइवर जलदाय विभाग रहे। श्री भूरारामजी केराजी लचेटा भी पम्प ड्राइवर रहे। स्वर्गीय मानारामजी नवाजी काग शिक्षा विभाग से सेवानिवृत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं, श्री अमराराम जी धन्नाजी गहलोत सेवानिवृत अध्यापक हैं, श्री घीसुलालजी रताजी लचेटा बालिका विद्यालय रानी में अध्यापक है, श्री भोलाराम जी मगाजी सोलंकी सेवानिवृत फौजी है, श्री महेन्द्र कुमार जी शेषाजी देवड़ा सेना में सेवा दे रहे हैं, स्वर्गीय उम्मेदरामजी चमनाजी सेपटा कोपरेटिव में व्यवस्थापक रहे, डॉक्टर राजकुमार जी गलाजी गहलोत मुंबई में BDS है, श्री किशोर कुमार जी गलाजी गहलोत नवी मुंबई में सीए है, श्री कानाराम जी दौलाजी काग भीलवाड़ा जिले में शारीरिक शिक्षक है, श्री धर्मेन्द्र कुमार जी भीकाजी काग चितौड़ जिले में शारीरिक शिक्षक है, श्री कैलाश जी सोहनलाल जी बरफा उदयपुर से MBBS कर रहे हैं, श्रीमती सीता बाई धर्मपत्नी बाबूलाल जी देवड़ा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं, श्री भीमाराम जी मानाजी काग सिविल इंजीनियर है, श्री जीवाराम जी मोतीजी सोलंकी कोपरेटिव सोसाइटी में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं तथा स्वर्गीय आसूलाल जी धूलाजी परमार अध्यापक रहे।
श्री उत्तम भीमाराम जी काग आईआईटी हैदराबाद में सेवा दे रहे हैं, श्री मुकेश भूराराम जी परमार आईआईटी गुजरात में सेवा दे रहे है, श्री सुरेश मालाराम जी सोलंकी रानी में एडवोकेट है श्री सुरेश पुनाराम जी चौहान पुणे में एडवोकेट है *श्री डायाराम जी भूराराम जी काग मुंबई में रिजर्व बैंक इंडिया के मैनेजर हैं,* सुश्री *रिंकू मकनाराम जी बरफा ने इंटीरियर डेकोरेशन में डिग्री हासिल की,आप ऊटी डिवीजन में टॉपर रही है।*
बिजोवा की राजनीति में भी सीरवी समाज की पूरी हिस्सेदारी रही है यहां पर स्वर्गीय *श्री केशरीमलजी पूराजी सोलंकी बिजोवा के चार बार सरपंच रहे, श्रीमती रेखा धर्मपत्नी श्री महेंद्र जी सोलंकी बिजोवा सरपंच रही, श्रीमती रम्भा देवी धर्मपत्नी श्री तेजाराम जी बरफा बिजोवा सरपंच रही, श्रीमती बबली देवी कानाराम जी लचेटा बिजोवा सरपंच रही। स्वर्गीय दलपत सिंह जी नवाजी बरफा तीन बार उप सरपंच रहे, श्री घीसुलालजी चतराजी काग उप सरपंच रहे, श्री तेजाराम जी दलपतसिंह जी बरफा वर्तमान में पंचायत समिति सदस्य रानी है।*
श्री नेमारामजी भल्लाजी आगलेचा विश्व हिंदू परिषद के प्रखंड अध्यक्ष हैं,आप भारतीय किसान संघ जिला पाली के जैविक प्रमुख भी है।
*श्री मांगीलालजी नगारामजी लचेटा एडवोकेट है आप भाजपा में नींव के पत्थर रुप में सेवा देते हुए सीरवी समाज के बिजोवा से उभरते सितारे हैं आप वर्तमान में एबीवीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष है। और यूपी के सह संगठन मंत्री का दायित्व निर्वहन कर रहे हैं,आप भाजपा में आईटी सेल दिल्ली के प्रभारी भी है। आपके राजनीतिक कैरियर में उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं।*
बिजोवा का नाम रोशन करने में पेशे से शिक्षक *श्री घीसूलाल जी लचेटा मंच संचालन के माध्यम से अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं* और बेहतर मंच संचालन कर लोगों को बांधे रखने में महारत रखते हैं
बिजोवा से व्यापार व्यवसाय में सीरवी बंधु- बिजोवा, रानी, अहमदाबाद, मुंबई, पुणे, सूरत, नासिक, कोल्हापुर, वापी, वलसाड, नवसारी, सिलवासा और चेन्नई में सफलतापूर्वक व्यापार में आगे बढ़ रहे हैं।
बिजोवा से सर्वप्रथम दक्षिण भारत जाने वालों में श्री शेषाराम जी नवाजी बरफा चेन्नई गए, श्री उम्मेदराम जी खीमाजी गहलोत मुंबई गए।
बिजोवा के सीरवी बन्धुओं का विकास कार्य में भी काफी अच्छा योगदान है जिनमें श्री नवाजी फताजी बरफा द्वारा मुख्य फलां से चौहटा तक सड़क मार्ग का निर्माण करवाया गया।श्री शेषारामजी नवाजी बरफा द्वारा बडेर में हाॅल और कार्यालय का निर्माण करवाया गया।स्वर्गीय खीमाराम जी पेमाजी बरफा द्वारा खेड़ेश्वर महादेव मंदिर का प्रवेश द्वार बनवाया। श्री जीवाराम जी मूलाजी बरफा द्वारा फलां पर प्याऊ का निर्माण करवाया गया श्री केनाराम जी फुआजी बरफा द्वारा न्याति नौहरा के पास चबूतरे का निर्माण करवाया। श्री भोलाराम जी पेमाजी एवं श्री भोलाराम जी पन्नाजी परमार द्वारा शमशान में हाल बनवाई गई ।श्री चेनाराम जी भेराजी गहलोत द्वारा मामा जी मंदिर केना नाडा पर प्रवेश द्वारा बनवाया गया। स्वर्गीय हकारामजी गजाजी देवड़ा द्वारा खोखरोजी बावजी मंदिर के मुख्य सड़क मार्ग पर प्रवेश द्वारा बनवाया गया ।
दक्षिण भारत के बडेर संगठन के पदाधिकारी रूप में श्री सोहनलाल जी देवाराम जी बरफा नालासोपारा मुंबई बडेर के अध्यक्ष हैं। श्री तेजाराम जी सुजाजी लचेटा निगड़ी पुणे बडेर के पूर्व अध्यक्ष है। श्री जीवाराम जी मूलाजी बरफा नवसारी बडेर के अध्यक्ष रहे हैं। श्री रतारामजी मोडाजी देवड़ा वसई मुंबई बडेर के पूर्व अध्यक्ष है। श्री दरगाराम जी मूलाजी बरफा नवसारी के वर्तमान अध्यक्ष है। श्री वागाराम जी केसाजी हाम्बड़ नेहरू नगर पुणे बडेर के अध्यक्ष है। श्री चुन्नीलाल जी कूपाजी सोलंकी कोथरुड पुणे बडेर के उपाध्यक्ष है।
बिजोवा में भी श्री आईजी बडेर समिति का गठन किया हुआ है जिसके अध्यक्ष चुन्नीलालजी कूपाजी सोलंकी, उपाध्यक्ष प्रथम श्री सोहनलाल जी देवाजी बरफा, उपाध्यक्ष द्वितीय श्री जीवाराम जी मूलाजी बरफा, उपाध्यक्ष तृतीय श्री राजारामजी खींवाजी बरफा,सचिव श्री मांगीलाल जी दल्लाजी बरफा और कोषाध्यक्ष श्री किशोरकुमार जी गुल्लाराम जी गहलोत है।
बिजोवा में श्री आई माताजी धर्म रथ भैल का भव्य बधावा किया गया रात में विशाल धर्म सभा का आयोजन हुआ जिसमें माताओं बहनों और बांडेरुओं ने पूर्ण मनोयोग से माताजी के इतिहास को सुना एवं प्रसन्नता व्यक्त की।
*बिजोवा की धरती पर सन् 1981 में हुए हत्याकांड के बाद सीरवी समाज में हुए विघटन को आज तक बिजोवा की पीढ़ियां भुगत रही है, मां श्री आई माताजी से कामना करता हूं कि गांव बिजोवा में फिर से एकता कायम हो, गांव का चंहुमुखी विकास हो और सभी ख़ुशहाल रहें।*
जय आईजी री सा।
– दीपाराम काग गुड़िया।