बाली तहसील मुख्यालय से मात्र 06 किमी दूर केरापुरा,रडावा,पुनाड़िया,लालराई,डूंगरली, मुंडारा और सादलवा के मध्य पंचायत मुख्यालय का फालना से सादड़ी मार्ग पर बसा हुआ गांव है *-कोट बालियान*।
छत्तीस कौम के लगभग 1000 घर की बस्ती में सीरवी देवासी, जणवा, राजपूत, कुम्हार, वैष्णव, सुथार, घांची ब्राह्मण,जैन, गोस्वामी, माली,जोगी, गाडोलिया लौहार, मेघवाल, सरगरा और गर्ग यहां पर निवास कर रहे हैं।
कोट बालियान आईओसी तेल पाइपलाइन का बड़ा पंपिंग स्टेशन है।
*कोट बालियान में सीरवी समाज की छः गौत्र और बारह घर थे उस समय यहां पर एक से बढ़कर एक दो बडेर बना कर प्राण प्रतिष्ठा करवाई गई है,* जिनमें वर्तमान में लगभग बत्तीस घर है।एक बडेर में 21और दूसरी बडेर में 11 घर है। जिनमें मुख्य कर *दोनों बडेर में अग्रणी सोलंकी श्री चैनाराम जी एवं नेनारामजी ही है*। अन्य गौत्र में परमार, मुलेवा, राठौड़, देवड़ा और सेपटा यहां पर बसे हुए हैं।
पहली बडेर की प्राण प्रतिष्ठा दिनांक 28 मई 2005 शनिवार को श्री आई माताजी के धर्म रथ भैल और परम पूज्य दीवान साहब माधव सिंह जी के कर कमलों से संपन्न हुई थी।
दूसरी बडेर की प्राण प्रतिष्ठा विक्रम संवत २०७१ जेठ सुदी चौथ सोमवार दिनांक 02 जून 2014 को श्री आई माताजी धर्म रथ भैल और परम पूज्य दीवान साहब माधव सिंह जी के कर कमलों से हर्षोल्लास से सम्पन्न हुई थी।
कोट बालियान में *दोनों बडेर में अलग-अलग कोटवाल जमादारी है जिनमें कोटवाल श्री जेठारामजी लादाजी परमार एवं श्री नेनारामजी धूलाजी सोलंकी, जमादारी श्री पुखराज जी भूराजी सोलंकी एवं श्री रामलाल जी खीमाजी सोलंकी तथा पहली बडेर में पुजारी श्री मुंडारा के विक्रम पुरी जी तथा दूसरी बडेर में परिवार जन श्री आई माताजी की पूजा अर्चना कर रहे हैं*।
यहां पर श्री आई माताजी धर्म रथ भैल का बधावा इस बार दूसरी बडेर में किया गया।बडेर श्वेत मार्बल में बहुत शानदार बनाई हुई है *यहां पर कोटवाल श्री नेनारामजी सोलंकी श्री आई माताजी के प्रति बहुत समर्पित एवं भैल के विदा होने तक पूर्ण रूप से सेवाभावी रहे*।
सरकारी नौकरी में यहां से सुश्री नीलम पुत्री श्री गोमाजी सोलंकी डाक्टर बनी है, सुश्री डिम्पल पुत्री श्री नारायण लाल जी परमार पूना में सीए है।
गांव बड़ा लेकिन सीरवी समाज के घर कम होने से सीरवी समाज की राजनीति में भागीदारी शून्य हैं।
व्यापार व्यवसाय में यहां से सीरवी बंधु केवल कोट बालियान के अलावा रानी और पूना नगर में अपने गांव का नाम रोशन कर रहे हैं।
यहां से सर्वप्रथम दक्षिण भारत जाने वालों में श्री चेनाराम जी, भूराराम जी, देवाराम जी पुत्र श्री चमनाजी सोलंकी पूना गये थे।
ग्राम विकास के कार्य में श्री चेनाराम जी भूराराम जी, देवाराम जी पुत्र श्री चमनाजी सोलंकी द्वारा श्री आईजी विद्यापीठ जवाली में तीन कमरे निर्माण करवाये गये।
दक्षिण भारत में बडेर संगठनों के पदाधिकारी रूप में *श्री जगारामजी देवाजी सोलंकी भोजापुर पुणे बडेर के अध्यक्ष रहे हैं।*
कोट बालियान सीरवी समाज के चंहुमुखी विकास और खुशहाली की मां श्री आईजी से कामना करता हूं -दीपाराम काग गुड़िया।