तहसील मुख्यालय देसूरी से 18 किमी दूर उन्दरथल, सरथूर, भीटवाड़ा, सिन्दरली और गिराली के मध्य पंचायत मुख्यालय का गांव है – *बड़ौद*।
*मात्र 250 घर की बस्ती बड़ौद में सीरवी समाज का बाहुल्य है।* अन्य जातियों में देवासी, राजपूत, मेघवाल, कुम्हार, मालवीय लौहार, सुथार, माली,भील, रंगास्वामी,नाथ, जोगी,नाई, ढोली और हाटिया यहां पर बसे हुए हैं।
बड़ौद में सीरवी समाज के लगभग 131 घर है जिनमें सोलंकी,काग, परिहारिया, लचेटा, परमार और मुलेवा यहां पर निवास कर रहे हैं।
श्री आई माताजी बडेर में पाट स्थापना लगभग *विक्रम संवत् २०१६* में की हुई बताई जाती है, लगभग 10 वर्ष पूर्व जीर्णोद्धार के साथ पुनः सामान्य आयोजन कर पाट स्थापना की गई लेकिन भैल और दीवान साहब को आमंत्रित कर बड़ा आयोजन नहीं किया गया। बाहर पोल तथा अन्दर बडेर के पास जमादारी परिवार का आवास है। बडेर के पास छोटा सा हाल भी है।
अब गांव में ही मुख्य सड़क मार्ग पर शानदार *सीरवी समाज का समाज भवन तैयार हो चुका है* विद्युत फिटिंग और कुछ छोटा-मोटा काम पूरा होने पर यहां सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हो जाएगी।
यहां पर वर्तमान में *कोटवाल श्री जगारामजी कूपाजी सोलंकी, जमादारी श्री रुपारामजी रताजी काग और पुजारी श्री दौलाराम जी ओटाजी सोलंकी* अपनी सराहनीय सेवाएं दे रहे हैं।
यहां से सरकारी सेवा में श्री केनाराम जी वीरमजी सोलंकी लाइनमैन बीएसएनएल से सेवानिवृत है, *डॉक्टर श्री मांगीलाल जी अचलाजी सोलंकी दिल्ली विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर* के पद पर अपने समाज और गांव का नाम रोशन कर रहे हैं। *डाॅक्टर श्री नरेश भेराजी काग जोधपुर में रेडियोलॉजिस्ट* के पद पर तथा आपकी धर्मपत्नी *डाक्टर श्रीमती मधु नरेश जी काग भी जोधपुर* में सेवा दे रहे हैं। श्री *मुकेश रुपारामजी काग बीएचयू काशी में नर्सिंग आफिसर* के पद पर आसीन है। श्री भानाराम जी अमराजी सोलंकी पूना में इंजीनियर के रूप में सेवा दे रहे हैं, *श्री लकमाराम जी ओगड़जी परिहारिया* बिजोवा में वरिष्ठ अध्यापक पद तथा *श्री आईजी शिक्षण संस्थान रानी द्वारा संचालित श्री आईजी मोतीबाबा इंग्लिश स्कूल रानी में शिक्षा समिति के सचिव पद* पर कार्यरत हैं, श्री सुरेश जी धन्नाजी काग मर्चेंट नेवी में सेवा दे रहे हैं, श्रीमती विनीता स्वर्गीय कमलेश जी काग माताजी वारा में अध्यापक लेवल 2 अंग्रेजी के पद पर कार्यरत हैं, श्री अजय मन्नाराम जी काग ने एमबीबीएस किया है।
बड़ौद सीरवी समाज भी राजनीति में शून्य रहा है किसी भी प्रकार का चुनावी पद अभी तक यहां पर नहीं पाया है।
व्यापार व्यवसाय में यहां से रानी,बाली, अहमदाबाद, बड़ौदा, सूरत, मुम्बई, पूना और नाशिक में सीरवी बंधु सफलता के झंडे गाड़ रहे हैं।
यहां से सर्वप्रथम दक्षिण भारत जाने वालों में श्री रुपारामजी नथाजी काग रानी गये आज भी ओटा-रुपा के नाम से आपकी फर्म को पहचाना जाता है। श्री नगारामजी खीमाजी सोलंकी सूरत, स्वर्गीय देवाराम जी दरगाजी काग अंकलेश्वर और श्री भीकाराम जी गेनाजी काग मुम्बई गये थे।
ग्राम विकास के कार्य में श्री वीरमराम जी सुजाजी सोलंकी ने बड़ौद विद्यालय में कमरा निर्माण करवाया, बड़ौद में ही श्री सीताराम बगीची के पास अवाला निर्माण करवाया। स्वर्गीय वेलारामजी रामाजी सोलंकी ने सरथूर मार्ग चौराहे पर प्याऊ बनवाई, श्री पीथारामजी दूदाजी सोलंकी द्वारा ग्राम पंचायत के सामने कबूतरों का चबूतरा बनवाया, श्री सखारामजी अमराजी सोलंकी द्वारा खेड़ा देवी मंदिर के पास टांका निर्माण करवाया। श्री सफाराम भीकाजी काग द्वारा ग्राम पंचायत बडौद में उद्यान का निर्माण करवाया तथा राजकीय विद्यालय में रंगरोगन का कार्य भी करवाया। श्री प्रकाश शेषाराम जी सोलंकी ने ग्राम पंचायत मुख्यालय का मुख्य द्वार का निर्माण करवाया ,श्री जोताराम लालाजी काग ने शमशान भूमि,भाखर वाले हनुमान जी तथा मां खेड़ा देवी मंदिर तक वृक्षारोपण का कार्य करवाया।
दक्षिण भारत में बडेर संगठनों के पदाधिकारी रूप में श्री *ओटाराम जी वीरमजी काग आर्कुड़ी पूना बडेर में अध्यक्ष पद पर आसीन रहे*।
बड़ौद गांव में श्री आईजी सीरवी सेवा संस्थान बड़ौद के नाम से सीरवी समाज का ट्रस्ट बना हुआ है, जिसके पदाधिकारी निम्नानुसार है –
*श्री पूराराम जी वीरमजी सोलंकी अध्यक्ष, श्री केनाराम जी वीरमजी सोलंकी सचिव तथा श्री लकमाराम जी ओगड़जी परिहारिया कोषाध्यक्ष पद* का दायित्व निर्वहन कर रहे हैं।
यहां के श्री नेनारामजी गोपाजी लचेटा गौ सेवा में तन मन धन से लगे रहते हैं एवं सच्चे गौ भक्त हैं।
बड़ौद गांव की शोभा में चार चांद लगाने वाली *श्री सीताराम बगीची* को सच्चे कर्मयोगी रुप में सींचने में सीरवी समाज के तपस्वी संतों का अविस्मरणीय योगदान रहा है।
इस बगीची की स्थापना श्री *मूला बाबाजी पुत्र श्री मोटाजी काग* के द्वारा की गई एवं श्री सीताराम जी संत को यहां विराजमान किया। श्री मूला बाबाजी तपस्वी संत रहे इस बगीची में ही आपकी समाधि है जिसे जन जन श्रद्धा से नमन करते हैं।
*बड़ौद के ही श्री शंभू नाथ जी पीथाजी काग भी तपस्वी संत* रहे आपने ग्राम टोकरला में रहते हुए भोलेनाथ बगीची में तपस्या की एवं टोकरला में ही समाधि ली।आज भी यहां पर श्रद्धालु नमन करते हैं।
*बड़ौद के ही श्री संध्या नाथ जी चेलाराम जी परिहारिया* ने सेहवाज में तपस्या की। सेहवाज के आश्रम में 100 बीघा जमीन है। आपने सेहवाज में ही समाधि ली थी।
*बड़ौद में श्री खूमाजी गोमाजी सोलंकी* श्री आई माताजी के ईष्ट के परम भक्त थे जो लगातार आसपास के दुःखी जन की आयुर्वेदिक चिकित्सा कर सबको निरोगी बनाते थे। आप जड़ी बूटियों के अच्छे जानकार थे एवं आपके घर पर लोगों की भीड़ लगी रहती थी।
मिरगेसर से बड़ौद सरथूर में आये लचेटा परिवार में *श्री पदमाजी महाराज लचेटा* ने मिरगेसर में जीवित समाधि ली थी। अब मिरगेसर में कोई लचेटा परिवार नहीं है।
बड़ौद में श्री आई माताजी धर्म रथ भैल का भव्य बधावा किया गया शाम को संध्या आरती और रात में धर्म सभा में माताओं बहनों और बांडेरुओं ने श्री आई माताजी के इतिहास को सुना एवं प्रसन्नता व्यक्त की।
सीरवी समाज बड़ौद के चंहुमुखी विकास की मां श्री आईजी से कामना करता हूं -दीपाराम काग गुड़िया।